तो वक्फ सम्पत्तियां ऐसे होंगी कब्जामुक्त:

तो वक्फ सम्पत्तियां ऐसे होंगी कब्जामुक्त:

तो वक्फ सम्पत्तियां ऐसे होंगी कब्जामुक्त:

वक्फ बोर्ड अध्यक्ष,हज कमेटी अध्यक्ष व प्रबंधक के पति की अवैध कब्जेधारक की शिदरी में हाजरी व चाय नाश्ता की हो रही चर्चा,,,

रुड़की।
अनवर राणा।

वक्फ बोर्ड अध्यक्ष व हज कमेटी अध्यक्ष तथा प्रबंधक पति द्वारा वक्फ सम्पत्ति पर अवैध कब्जाधारक के यहां कब्जाई शिदरी में जलपान को लेकर तरह तरह के उठ रहे सवाल,क्योंकि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष की वक्फ सम्पत्तियों पर कब्जा करने वालों से कब्जामुक्त कराने की घोषणा व कार्यवाही इस मामले के उजागर होने से जनता को धराशायी नजर आने लगी है।लोगों में इस तरह की चर्चा होनी लाजमी है कि जब वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स व हज कमेटी अध्यक्ष खतीब अहमद सहित दरगाह प्रबंधक के पति बेहरोज आलम ,कथित सूफी इसरार डुम के साथ वक्फ की प्रॉपर्टी कब्जा कर अवैध शिदरी में जलपान करने लगेंगे तो फिर वक्फ प्रोपर्टी से अवैध कब्जामुक्त कौन कराएगा इस बात को लेकर दरगाह अस्थावां लोगों में तरह तरह की चर्चा व्याप्त होने लगी है।आस्थावान लोगों का कहना है कि बाबा गुलाम जिलानी की दरगाह उत्तराखंड वक्फ बोर्ड में 4508 नम्बर दर्ज होने के बावजूद वहां की प्रोपर्टीयो पर कब्जा व उसकी वार्षिक लाखों की आय को कब्जा करने वाले व्यक्ति के द्वारा दरगाह साबीर पाक परिसर में बनी शिदरी पर भी अवैध कब्जा किया हुआ है।इन कब्जों को बरकरार चलाने के लिये ही यह व्यक्ति वक्फ बोर्ड में पहुंच रखने के उद्देश्य से ही वक्फ बोर्ड अध्यक्ष आदि का चाय नाश्ता उसी कब्जा की गई शिदरी में कराता है कि उसकी कारगुजारियों का किसी अधिकारी व वक्फ के पदाधिकारी को नहीं चल सके।वैसे पूर्व से ही इस अवैध कब्जाधारक की पहुंच के आगे दरगाह दफ्तर के अधिकारी कर्मचारी से लेकर वक्फ बोर्ड कार्यालय के चर्चित लोगों तक अच्छे खासे सम्बन्ध बने हुवे है,इसलिये ही बाबा जिलानी की दरगाह वक्फ बोर्ड में दर्ज होने के बावजूद आज तक कब्जामुक्त नहीं कराई जा सकी है।

उत्तराखंड