वक्फ बोर्ड व दरगाह प्रबंधन में गड़बड़ी ,वित्तीय अनियमितता का कौन जिम्मेदार ,,,
वक्फ की आय की गड़बड़ी सम्बन्धी पत्रकारों के सवाल पर वक्फ चेयरमैन ने ठहराया जिला अधिकारी को जिम्मेदार,,,
कलियर/रुड़की
अनवर राणा।
उत्तराखण्ड प्रदेश में सबसे ज्यादा वार्षिक आय देने वाली वक्फ दरगाह साबिर पाक में वार्षिक आय करोंडो में होती है जिसका सात प्रतिशत अंश वक्फ बोर्ड उत्तराखण्ड को प्राप्त होता है।यहीं नही यहां पर सेकड़ो कर्मियों की फौज देखरेख व व्यवस्था सुचारू रखने के लिये वक्फ बोर्ड के अधीन ही कि जाति है।वक्फ बोर्ड द्वारा भारी वित्तीय अनियमितता व भ्र्ष्टाचार के चलते 2011 में कलियर दरगाह की देखरेख के लिये एक जनहित याचिका सँ087/2011 अनवर जमाल काजमी बनाम राज्य सरकार में आदेश के तहत यहां की देखभाल जिला अधिकारी हरिद्वार को उक्त याचिका के फाइनल आदेश के तहत जिला अधिकारी हरिद्वार को प्रशासक नियुक्त कर दी गयी है।लेकिन विडम्बना यह है दरगाह प्रशासक जिला अधिकारी हरिद्वार होने के बावजूद अब भी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन व सीईओ तथा ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की का यहां पर आदेश निर्देश दिये जाने में पूरा दखल देखने को मिलता है।हद तो तब हो गयी जब हज कमेटी द्वारा 6 मार्च को हज कमेटी की मीटिंग में पढ़ें सदस्य के रूप में भाग लेने हज हाउस पहुंचे वक्फ अध्यक्ष सादाब शम्स से पत्रकारों द्वारा दरगाह व वक्फ बोर्ड में हुई गड़बड़ी वित्तीय अनियमितताओं से सम्बंधित सवाल किये गये तो वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने सीधा जवाब नहीं दिया ओर इसका जिम्मेदार अदालत के आदेश पर प्रशासक नियुक्त होने वाले जिला अधिकारी को बनाना शुरू कर दिया गया।यहीं नही वक्फ बोर्ड की आहूत पूर्व की दो मीटिंगों में बहुमत से पास किये प्रस्ताव के अभी तक किर्यान्वयन नहीं होने के सवाल पर भी वक्फ अध्यक्ष बगले झांक गये ओर पूर्व की कोंग्रेस सरकार द्वारा गठित वक्फ बोर्ड को दोष देते हुवे कहा कि कुछ किर्यान्वयन हो रहा है ओर कुछ गतिमान है ।ऐसे में वक्फ अध्यक्ष सादाब शम्स के द्वारा टीवी चैनलों पर बैठकर वक्फ सुधार व वक्फ प्रोपर्टीयो पर कब्जा जमाए वक्फ माफियाओ पर बड़ा एक्शन करने व घसीटकर जेल में डालने की घोषणा खोखली साबित होती दिखाई दे रही है।जनता में इस बात को लेकर तरह तरह की चर्चाओं के साथ कहा जा रहा है कि लम्बी लम्बी फेंककर भ्र्ष्टाचार व वित्तीय अनियमितता करने वाले वक्फ बोर्ड व दरगाह कर्मियों पर कोई कार्यवाही नहीं करने से भाजपा सरकार की जीरो टॉलरेंश की नीति का मखोल तो बन ही रहा।वक्फ बोर्ड अध्यक्ष की कथनी ओर करनी के अंतर से इस विभाग को नुकसान ही हो रहा बजाय यतीम मिस्कीन व बेवाओं के कल्याण व उत्थान के प्रयास होने के?

