उर्स/मेले के मद्देनजर व्यवस्थाओं को लेकर किया गया क्षेत्र का निरीक्षण,,,सैय्यद शिराज उस्मान सीईओ वक्फ बोर्ड
नवनियुक्त सीईओ वक्फ बोर्ड द्वारा निरीक्षण के दौरान भृष्ट अकाउंटेंट व निवर्तमान प्रबंधक के भ्र्ष्टाचार की भाजपा नेता ने खोली पोल,,,
क्षेत्र में फैली गंदगी से स्टाफ पर जताई नाराजगी,,,
रुड़की:
अनवर राणा।
उत्तराखंड वक्फबोर्ड के नवनियुक्त सीईओ सैय्यद शिराज उस्मान ने चार्ज लेने के बाद पिरान कलियर दरगाह की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस दौरान पहले उन्होंने दरगाह साबिर पाक में चादर पोशी कर दुआएं मांगी। इसके बाद साबरी गेस्ट हाउस, लंगर खाना, मुसाफिर खाना, दरगाह कार्यालय आदि का निरीक्षण कर व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। दरगाह कार्यालय के पास फैली गंदगी पर सीईओ ने नाराजगी जाहिर करते हुए साफ सफाई रखने की हिदायत भी की।
रविवार को उत्तराखंड वक्फबोर्ड के नवनियुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी सैय्यद शिराज उस्मान पिरान कलियर पहुँचे, जहा उन्होंने दरगाह साबिर पाक में हाजिरी पेश कर चादर पोशी की और दुआएं मांगी। इसके बाद सीईओ सैय्यद शिराज उस्मान ने दरगाह प्रबंधक व सुपरवाइजरो के साथ दरगाह क्षेत्र का निरीक्षण किया। साबरी गेस्ट हाउस, मुसाफिर खाना, लंगर खाना, आदि जगहों पर जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। सीईओ सैय्यद शिराज उस्मान ने बताया दरगाह साबिर पाक का सालाना उर्स अगले माह से शुरू होने जा रहा है। उर्स/मेले के मद्देनजर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया गया है। जो खामियां है उन्हें जल्द से जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए है। सेफ सफाई का विशेष इंतज़ाम रखने की हिदायत की गई है। उन्होंने बताया उर्स/मेले के मद्देनजर जो भी व्यवस्थाएं है सभी समय से पहले पूरी कर ली जाएगी।सीईओ के सामने भाजपा नेता ने उर्स में पाकिस्तानी जायरीनों को ठहरने वाले साबरी गेस्ट हाउस की स्थिति से रूबरू कराते हुवे बताया कि पिछले 2022 के उर्स से पूर्व निवर्तमान प्रबंधक व वर्तमान में एकाउंट दरगाह का कार्य कर रहे सफीक अहमद ने इस गेस्ट हाउस की मरमत के नाम पर लगभग 40 चालीस लाख का भुगतान उच्च अधिकारियों से सेटिंग कर करने का प्लान व बिल तैयार किया था जिसका अनुमोदन उच्चाधिकारियों से भी कराया जा चुका था।लेकिन स्थानीय विधायक फुरकान अहमद द्वारा विधान सभा सत्र में प्रश्न उठाया था कि जब तक उर्स के नाम पर करोड़ो के कार्यो की जांच न हो तब तक कोई बिल भुगतान निर्माण एजेंसियों का न किया जाये।उसके बाद जांच एजेंसियों के द्वारा बिलो में भारी गड़बड़ी पकड़ते हुवे काटछांट की गई ओर बिल भुगतान भी अभी तक रुके हुवे है। हैरत की बात यह है कि अकाउंटेंट ओर निवर्तमान प्रबंधक इतने बड़े पैमाने पर वक्फ की आय को नुकसान पहुंचाने के बावजूद अब भी अपने पद पर डटा हुआ है इससे बड़ा भ्र्ष्टाचार क्या हो सकता है।यही नहीं इस अकाउंटेंट सफीक अहमद पर 2017 से अगस्त 3023 तक करोड़ो के बंदरबांट के आरोप जिलाधिकारी द्वारा कराई गई जांच में भी अधिकारियों के सम्मुख आने के बावजूद अभी तक कार्यवाही न होना भी भाजपा की करप्शन पर जीरो टोलरेंश की नीति पर दाग लग रहा है।