चेतन ज्ञान मनुष्य के ही अंदर: सागर आनंद
गौरव गोयल को पटका पहना किया सम्मानित
रुड़की ( देशराज)।
श्री रविदास कथा में कथाव्यास सागर आनंद जी महाराज ने कहा कि चेतन ज्ञान मनुष्य के ही अंदर है और मनुष्य को इसका सदुपयोग करना चाहिए। मनुष्य सभी प्राणियों में सबसे उत्तम प्राणी है, इसलिए मनुष्य को तमाम जीव-जंतुओं में सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
उक्त उद्बोधन श्री सागर जी आनंद महाराज ने ग्राम पनियाला में चल रही सात दिवसीय रविदास कथा में भक्तों के सम्मुख व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने मनुष्य को पांच तत्वों से बनाया, जबकि अन्य जीव जंतु दो या चार तत्वों से मिलाकर बनाया है, इसलिए मनुष्य के अंदर ही चेतन ज्ञान का भंडार है। उन्होंने कहा कि संत रविदास ने इस संसार में समस्त प्राणियों को एकता के सूत्र में पिरोने का कार्य किया,ऐसे संतों का मार्गदर्शन दलित समाज के लिए ही नहीं बल्कि सर्वसमाज के लोगों के लिए आज की प्रेरणादायक है। अतिथि के रूप में पहुंचे भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री गौरव गोयल ने सागर आनंद जी महाराज का आशीर्वाद लिया तथा उपस्थित भक्तजनों को अपने संबोधन में कहा कि संत रविदास ने अपना संपूर्ण जीवन निर्बल एवं असहाय लोगों के उत्थान के लिए समर्पित किया।उनके बताए गए मार्ग पर चलकर शोषित समाज को अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए।श्री रविदास कथा कमेटी पनियाला की ओर से गौरव गोयल को पटका आदि भेंट कर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर कमेटी के अध्यक्ष कंवरपाल सिंह, सुभाष ठेकेदार, सुंदर सिंह सचिव, पिंटू राजा, सोनू कुमार, नरेश कुमार, मांगाराम, बाबूराम तथा नीरज आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।

