विकास के लिए शिक्षा (तालीम) का होना बहुत जरूरी , मुसलमान को शिक्षा के क्षेत्र में आना चाहिये आगे , आधुनिक शिक्षा से सँवरती है दुनिया,,,मौलाना हुसैन अहमद

रुड़की

चौ0 शाहरुख राणा

रामपुर स्थित मदरसा मिसबाहउल उलूम में आयोजित सालाना जलसे में दीनी तालीम के साथ-साथ दुनियावी तालीम पर भी जोर दिया गया।मुफ्ती मोहम्मद सलमान तथा मौलाना हुसैन अहमद ने कहा कि विकास के लिए शिक्षा (तालीम) का होना बहुत जरूरी है।मुसलमान को शिक्षा के क्षेत्र में आगे आना चाहिए।उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा से जहां दुनिया संवरती है,वहीं दीनी तालीम से दुनिया और आखिरत दोनों का भला होगा।इस दीनी जलसे में लोगों से सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने का भी आह्वान किया गया तथा कहा गया कि नशाखोरी,जुआ,शराब यह सब चीजें तबाही और बर्बादी की तरफ ले जाने वाली है, वहीं ब्याह-शादियों में नाचना-गाना,डीजे बजाना आदि भी गुमराही की तरफ ले जाने वाला कदम है।जलसे में मौलाना मुशर्रत अली द्वारा सालाना बजट प्रस्तुत किया गया।कुरान हिफ्ज करने वाले बच्चों की दास्तार बंदी कर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर मुफ्ती रियासत अली,कारी मोहम्मद मोहसिन,कारी मोहम्मद साजिद,मौलाना फरमान अली,हाजी मोहम्मद असलम,मोहम्मद शहजाद,मोहम्मद साजिद,कारी मुराद अली, हाफिज अब्दुल समी, मोहम्मद शाहिद,डॉक्टर अफजल आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।रुड़की।रामपुर स्थित मदरसा मिसबाहउल उलूम में आयोजित सालाना जलसे में दीनी तालीम के साथ-साथ दुनियावी तालीम पर भी जोर दिया गया।मुफ्ती मोहम्मद सलमान तथा मौलाना हुसैन अहमद ने कहा कि विकास के लिए शिक्षा (तालीम) का होना बहुत जरूरी है।मुसलमान को शिक्षा के क्षेत्र में आगे आना चाहिए।उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा से जहां दुनिया संवरती है,वहीं दीनी तालीम से दुनिया और आखिरत दोनों का भला होगा।इस दीनी जलसे में लोगों से सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने का भी आह्वान किया गया तथा कहा गया कि नशाखोरी,जुआ,शराब यह सब चीजें तबाही और बर्बादी की तरफ ले जाने वाली है, वहीं ब्याह-शादियों में नाचना-गाना,डीजे बजाना आदि भी गुमराही की तरफ ले जाने वाला कदम है।जलसे में मौलाना मुशर्रत अली द्वारा सालाना बजट प्रस्तुत किया गया।कुरान हिफ्ज करने वाले बच्चों की दास्तार बंदी कर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर मुफ्ती रियासत अली,कारी मोहम्मद मोहसिन,कारी मोहम्मद साजिद,मौलाना फरमान अली,हाजी मोहम्मद असलम,मोहम्मद शहजाद,मोहम्मद साजिद,कारी मुराद अली, हाफिज अब्दुल समी,

मोहम्मद शाहिद,डॉक्टर अफजल आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

उत्तराखंड