उर्स की जमीन को लेकर न्यायालय में दान का पैसा अपनी तिजोरियों में भरने वाले उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड व दरगाह जमीन बचाओ समिति को बड़ा झटका,,,,।

उर्स की जमीन को लेकर न्यायालय में दान का पैसा अपनी तिजोरियों में भरने वाले उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड व दरगाह जमीन बचाओ समिति को बड़ा झटका,,,,।

उर्स की जमीन को लेकर न्यायालय में दान का पैसा अपनी तिजोरियों में भरने वाले उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड व दरगाह जमीन बचाओ समिति को बड़ा झटका,,,,।

जानिए कौंन वक्फ बोर्ड का कर्मचारी विपक्षियों के लिये वरदान साबित हो रहा है,,,,।
रुड़की।
अनवर राणा
पिरान कलियर दरगाह सबीरे पाक की उर्स वाली जमीन के मामले में जिला बंदोबस्त अधिकारी न्यायालय ने वक्फ बोर्ड व अन्य पार्टियों के दावे को निरस्त कर उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड के बेईमान व भृष्ट कारिंदों व जमीन बचाओ समिति के अरमानों के विपरीत फैसला देकर वक्फ की संपत्ति को विपक्षी पार्टी के हक में रखने का आदेश सुना कर वक्फ के भृष्ट व बेईमान कारिंदों की पोल खोल दी है।गौरतलब बात यह है कि धारा 5 का लाभ पूर्व में ही वक्फ को मिला होने के बावजूद जिला बंदोबस्त अधिकारी कार्यालय ने किन कारणों से वक्फ को न सुनकर आपत्ति खारिज की है यह तो अपील में ही पता चल पायेगा ओर वक्फ बोर्ड आदत के हिसाब से समय अंदर अपील कर पायेगा या नही यह भी भविष्य के गर्व में ही छिपा है।लेकिन इस बात की चर्चा जरूर व्याप्त है कि वक्फ बोर्ड में बैठा एक भृष्ट व बेईमान कर्मचारी विपक्षियों से मिलकर वक्फ की पूरी सम्पति खुर्दबुर्द करने में लंबे समय से लगा हुआ है,जिसकी वजह से केश टाइम वार्ड जानबूझकर कर विपक्षियों को जीतने का मौका मिलता जा रहा है।अब देखना यह होगा कि वक्फ बोर्ड उत्तराखण्ड के सीईओ उक्त कर्मचारी की जांच किसी एजेंसी से करा पायेंगे या फिर यह सपोलिया मगरमछ का रूप ऐसे ही लेता चला जायेगा,क्योंकि फर्जी सरकारी कर्मचारी बन इस भृष्ट वक्फ कर्मी ने सरकार के हज कमेटी के पैसे का गोलमाल कर ठगी की है जिसकी जांच भी अंतिम चरण में पहुंच चुकी ओर विभाग बार बार हज कमेटी की दुरुपयोग की गई लगभग तीन लाख की रकम को वापिस हज कमेटी के खाते में जमा करने के आदेश कर चुका लेकिन मुंह की लगी उगले का नाम नही ले रही है।

उत्तराखंड