दरगाह सबीरे पाक परिसर में प्रतिबंधित सामग्री बेचते मासूम बच्चे,दरगाह प्रबंधतंत्र नदारत,,,,।
पढ़ने लिखने की उम्र में किताब बेचते मासूम को देखकर शदाब आलम का दिल पसीजा,,,।
रुड़की/कलियर
अनवर राणा
दरगाह साबिर पाक में जायरीनों की सुविधा व सुरक्षा के इंतजामात के लिये बाकायदा दरगाह कार्यालय व उसमे कार्यरत कई दर्जन कर्मचारियों की लापरवाही कहे या सांठगांठ जो परिसर में बदइंतजामी रुकने का नाम नही ले रही है।जहां दरगाह साबिर पाक में आने वाले जायरीनों को नजराने के नाम पर ठगा जा रहा है ,वही दरगाह परिसर में प्रतिबंधित होने के बावजूद खाद्यय सामग्री व सबीरे पाक के जीवन परिचय वाली किताबो की बिक्री भी मासूम बच्चों के द्वारा कुछ लोग करा रहे है ।चार चार साल के बच्चों के द्वारा बेची जा रही किताबो के लेखक की बात की जाये तो वो भी एक सन्देह भरा मामला हो सकता है। शुक्रवार को बाद नमाजे जुमा एक चार साल का बच्चा किताब बेचता देखकर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी रहे शादाब आलम ने देखा तो उसको देखकर उनका दिल पसीज गया ओर उन्होंने बच्चे को अपने पास बैठाकर कहा कि बच्चे तुम्हारी उम्र पढ़ने लिखने की है आप स्कूल क्यों नही जाते तो उस बच्चे ने बताया कि किताब बेचकर कुछ हिस्सा मुझे मिलता है ओर बाकी हिस्सा किताब वाले के पास चला जाता है।ऐसा तब हो रहा है जब दरगाह प्रशासन ने दरगाह परिसर में किसी भी तरह की बिक्री पर दरगाह कार्यालय की तरफ से प्रतिबंध है।अब सवाल दरगाह प्रबंधतंत्र व उसके द्वारा नियुक्त पीआरडी के जवानों सहित कर्मचारियों से लेकर सुपरवाइजरों की कार्यशैली पर उठना लाजमी है।