जिला प्रशासन हरिद्वार के पास पड़ा सेवारत प्रशासनिक कर्मचारी नियुक्त करने का अकाल,,,,।
विकास खण्ड रुड़की कार्यालय व साबिर पाक दरगाह,रहमानिया मदरसा का वित्तीय कार्यभार दो माह बीतने पर भी रिटायरमेंट अकाउंटेंट सफीक अहमद के ही हवाले ,,,,।
रुड़की।
अनवर राणा।
विकास खण्ड रुड़की में अकाउंटेंट के पद पर काफी समय काबिज रहे सफीक अहमद के पास दरगाह साबिर पाक कलियर व रहमानिया मदरसे का अतिरिक्त वित्तीय सम्बन्धी जिम्मा जिला प्रशासन के द्वारा दिया हुआ है।लेकिन अकाउंटेंट सफीक अहमद लगभग दो माह पूर्व सेवानीवर्त होने के बावजूद भी उक्त तीनो पदों पर तैनात चल रहा है।जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि जिला प्रशासन हरिद्वार में ऐसा सेवारत कोई कर्मचारी नही है ,जिसको उक्त पदों पर स्थायी नियुक्ति दी जा सके या यूं कहे कि जिला प्रशासन पर अकाउंटेंट का अकाल पड़ गया है।क्योंकि करोड़ो रुपये माह की फाइल रुड़की विकाश खण्ड व करोड़ो के खातों व लेनदेन की फाइल दरगाह कार्यलाय तथा प्रतिमाह रहमानिया मदरसे की वित्तीय कार्यवाही क्या सेवानीवर्त व रिटायर कर्मी के द्वारा करवाना नियम विरुद्ध नही है।जनता का मानना है कि कलियर दरगाह से सम्बन्धित फर्जी कोटेशन व बिल बोचर की फाइल तैयार कर भुगतान कर अवैध कमाई करने में भी उक्त कर्मचारी कोई कोर कसर नही छोड़ रहा है।यही कारण है जो अधिकारियों से मधुर सम्बन्ध बनाकर सफीक अहमद अपने सभी पदों पर रिटायरमेंट के बावजूद जमा हुआ है ओर अधिकारी भी मोन साध रहे हैं।सवाल यह उठना लाजमी है कि बिना प्रशासनिक व सेवारत कर्मचारी द्वारा अगर वित्तीय कार्यो में गड़बड़ी की जाती रही तो कौन जिम्मेदार होगा,जबकि प्रशासन पर अन्य कर्मचारी होने के बावजूद आखिर क्या मजबूरी है कि सफीक को रिटायरमेंट के बाद भी नही हटाया जा रहा है।सूत्रों से जानकारी तो यहां तक मिल रही है कि दरगाह कार्यालय अकाउंटेंट पद पर बने रहने के लिये अस्थायी तोर पर दरगाह के दान के पैसे से फिक्स मानदेय नियुक्ति सम्बन्धी पत्रावली अपनी पहुंच के बल पर स्थानीय अधिकारियों से संस्तुति कराकर मुख्यकार्यपालक उत्तराखंड देहरादून को भेजी गयी है ।जिसकी चर्चा क्षेत्र में गर्म हो रही है।स्थानीय लोगो व आस्थावानों का कहना है कि जब मुख्य पद अकाउंटेंट पर रिटारमेंट रखा जा सकता है तो कोई अनुभवी प्रशासन का कर्मचारी प्रबंधक पद पर पूर्णकालिक क्यों नही रखा जा सकता है ताकि व्यवस्थाओ को सुधारा जा सके।