दरगाह प्रबंधक रजिया दान के पैसे से काजू किशमिश व बादाम के साथ गटक गयी लाखों का पेट्रोल,,,
ऐतिहासिक दरगाह साबिर पाक के दान के पैसे से दरगाह प्रबंधक कर रही खिलवाड़,,,
हरिद्वार:
दरगाह प्रबंधक रजिया के द्वारा किये जा रहे दान के पैसे की वित्तीय अनियमितता के दिन प्रतिदिन नये नये मामले उजागर हो रहे है। उनके द्वारा उच्च अधिकारियों के नोटिश का या फिर वक्फ बोर्ड उत्तराखंड के सीईओ के निरीक्षण में मिली वित्तीय अनियमितताओं के बारे में कोई सन्तुष्ट जवाब नहीं दिये जाने से प्रशासन भी नाखुश बताया जा रहा है। जिला अधिकारी हरिद्वार/प्रशासक दरगाह मयूर दीक्षित ने स्वयं संज्ञान लेकर 7 जून की डेटलाइन प्रबंधक को दी थी अब देखना यह होगा कि अपनी सफाई में प्रबंधक महोदया ने जिलाधिकारी महोदय को वित्तीय अनियमितता व क्रॉकरी ,लंगर , सफाई आदि में पैसे के दुरुपयोग किया जाने का क्या जवाब दिया है। इतना जरूर है कि प्रबंधक की मनमानी हठधर्मी से दरगाह के दान के पैसे का दोनों हाथों से दुरुपयोग प्रबंधक द्वारा किया जा रहा है सूचना प्राप्त करने पर लाखों का पेट्रोल भी अपनी निजी गाड़ी में फूंक कर अधिकारियों की नजरों में धूल झोंकने का काम प्रबंधक का उजागर हो चुका है।
विश्व प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक की व्यवस्थाओं की देखरेख के लिए स्थापित दरगाह कार्यालय का निजाम एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गया है। दरगाह प्रबंधक की कार्यशैली को लेकर वक्फबोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और अब जिलाधिकारी कार्यालय दोनों ही एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। दो अलग-अलग स्तरों से सामने आए जांच पत्रों ने दरगाह प्रबंधन में व्याप्त भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितताओं को उजागर कर दिया है..! ये पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया है।
वक्फबोर्ड सीईओ का औचक निरीक्षण: लंगर में मिलीं खामियां….
1 जून 2025 को उत्तराखंड वक्फबोर्ड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सैय्यद सिराज उस्मान ने दरगाह परिसर स्थित साबरी लंगर और भंडार गृह का औचक निरीक्षण किया था। पत्र के मुताबिक निरीक्षण के दौरान कई हैरान कर देने वाली अनियमितताएं सामने आईं थी। स्टॉक रजिस्टर में एंट्रियां लंबे समय से अपडेट नहीं थीं और भौतिक सत्यापन के समय रजिस्टर में दर्ज सामग्रियों की वास्तविक मात्रा में भारी अंतर पाया गया।
लंगर में ड्राईफ्रूट की चीज़ें जैसे काजू, बादाम, किशमिश आदि नदारद थीं, जबकि रिकॉर्ड में वह उपलब्ध दर्शाई गई थीं। जानकारी करने पर बताया गया कि ये सामग्री प्रबंधक के संरक्षण में रहती है। क्रॉकरी के मामले में भी हेरफेर सामने आई। अप्रैल 2025 में खरीदी गई नई क्रॉकरी मौके पर नहीं पाई गईं। जबकि क्रॉकरी क्रय के बिल भुगतान के लिए प्रस्तुत किए गए है। ऐसे में प्रशासनिक निगरानी की गंभीर कमी और संसाधनों की हेरा-फेरी का मामला स्पष्ट होता दिखाई पड़ रहा है।
अब जिलाधिकारी का नोटिस: जवाब तलब, कार्रवाई की चेतावनी….
इसी मामले में अगली कड़ी के रूप में 1 जुलाई 2025 को जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से दरगाह प्रबंधक रजिया बेगम को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) फिंचाराम चौहान द्वारा भेजा गया, जिसमें दरगाह प्रबंधक से 7 जुलाई तक लिखित या मौखिक रूप से जवाब देने को कहा गया है।
इस पत्र में कहा गया है कि दरगाह प्रबंधन के खिलाफ स्थानीय नागरिकों, अकीदतमंदों, दुकानदारों और व्यापारियों की ओर से भ्रष्टाचार, पद के दुरुपयोग और कार्य में अनियमितताओं की गंभीर शिकायतें मिली हैं। इन शिकायतों के आधार पर पहले ही उपजिलाधिकारी रुड़की को जांच अधिकारी नामित किया जा चुका है, जिनकी रिपोर्ट के आधार पर यह नोटिस भेजा गया है।
सोशल मीडिया पर सवाल, पारदर्शिता की मांग….
वायरल हुए दोनों पत्रों ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। स्थानीय लोग दरगाह प्रबंधन की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं और ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। धार्मिक महत्व की इस ऐतिहासिक दरगाह में कथित रूप से हो रहे कदाचार को लेकर अब लोग जागरूक हो चुके हैं और जवाबदेही की मांग की जा रही है।
अब आगे क्या?
प्रशासन ने 7 जुलाई तक जवाब मांगा गया था ।अब जब तक कोई कार्यवाही उनके खिलाफ जिलाधिकारी के स्तर से नहीं हो जाती जब इस पूरे मामले में कुछ कह पाना मुश्किल ही होगा ।यदि संतोषजनक जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया तो दरगाह प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि अब दरगाह की आड़ में कोई भी लापरवाही या भ्रष्टाचार छुपा नहीं रह सकेगा।