डीओ हरिद्वार , दरगाह प्रबंधक व एसडीएम कार्यालय के एक बाबू का फर्जी पीआरडी जवानों के साथ गठजोड़ की चर्चा: ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभी अनभिज्ञ…?
रुड़की।
अनवर राणा।
*”दूध की रखवाली बिल्ली के सुपुर्द”* वाली कहावत को चरितार्थ कर दरगाह प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देकर वर्ष 2016 से सुविधा शुल्क के अनुसार दरगाह कर्मचारियों के ऊपर पीआरडी कर्मियों की डयूटी मुस्सलत की थी, वही दरगाह परिसर में आये दिन कुछ फर्जी खादिमो के आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया की सुर्खियां बनकर पीआरडी के जवान बने लोगो की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल रहे है। दरगाह अकीदतमंद लोगो के द्वारा आस्था का हवाला देकर शिकायती पत्र ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व जिला अधिकारी को दिये जाने पर इन पीआरडी जवानों की डयूटी के दौरान फर्जी खादिमो को रंगेहाथ ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व तहसील प्रशासन की टीम ने पकड़ कर लगातार दो दिन तक कार्यवाही की है। जिससे दरगाह प्रशासन द्वारा लगाये गये अनट्रेंड व बिना भर्ती किये पीआरडी जवानों की सुरक्षा व्यवस्था व डयूटी की पोल खुलकर सामने आने के बावजूद दरगाह प्रशासन किस लालच व मजबूरी वश इन पीआरडी जवानों को हटाने का नाम नही ले रहा है। इस बात को लेकर तरह तरह की चर्चा क्षेत्र में आम हो रही है ओर दरगाह प्रशासन पर सवालिया निशान लग रहा है।चर्चा इस बात की भी हो रही है कि जब भर्ती नही हुई ओर बेल्ट नम्बर व बेच नम्बर ही विभाग द्वारा नही दिया गया तो इन पीआरडी की तनख्वाह किस नियम से तहत निकाली जा रही है। इस मामले में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय में तैनात तदर्थ कर्मी व प्रांतीय रक्षक दल जिला हरिद्वार कार्यालय की सेटिंग से फर्जी पीआरडी फायदा उठाकर दरगाह की आय को नुकसान पहुंचाने में लगे हैं। शासन व माननीय हाइकोर्ट नैनीताल की रोक के आदेश के बावजूद डीओ हरिद्वार, दरगाह प्रबंधक व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय में तैनात तदर्थ बाबु के द्वारा पीआरडी के फर्जी जवानों के संरक्षण होने की चर्चा आम हो रही है। शायद इस प्रकरण से रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभी अनभिज्ञ है, जिसको लेकर जल्द ही इस भ्र्ष्टाचार के मामले में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की के संज्ञान में पूरा मामला लाने की तैयारी दरगाह अकीदतमंद कर रहे हैं।क्योंकि दरगाह प्रबंधक/लेखाकार फर्जी पीआरडी जवानों के बाबत जानकारी होते हुवे भी उच्चाधिकारियों से छुपाता क्यों है ओर किस नियम कानून से दरगाह की आय से ऐसे लोगों की तनख्वाह निकलता है इस बात की चर्चा क्षेत्र में व्याप्त है।