सत्ता और उच्चाधिकारियों के दबाव में एटीओ रुड़की (सहायक कोषाधिकारी) से सीटीओ हरिद्वार (मुख्यकोषाधिकारी) को ट्रांसफर हुई फाइलें, चर्चाओं का बाजार गर्म
कलियर।
अनवर राणा।
उत्तराखण्ड की भाजपा की सरकार की जीरो टोलरेंश की नीति लगाया जा रहा पलीता ।यही कारण है कि वक्फ बोर्ड के अधीन दरगाह साबीर पाक के कार्यालय में प्रबंधक के पद पर भाजपा में बैठे अपने पति के आकाओं के द्वारा तैनाती पाई मास्टरनी साहिबा के जरिये बड़ी ही चतुराई से आय को चहेते ठेकेदारों में बन्दरबांट करने की चर्चा उर्स 2023 के दोगुने से अधिक बिल बोचर बनाकर दान से प्राप्त आय को ठिकाने लगाने मामला प्रकाश में आया है।वैसे तो मास्टरनी साहिबा का रिकॉर्ड लंगर खाने में प्राप्त होने वाली खाद्यय सामग्री से लेकर दान में प्राप्त होने वाले दूध,बकरा,मुर्गा ,चोपाये आदि सहित अन्य सामग्री का कोई हिसाब किताब नहीं रखकर बन्दरबांट करना ओर आस्थावानों के द्वारा दान में आये डाल ,चावल, नमक,मिर्च आदि को ठेकेदार के बिलों में समाहित कर भुगतान करना भी बड़ी ही होशयारी व चतुराई से किया जाना चर्चाओं में है।लेकिन यहां यह भी बताना जरूरी होगा कि 2022 उर्स की तैयारियों को लेकर जो फर्जी कार्य दर्शाकर बिल बोचर बनाये गये उनकी जांच वक्फ बोर्ड कमेटी की निगरानी समिति व डीआरडी द्वारा की गई थी ,जिसमे भी करोड़ों रुपये के कमीशनखोरी के चलते कई करोड़ रुपये के फर्जी भुगतान पर उस समय रोक लगाई गई थी जब स्थानीय विधायक फुरकान अहमद ने कार्यालय दरगाह कलियर के गड़बड़झाला का मामला विधान सभा स्त्र के दौरान उठाया था। उस समय दान के पैसे की बन्दरबांट करने वाला निवर्तमान प्रबंधक व तत्कालीन अकाउंटेंट महाभृष्ट सफीक अहमद आज भी कार्यालय में अपने पद पर दान के पैसे की तनख्वाह 30000 प्रतिमाह पर विराजमान है। उक्त म्हाभृष्ट अकाउंटेंट ने प्रबंधक पद सम्भालते हुवे दरगाह की मेले वाली जमीन का कब्जा भी सज्जजादा परिवार को हस्ताक्षर कर दखल देने का पाप दौरान मुकदमा किया हुआ है। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि लगभग एक साल पूर्व तैनाती मिलने वाली मास्टरनी साहिबा प्रबंधक को अकाउंटेंट महोदय के सहयोग से भ्र्ष्टाचार व उर्स 2023 के उर्स की तैयारियों के नाम पर दान के पैसे की बन्दरबांट चहेते ठेकेदारों व सरकारी संस्थाओं से कमीशनखोरी कर आय को नुकसान पहुंचाने की नीयत से फर्जी बिल बोचर तैयार कर भुगतान की फाइल इन दोनों ही भ्र्ष्टाचार में आकंठ तक दुबे लोगो ने भुगतान के लिये सहायक कोषाधिकारी रुड़की को अनुमोदन के लिये भेजी थी, उक्त उर्स की तैयारियों की फाइल में ए टी ओ रुड़की ने तकनीकी कमियों को उजागर कर सभी फाइल ओ पर टिपणी कर वापिस फाल्ट दूर कर पेश करने की पेशकश की थी।लेकिन शातिर किस्म के भृष्टाचारी अकाउंटेंट व प्रबंध मास्टरनी साहिबा ने उक्त फाइल सत्ता ओर उच्चाधिकारियों के दबाव में ए टी ओ रुड़की की नोटिंग हटाकर फ्रेश कर धोखा देते हुवे नई फाइल बनाकर मुख्य कोषाधिकारी हरिद्वार को ट्रांसफर कराकर फर्जी बिलो को भुगतान करने की योजना बनाई है ऐसा सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है और उक्त चर्चाएं अस्थावां लोगों में व्याप्त हो रही है। अब देखना यह है कि अगर यह मामला सत्य है तो क्या मुख्य कोषाधिकारी हरिद्वार सहायक कोषाधिकारी रुड़की के द्वारा फाइलों पर तकनीकी फॉल्ट की नोटिंग को नजरअंदाज कर इन भृष्टाचारी की मंशा पूरी करते हुवे दरगाह के दान के पैसे की बन्दरबांट करते हुवे फर्जी बिल बोचर उर्स 2022 से दोगने तिगने रेट पर आधारित टेक्निकल फाल्ट के चलते अनुमोदन करेंगे यह देखने वाली बात होगी।