गांव की पंचायत में सामाजिक बहिष्कार का ऐलान करने के बावजूद नशा करना और बेचना एक परिवार को पड़ा महंगा,,,

गांव की पंचायत में सामाजिक बहिष्कार का ऐलान करने के बावजूद नशा करना और बेचना एक परिवार को पड़ा महंगा,,,

गांव की पंचायत में सामाजिक बहिष्कार का ऐलान करने के बावजूद नशा करना और बेचना एक परिवार को पड़ा महंगा,,,
देहरादून:
गांव की पंचायत में सामाजिक बहिष्कार का ऐलान करने के बावजूद नशा करना और बेचना एक परिवार को महंगा पड़ गया। परिवार के एक युवक की मौत होने पर गांव वालों ने ना तो उसे कब्रिस्तान में दफनाने की इजाजत दी और ना ही नमाज ए जनाजा पढ़ने के लिए कोई तैयार हुआ। कई घंटे तक विवाद की स्थिति बनी रही और युवक का जनाज़ा आखिरी नमाज़ व सुपुर्दे ख़ाक होने का इंतजार करता रहा। बाद में ग्राम प्रधान और गांव के अन्य लोगों की मौजूदगी में दोनों पक्षों को समझाया गया। परिवार के लोगों ने आगे से नशा करने और बेचने से तौबा करते हुए लिखित आश्वासन दिया, तब नमाज ए जनाज़ा पढ़कर शव को सुपुर्दे ख़ाक किया गया। देहरादून के विकास नगर क्षेत्र में सामने आया यह मामला खुलेआम नशा करने और नशे का धंधा करने वालों के लिए इबरत का वाक्या बन गया। जिससे यह भी पता चलता है कि कानूनी कार्रवाई से अलग यदि समाज और समाज की जिम्मेदार लोग एकजुट होकर ठोस फैसलें लें तो नई नस्ल को बर्बाद करने वालों को काफी हद तक सुधारा जा सकता है।
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सात हजार की आबादी वाला है गांव
विकास नगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत खुशहालपुर में करीब सात हजार की आबादी है। कई परिवार बरबाद होने के साथ गांव में नशा बेचने और नशा करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए सामाजिक परिवर्तन नामक संस्था ने मुहिम शुरू की। जिसको लेकर इस गांव में दो बार पंचायत हुई। जिसमें तय हुआ कि जो परिवार नशे की गतिविधियों में शामिल होगा, उसका सामाजिक बहिष्कार होगा। कई परिवारों ने भविष्य में ऐसा न करने का वादा किया। लेकिन एक परिवार पर आरोप है कि उसने न तो पंचायत में भागीदारी की और न नशे से खुद को दूर रखा। इस पर गांव वालों ने पंचायत कर उस परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया था। इसी परिवार में बुधवार की सुबह एक युवक की मौत हो गई। इस पर संस्था ने पूर्व में लिए गए निर्णय के आधार पर युवक की नमाज-ए-जनाजा नहीं पढ़ाए जाने और गांव के कब्रिस्तान में कब्र के लिए जगह देने का विरोध कर दिया। जिससे परिवार के हाथ पांव फूल गए और वह परेशान हो गए कि अब क्या करें।
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फिर से बुलानी पड़ी पंचायत
मृतक युवक के परिजन गुहार लगाते रहे। इस पर गांव में फिर से पंचायत हुई। संस्था के पदाधिकारी शाहनवाज खान ने बताया कि ग्राम प्रधान सादिक रहमान और अन्य ग्रामीणों की मौजूदगी में मृतक के परिवार से भविष्य में नशे से संबंधित गतिविधियों में शामिल नहीं रहने का लिखित आश्वासन लिया गया है। तब सामाजिक बहिष्कार वापस लेते हुए युवक के शव को नमाज़ ए जनाज़ा के बाद सुपुर्दे खाक किया गया। उन्होंने बताया कि नशे की रोकथाम को लेकर सभी ग्रामीण एकजुट हैं। वे हर उस व्यक्ति का बहिष्कार करेंगे, जो नशा बेचकर युवाओं को बरबाद करने की गतिविधियों में शामिल रहेगा। पंचायत में ग्राम प्रधान सादिक रहमान, अकरम, कासम, आबिद, प्रवेज अली, रियासत अली, राशिद अली, हैदर आदि मौजूद रहे।

उत्तराखंड