साबिर पाक के 757-वें उर्स में हुआ नातिया मुशायरा,मशहूर शायरों ने पेश किए कलामात,,,
रुड़की/कलियर।
हजरत साबिर पाक रह० के 757-वें उर्स के मौके पर सालाना नातिया मुशायरा पानीपत पंच दरगाह के सज्जादा नशीन पीरशाह निसार अहमद उस्मानी कैरानवी की सदारत में राही गेस्ट हाउस में आयोजित किया गया,जिसमें उत्तराखंड के मदरसा बोर्ड के चेयरमैन (राज्यमंत्री स्तर) मुफ्ती शमून कासमी ने शिरकत की,जबकि अतिथि के रूप में हज कमेटी के पूर्व चेयरमैन मौलाना जाहिद रजा रिजवी मौजूद रहे।साबिर पाक उर्स कमेटी के सचिव व अंतरराष्ट्रीय शायर अफजल मंगलौरी के संयोजन में देश भर से आये शायरों ने इसमें भाग लिया।मुख्य अतिथि मुफ्ती कासमी ने कहा कि भारत देश सदियों से सूफी-सन्तों और आध्यात्मिक विचार धारा का देश रहा है,जिसमें वसुधैव कुटुम्बकम तथा सर्वधर्म सम्भाव का संदेश पूरे विश्व के लिए रहा है।कैराना के सज्जादा नशीन पीर निसार उस्मानी ने मुख्य अतिथि राज्यमंत्री मुफ्ती कासमी,आयोजक अफजल मंगलौरी, जाहिद रजा रिजवी तथा आमन्त्रित शायरों की दस्तार बन्दी की।मुशायरे के संयोजक अफजल मंगलौरी ने कलाम पेश करने से पूर्व कहा कि गत दस वर्षों से उर्स कमेटी अपने स्तर से नातिया मुशायरा व महफिल-ए-किरात आयोजित करती चली आ रही है।वक्फ बोर्ड से कोई आर्थिक सहायता नहीं ली जाती है।मुशायरा अध्यक्ष पीर निसार उस्मानी ने हजरत साबिर पाक की जीवनी और राष्ट्रीय एकता में सूफी-सन्तों के योगदान पर रोशनी डाली।मुशायरे का शुभारंभ करते हुए मुजफ्फरनगर से पधारे उस्ताद शायर डॉ०मुकेश दर्पण ने फरमाया कि…..
ईश्वर,अल्लाह या माने कोई वाहे गुरु
सारे इंसा होते हैं।
आकर यहां पर सुर्खरू।
कैराना के विश्व प्रसिद्ध शायर उस्मान कैरानवी ने पढ़ा कि…..
ये तजर्बा मेरा है कि हो जाएगी पूरी।
दिल से तो जरा आके तू कलियर में दुआ मांग।
पीलीभीत पूरनपुर से आये शायर इरशाद इरफान साबरी ने फरमाया कि…..
झूम कर घटा उठी,एकता-मोहब्बत की।
रहमतों की बारिश है हर तरफ ही कलियर में।।
देशभक्ति गीत गायक सैयद नफिसुल हसन में कलाम पढ़ा कि…..
यहां प्रेम की सजी है,वो करामतों की महफिल।
जिसे देखनी हो जन्नत,कलियर में आ के देखे।। इसके अलावा डॉ०सलीम कैरानवी,जमाल उस्मानी,कमाल उस्मानी,जुनैद साबरी बरेली,दिलदार साबरी,बिलाल उस्मानी,हसनैन जाफरी बरेलवी,खिसाल उस्मानी,हिलाल उस्मानी ने भाग लिया।अंत में देश में अमन-शांति और प्राकृतिक आपदाओं से मुक्ति के लिए दुआ कराई गई।