साबरी लंगर ,सफाई के समान,मस्जिद की शफो आदि में भी घोटाला ,,,, लोक डाउन के दौरान जायरीन 139 दिन नही आये तो 2कुंतल 50 किलो चावल आटा प्रति टाइम कौन मुकद्दर का सिकन्दर खा गयाव अधिक सुपरवाइजर खा गया , अधिकारियों को करनी चाहिये जांच,,,सी सी टी वी कैमरों की हो जांच,,,। कोविड 19 के चलते लोक डाउन के दौरान 139 दिन वार्षिक ठेको की दुकाने रही बन्द आगामी वर्ष से मिलना चाहिये इतना ही समय,,,,,,। जायरीन न आने से अन्य दुकानदारों को भी रहा नुकसान,,,,।

साबरी लंगर ,सफाई के समान,मस्जिद की शफो आदि में भी घोटाला ,,,,
लोक डाउन के दौरान जायरीन 139 दिन नही आये तो 2कुंतल 50 किलो चावल आटा प्रति टाइम कौन मुकद्दर का सिकन्दर खा गयाव अधिक सुपरवाइजर खा गया , अधिकारियों को करनी चाहिये जांच,,,सी सी टी वी कैमरों की हो जांच,,,।
कोविड 19 के चलते लोक डाउन के दौरान 139 दिन वार्षिक ठेको की दुकाने रही बन्द आगामी वर्ष से मिलना चाहिये इतना ही समय,,,,,,।
जायरीन न आने से अन्य दुकानदारों को भी रहा नुकसान,,,,।
रुड़की/कलियर
अनवर राणा।
दरगाह साबिर पाक कार्यालय में उर्स 752 की तैयारी बहुत ही अजूबे अंदाज में रातदिन सुपरवाइजरों की आधा दर्जन जमात लगी हुई है ,लेकिन वो जमात सिर्फ अपने अपने अधीनस्थ विभाग का बड़ा खर्च दिखाकर दरगाह के दान के पैसे को उर्स की तैयारी के नाम पर लगाने की फाइल तैयार कर रहे है।धरातल पर उर्स में आने वाले जायरीनों की सुविधा के लिये न अभी किसी प्लॉट से गन्दगी हटवाई गयी है ओर न ही अपने 22 सफाई कर्मियों से किसी भी दरगाह क्षेत्र के नाले की सफाई की गयी है।बाकी 50 कर्मियों में से सिर्फ 25 कर्मियों को दरगाह के अंदर बाहर ड्यूटी में लगाया गया है।इसलिये उच्च अधिकारियों द्वारा कोविड 19 के दौरान उर्स कराने व गाइडलाइन का पालन कराने के निर्देश भी इन्ही सुपरवाइजरों को दिया गया है।कोविड 19 के चलते जब प्रशाद आदि की सभी दुकान बन्द रही तो फिर प्रशाद ठेकेदारों को मुआवजा या आगामी समय 139 दिन जब दरगाह प्रशासन देने पर आमद होकर फाइल सी ई ओ वख्फ बोर्ड को भेज चुका तो फिर अन्य दुकानदारों को भी कुछ रियायत मिलनी चाहिये।अजूबा तो इस बात का है की जब कोविड 19 के चलते जायरीन कलियर में नही आया तो फिर साबरी लंगर इंचार्ज के द्वारा 2 कुंतल 50 किलो या इससे अधिक राशन बनाकर किसको दिया गया ।एक तरफ दरगाह प्रशासन कोविड 19 के चलते अनैतिक लाभ कमाने के चक्कर में वार्षिक ठेकेदारों को दरगाह के दान के पैसे छूट दे रहा है वही दूसरी तरफ लंगर में ढाई कुंतल लगातार राशन बनाकर बांटने का नाटक आज भी बादस्तूर जारी है जिससे दरगाह को लाखो रुपये महीना का नुकसान इन मुकदर के सिनकर कारकुनों के द्वारा मिली भगत कर दिया जा रहा है। दरगाह अक़ीददत मन्द एक व्यक्ति का कहना है कि यदि अधिकारियों ने समय रहते इस सम्बन्ध में जांच नही की ओर कोविड का बहन बनाकर दोहरी नीति अपनाकर आय को नुकसान से नही बचाया गया तो हम पूरे प्रकरण को मानीय उच्च न्यायालय नैनीताल में ले जाने पर मजबूर होंगें।अब देखना यह है की उच्च अधिकारी इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय अधिकारी से जांच कराकर दोषी सुपरवाइजर या कर्मी को दण्डित करते है या ठेकेदारों व लंगर को लेकर दोहरी नीति अपनाते है यह तो भविष्य ही तय करेगा।

उत्तराखंड