ठेको की शर्तों को पूरा कराने में क्यों है लेखाकार/दरगाह प्रबंधक लाचार,,,।
शर्तो के विपरीत पार्किंग ठेके की एक से अधिक जगह काटी जा रही 100 व 200 रुपये में रशीद,,,,
रुड़की/कलियर
अनवर राणा
पिरान कलियर दरगाह कार्यालय स्टाफ के बढ़ते भ्र्ष्टाचार के सामने दरगाह प्रबंधक/लेखाकार सफीक अहमद हकीकत में लाचार है या फिर कोई ओर कारण हो सकता है,लेकिन पूर्व प्रबंधक के कार्यकाल को भी दरगाह की वित्तीय हानि होने में आज पिछे छोड़ चुके है ओर जायरीनों की लगातार लुटाई जारी है।लेकिन दरगाह प्रबंधक नोटिस व अधिकारियों को अवगत कराने की बात कहकर अपनी लाचारी ओर दरगाह स्टाफ व जायरीनों से शर्तो के विपरीत पैसा वसूल रहे ठेकेदारो की भृष्ट कार्यशैली पर दिनप्रतिदिन पर्दा क्यों डाल रहे है इस मजबूरी को तो भलीभांति वही जान सकते है ।लेकिन इतना जरूर है दरगाह को वित्तीय हानि अधिक ओर ठेकेदारों को शर्तो के विपरीत स्टाफ मुनाफा कमाने में पूरा सहयोग दरगाह प्रबंधक व कार्यालय दे रहा है,ठेकेदारों के काले कारनामो की जानकारी होने के बावजूद ओर शर्तो के विपरीत वसूली करने के बावजूद भी दान के पैसे से 30 हजार रुपये तनख्वाह प्राप्त करने वाले कार्यवाहक प्रबंधक द्वारा कार्यालय स्टाफ व ठेकेदारों पर कोई अंकुश नही लगाया जा रहा है जिससे दरगाह को तो काफी हानि उठानी पड़ ही रही है साथ ही जायरीनों से खुलमखुला लूट कराने का जिम्मेदार भी दरगाह कार्यालय ही साबित हो रहा है।ठेकेदार द्वारा पार्किंग स्थलों पर रेट लिस्ट न लगाने से जायरीनों से ठेकेदार के द्वारा लगातार शर्तो के विपरीत अवैध वसूली की जा रही है ओर दरगाह प्रबंधक जानबूझ कर मूक दर्शक बना हुआ है जिसको लेकर कार्यवाहक दरगाह प्रबबन्ध/लेखाकार की ईमानदारी वाली छवि को भी पलीता लगना लाजमी हो रहा है।जिसकी चर्चा भी चारो ओर व्याप्त हो रही है।इस सम्बंध में अगर कोई पत्रकार दरगाह लेखाकार का पक्ष जानने के लिये फोन करता है तो या तो फोन ही नही उठता या फिर कभी भी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की मीटिंग बताकर पल्ला झाड़ लिया जाता है।यही कारण जो दरगाह की आय को लगातार ठिकाने लगाया जा रहा है ओर जायरीनों से लूट खसोट जारी है।