खाता न बही जो लेखाकार करे वो सही ,चमत्कारी लेखाकार ओर डूब रहा दान का पैसा,,,

खाता न बही जो लेखाकार करे वो सही ,चमत्कारी लेखाकार ओर डूब रहा दान का पैसा,,,

खाता न बही जो लेखाकार करे वो सही ,चमत्कारी लेखाकार ओर डूब रहा दान का पैसा,,,

दानपात्रों की गिनती में लेखाकार द्वारा बड़ी हेराफेरी की चर्चा व्याप्त,पूर्व में हुई गिनती से दोगुनी धनराशि उगल रहे वही मीडियम दानपात्र,,,

कलियर।
अनवर राणा।
पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक के दानपात्रों की गिनती यहां पर वक्फ बोर्ड द्वारा तैनात लेखाकार/प्रबंधक सफीक अहमद की निगरानी में प्रशासन के कर्मियों द्वारा कई वर्षों से लगातार की जा रही है।जिन दो दानपात्र न09A व 10A से डबल कैमरे की निगरानी में हुई गिनती के अनुसार 13 लाख व 17 लाख की धनराशि के लगभग निकली दर्शायी गयी है उन ही दानपात्रों के बारे में सूत्र बताते है कि अब से पहले इन दानपात्रों से 6 लाख व 7 लाख की धनराशि ही निकलती दर्शाई जाती थी।जबकि धनराशि के अलावा विदेशी मुद्रा व सोने चांदी के आभूषण भी दानपात्रों से निकलते है जिन्हें प्रबंधक द्वारा एस्ट्रोंग रूम में रखा गया है।अब देखने वाली बात यह है कि वही दानपात्र ओर वही प्रशासन का अमला गिनती करने वाला तो अब से पूर्व क्या कारण रहा जो धनराशि कम निकलती थी ओर अब उन्हीं दानपात्रों ने दोगुनी से अधिक दान की धनराशि कैसे उगलने का काम किया है।कहीं वक्फ बोर्ड सदस्य/विधायक लक्सर हाजी मो0 शहजाद के द्वारा दो दिन पूर्व प्रेस कॉन्फ्रेंस में दरगाह की चोरी व लूट के मुद्दे को आगामी बजट सत्र में उठाने के एलान का ही नतीजा तो नहीं यह चर्चा भी क्षेत्र में पुरजोर तरीके से हो रही हैं।लेखाकार द्वारा समय पर लेजर व कैशबुक तैयार नहीं कि गयी ओर अब कई माह की कैशबुक ओर लेजर बनाने में लगा होने की जानकारी से भी गबन की श्रेणी में ही भूमिका पर संदेह पैदा कर रही है।उक्त सफीक अहमद द्वारा ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा गठित जांच समिति ने भी बैंक खाते से मेल नही खाने अभिलेखों में हेराफेरी पकड़ी है ओर कुछ अभिलेख ही समिति के सामने पेश नही किये गये जिस कारण भी अगर लेखाकार के रिकॉर्ड के पांच साल की जांच व स्पेशल ऑडिट वक्फ बोर्ड या सरकरी एजेंसी  कराता है तो उसपर गबन निकलने की पूरी आशंका आस्थावान लोगों द्वारा व्यक्त की जा रही हैं।

उत्तराखंड