अधना सा व्यक्ति कैसे करोड़ो का नुकसान दरगाह को देकर चल अचल संपत्ति का बना स्वामी,मजिस्ट्रेट जांच शुरू,,,,।जानिये खबर पढ़कर
दरगाह साबिर पाक में सफाई कर्मी के रूप में हुआ था 2014 में तीन माह के लिये तैनात,,,।
रुड़की/कलियर
अनवर राणा
अंधेरों में रोशनी करने वाली दरगाह साबिर पाक के नाम से ओर उसके लंगर के नाम पर आस्थावान श्रद्धालुओ से अवैध कमाई कर यहां पर तैनात कर्मचारी जो दरगाह के दान के पैसे से तनख्वाह पाता है करोड़ो की चल अचल संपत्ति का कैसे स्वामी बना यह बड़ा सवाल है।यदि को मीडिया कर्मी इसके काले कारनामो को उजागर कर अधिकारियों के सम्मुख रखता है तो ये ग्रुप अधिकारियों को गुमराह कर कहते है कि पत्रकार पैसे मांगते है।अब सवाल यह उठना लाजमी है कि अगर कोई पत्रकार पैसा मांगता भी है तो आप उसको क्यों देते हो।यहां यह बताना जरूरी होगा कि ज्वालापुर निवासी कथित सफाई सुपरवाइजर 2014 से पूर्व रेडी खोमचे में रेडीमेट का सामान बेचता था।उसकी बेरोजगारी व लाचारी ने ही यतीम मिस्कीन व दान के पैसे से नोकरी करने के लिये दरगाह की नोकरी करना कबूल किया।अब समय होते होते इस अधना से आदमी ने लगातार वार्षिक ठेको का समय ठेकेदारों के समाप्त होने पर दरगाह के स्टोर से प्रशाद का सामान उठाकर दुकान पर बेचना ओर दरगाह के खाते में बहुत कम रकम जमा करना भी धंधा बना लिया है ,जिसकी वजह से अब एक अधना सा व्यक्ति करोड़ो का आदमी बन बैठा है।ऐसा नही की इस यतीम मिस्कीनों व दान के पैसे पर डकैती डालने वाले के बारे में अधिकारियों को जानकारी न हो इसके द्वारा लगातार किये जा रहे भ्र्ष्टाचार व अनियमितता की जांच आज भी शासन स्तर से जिला अधिकारी हरिद्वार द्वारा ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के द्वारा मजिस्ट्रियल जांच चल रही है।अब देखना यह है कि यह व्यक्ति अपने आप को एक कथित उच्च जाति का बताते हुवे भी दान यतीम मिस्कीन के माल पर हाथ साफ कर अधिकारियों को भी गुमराह कर रहा है।अब देखना यह है कि चल रही मजिस्टिरियल जांच में इसकी चल अचल संपत्ति की जांच कर जो नुकसान इसके द्वारा दरगाह को दिया जा रहा है उसकी सजा मिलती है या नही यह तो जांच के उपरांत ही पता चल पायेगा।