2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा कोंग्रेस में हरिद्वार सीट पर आमने सामने की टक्कर के बन रहे आसार:

2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा कोंग्रेस में हरिद्वार सीट पर आमने सामने की टक्कर के बन रहे आसार:

2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा कोंग्रेस में हरिद्वार सीट पर आमने सामने की टक्कर के बन रहे आसार:

लोकसभा चुनाव 2024 के बिगुल में मुख्य राजनीतिक दल जहां एक दूसरे को चित करने में पूरी जोर आजमाइश में,वहीं निर्दलीय विधायक भी अपने लिये क्षेत्र की छान रहे खाक,,,

हरिद्वार।
अनवर राणा।
भारत वर्ष के अंदर बज रहे लोकसभा चुनाव 2024 के बिगुल में मुख्य राजनीतिक दल जहां एक दूसरे को चित करने में पूरी जोर आजमाइश कर रहे है तो वही हरिद्वार लोकसभा में कुछ अलग ही देखने को नजर आ रहा है। ऋषिकेश, डोईवाला,धर्मपुर, हरिद्वार, हरिद्वार ग्रामीण, ज्वालापुर, रानीपुर, भगवानपुर, कलियर, लक्सर, खानपुर, झबरेड़ा, रुड़की व मंगलौर समेत कुल 14 विधानसभा के साथ सन 1977 में लोकसभा हरिद्वार के नाम से गठित हुई इस सीट पर करीबन बीस लाख से अधिक मतदाता है जहां पर अभी तक तेरह आम चुनाव व एक उपचुनाव हुआ है जिसमे छह बार बीजेपी, पांच बार कांग्रेस, दो बार लोकदल तो एक बार समाजवादी पार्टी ने अपना परचम लहराया है। वही राज्य गठन की बात करे तो 2004 में समाजवादी पार्टी व 2009 में कांग्रेस पार्टी ने हरिद्वार सीट से प्रतिनिधित्व किया है। सन 2019 के लोकसभा चुनाव की बात पर गौर करे तो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ० रमेश पोखरियाल निशंक ने 6 लाख 65 हजार 674 लेकर विजेता बने थे दूसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी के अमरीश कुमार 4 लाख 6 हजार 945 वोट तथा बसपा से डॉ० अंतरिक्ष सैनी 1 लाख 73 हजार 528 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे लेकिन अबकी बार चुनाव बड़ा दिलचस्प मोड़ ले चुका है जहां पर भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर दांव खेला है तो वही कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत पर दांव लगाया है साथ ही बहुजन समाज पार्टी ने भी भावना पांडे पर दांव चला जिन्होंने रातों रात बीजेपी को समर्थन दे दिया फिर बसपा ने दोबारा पूर्व विधायक मौलाना जमील अहमद को अपना उम्मीदवार बनाया है तो वही प्रदेश के सबसे चर्चित जनता विधायक उमेश कुमार ने चुनावी मैदान में ताल ठोककर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। भारतीय जनता पार्टी जहां सीएए जैसे मुद्दे पर किसी भी सूरत में सीट को जीतने का दमखम लगा रही है तो वही कांग्रेस भी विकास के मुद्दे पर अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र के सहारे पूरी जोर आजमाइश कर रही है तो वही अब बसपा पूर्व विधायक मौलाना जमील अहमद के सहारे नैया पार लगाने की जुगत में है। लेकिन राजनितिक दलो से दूर एक नाम और चुनावी मैदान में है जिससे मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद जताई जा रही है,लेकिन कोंग्रेस पार्टी के नेताओ की माने तो वो सिर्फ भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिये तरह तरह का प्रोपगंडा रचकर चुनाव मैदान में उतरा हुआ ओर हरिद्वार की जनता भी इनके बारे में ओर भाजपा नेताओं के सम्बंध के बारे में भलीभांति जान चुकी है। ये तो भविष्य के गर्भ में है कि आखिर हरिद्वार लोकसभा सीट से प्रतिनिधित्व करने का सेहरा किसके सिर बंधेगा।

उत्तराखंड