रुड़की बी. एस. एम. (पी.जी.) कॉलेज रूडकी में एंटी ड्रग सेल समिति के द्वारा एक जागरूकता संगोष्ठी का हुआ आयोजन
रुड़की।
अनवर राणा।
रुड़की बी. एस. एम. (पी.जी.) कॉलेज रूडकी में एंटी ड्रग सेल समिति के द्वारा एक जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया।महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर डॉ. गौतम वीर ने कहा कि भारत को युवा देश माना जाता है हमें युवाओं को नशे से बचाकर राष्ट्र निर्माण में प्रयोग करना है नशे से बचने के लिए युवाओं को सामाजिक गतिविधियों के साथ-साथ खेलो और राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों से जोड़ना होगा हमारे विद्यार्थी नशा अभियान में संवाहक का कार्य कर सकते हैं। लोगों को सही शिक्षा न मिलने के कारण वो कम उम्र में ही नशे जैसे अन्य शारीरिक दुषप्रभाव के शिकार हो जाते हैं और आजीवन नशे की लत मे जीवन खराब कर लेते है।
प्राचार्य ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा समाज तभी पूर्ण रूप से सभ्य समाज कहलायेगा जब तक समाज नशा मुक्त नहीं हो सकेगा। इस मौके पर उन्होंने छात्र छात्राओ को किसी भी प्रकार के नशे का सेवन ना करने की बात कहीं गई। नशा मुक्ति के लिए सबसे बड़ा हथियार लोगो में इसके प्रति जागरूकता होता हैं ताकि वे अपने बच्चो पर नज़र रख सके। उन्होंने बच्चों को यह संदेश दिया “जन जन तक यह संदेश पहुँचाना है
नशे को हाथ भी नहीं लगाना है”
माहविद्यालय के निदेशक रजनीश शर्मा ने बताया कि नशे का सेवन करना अर्थात स्वयं के मृत्यु का कारण बनना है। यह विश्व की सबसे गम्भीर बीमारियो मे से एक है। जो दिन-प्रतिदिन भारतीय समाज मे बढती जा रही है। खासकर भारत के युवा लोग अधिक नशे मे ग्रस्त है।
एंटी ड्रग सेल की नोडल अधिकारी डॉक्टर अलका तोमर ने कहा कि नशीले पदार्थों के सेवन से पीड़ित व्यक्ति को पारिवारिक एवं सामाजिक अलगाव और लोगों की उपेक्षा का सामना करना पड़ता है इससे निश्चित रूप से उन्हें मानसिक और शारीरिक कष्ट एवं आघात पहुंचता है इससे उनका और उनके परिवार का जीवन दयनीय और कठिन बन जाता है अतः नशे की समस्या से मुक्ति के लिए लोगों को नशे की बुरी आदत से छुटकारा दिलाना और उन्हें नशे से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाना हैl
प्रोफेसर डॉ. शिखा जैन ने महिलाओं पर नशे के असर के बारे में कहा नशा तो सभी व्यक्तियो के लिये हानिकारक है। चाहे वो पुरुष हो या स्त्री यह सभी को ग्रसित कर सकता है। लेकिन नशा महिलाओं के सम्पूर्ण जीवन को पूरी तरह बर्बाद कर सकता हैं।
इसके सेवन से महिलाओं में दिल का दौरा, फेफडो में कैंसर, सांस की बीमारी, निमोनिया सम्बंधी बीमारियाँ उत्पन्न होती है। जो उनके सम्पूर्ण जीवन को मिटा सकती है।
एंटी ड्रग सेल के सदस्य डॉ. सुरजीत सिंह ने कहा समाज को नशे से बचाने का मुख्य उपाय यह है की उन्हें नशे से होने वाली बीमारियों के बारे मे अवगत कराया जायें, उन्हें बताया जाये कि नशे से आपकी सेहत पर बुरा असर पडता है, साथ ही पर्यावरण, आप से जुडे लोगो पर, तथा आप की आने वाली पीढी पर भी इसका बुरा असर पड़ता हैं।
इस अवसर पर छात्रो ने विषय से सम्बंधित अपने विचार प्रस्तुत किये जिनमें वर्णिका आर्य, विशाखा और ताज मोहम्मद रहे। पुस्तकालय लिपिक श्री विकास शर्मा ने भी अपने विचार रखे।
इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के अध्यापकगण डॉ. इंदु अरोड़ा, डॉ. सीमा गुप्ता,डॉ. रीमा सिन्हा, डॉ. शिखा जैन,
डॉ.संदीप पोसवाल,डॉ.अफजल मंगलोरी, डॉ. सुष्मिता पंत
आदि मौजूद रहे।
कार्यक्रम के आयोजन में संजय धीमान, डॉ दीपक डोभाल, श्री अजय कुमार, डॉ सुष्मिता पन्त, अफ़ज़ल मंगलोरी,श्रीमती ऋतू शर्मा का सहयोग रहा।
इस अवसर पर शादाब नवीन, स्वाति, सोनाक्षी, प्राची, आदित्य,प्रवीण,नेहा,अंकुश,विशु आदि छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।रुड़की बी. एस. एम. (पी.जी.) कॉलेज रूडकी में एंटी ड्रग सेल समिति के द्वारा एक जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया।महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफ़ेसर डॉ. गौतम वीर ने कहा कि भारत को युवा देश माना जाता है हमें युवाओं को नशे से बचाकर राष्ट्र निर्माण में प्रयोग करना है नशे से बचने के लिए युवाओं को सामाजिक गतिविधियों के साथ-साथ खेलो और राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों से जोड़ना होगा हमारे विद्यार्थी नशा अभियान में संवाहक का कार्य कर सकते हैं। लोगों को सही शिक्षा न मिलने के कारण वो कम उम्र में ही नशे जैसे अन्य शारीरिक दुषप्रभाव के शिकार हो जाते हैं और आजीवन नशे की लत मे जीवन खराब कर लेते है।प्राचार्य ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा समाज तभी पूर्ण रूप से सभ्य समाज कहलायेगा जब तक समाज नशा मुक्त नहीं हो सकेगा। इस मौके पर उन्होंने छात्र छात्राओ को किसी भी प्रकार के नशे का सेवन ना करने की बात कहीं गई। नशा मुक्ति के लिए सबसे बड़ा हथियार लोगो में इसके प्रति जागरूकता होता हैं ताकि वे अपने बच्चो पर नज़र रख सके। उन्होंने बच्चों को यह संदेश दिया “जन जन तक यह संदेश पहुँचाना है
नशे को हाथ भी नहीं लगाना है”
माहविद्यालय के निदेशक रजनीश शर्मा ने बताया कि नशे का सेवन करना अर्थात स्वयं के मृत्यु का कारण बनना है। यह विश्व की सबसे गम्भीर बीमारियो मे से एक है। जो दिन-प्रतिदिन भारतीय समाज मे बढती जा रही है। खासकर भारत के युवा लोग अधिक नशे मे ग्रस्त है।एंटी ड्रग सेल की नोडल अधिकारी डॉक्टर अलका तोमर ने कहा कि नशीले पदार्थों के सेवन से पीड़ित व्यक्ति को पारिवारिक एवं सामाजिक अलगाव और लोगों की उपेक्षा का सामना करना पड़ता है इससे निश्चित रूप से उन्हें मानसिक और शारीरिक कष्ट एवं आघात पहुंचता है इससे उनका और उनके परिवार का जीवन दयनीय और कठिन बन जाता है अतः नशे की समस्या से मुक्ति के लिए लोगों को नशे की बुरी आदत से छुटकारा दिलाना और उन्हें नशे से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाना हैlप्रोफेसर डॉ. शिखा जैन ने महिलाओं पर नशे के असर के बारे में कहा नशा तो सभी व्यक्तियो के लिये हानिकारक है। चाहे वो पुरुष हो या स्त्री यह सभी को ग्रसित कर सकता है। लेकिन नशा महिलाओं के सम्पूर्ण जीवन को पूरी तरह बर्बाद कर सकता हैं।इसके सेवन से महिलाओं में दिल का दौरा, फेफडो में कैंसर, सांस की बीमारी, निमोनिया सम्बंधी बीमारियाँ उत्पन्न होती है। जो उनके सम्पूर्ण जीवन को मिटा सकती है।एंटी ड्रग सेल के सदस्य डॉ. सुरजीत सिंह ने कहा समाज को नशे से बचाने का मुख्य उपाय यह है की उन्हें नशे से होने वाली बीमारियों के बारे मे अवगत कराया जायें, उन्हें बताया जाये कि नशे से आपकी सेहत पर बुरा असर पडता है, साथ ही पर्यावरण, आप से जुडे लोगो पर, तथा आप की आने वाली पीढी पर भी इसका बुरा असर पड़ता हैं।इस अवसर पर छात्रो ने विषय से सम्बंधित अपने विचार प्रस्तुत किये जिनमें वर्णिका आर्य, विशाखा और ताज मोहम्मद रहे। पुस्तकालय लिपिक श्री विकास शर्मा ने भी अपने विचार रखे।इस संगोष्ठी में महाविद्यालय के अध्यापकगण डॉ. इंदु अरोड़ा, डॉ. सीमा गुप्ता,डॉ. रीमा सिन्हा, डॉ. शिखा जैन,डॉ.संदीप पोसवाल,डॉ.अफजल मंगलोरी, डॉ. सुष्मिता पंतआदि मौजूद रहे।कार्यक्रम के आयोजन में संजय धीमान, डॉ दीपक डोभाल, श्री अजय कुमार, डॉ सुष्मिता पन्त, अफ़ज़ल मंगलोरी,श्रीमती ऋतू शर्मा का सहयोग रहा।इस अवसर पर शादाब नवीन, स्वाति, सोनाक्षी, प्राची, आदित्य,प्रवीण,नेहा,अंकुश,विशु आदि छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।