धर्मनगरी में अपने फायदे के लिए अवैध निर्माण करने में तीर्थ की मर्यादा को भी तार-तार करने से नहीं किया जा रहा गुरेज ,,,
हरिद्वार:
धर्मनगरी में अपने फायदे के लिए अवैध निर्माण करने में तीर्थ की मर्यादा को भी तार-तार करने से गुरेज नहीं किया जा रहा है। ताजा मामला धर्मानगरी का हृदय कहे जाने वाले हर की पड़ी क्षेत्र में सामने आया है। एक मंदिर से मूर्तियां निकाल कर गंगा किनारे रख दी गई और उसकी जगह पर टॉयलेट और बाथरूम का अवैध निर्माण कर दिया गया। इस बात का खुलासा मोबाइल पुलिस चौकी के तहत भ्रमण पर निकले हरकी पैड़ी चौकी प्रभारी संजीव चौहान को मिली एक सूचना के आधार पर हुआ। पुलिस मौके पर पहुंची तो अंदर का नजारा देखकर दंग रह गई। आसपास के लोगों से जानकारी लेने पर मालूम हुआ कि जिस जगह पर टॉयलेट और बाथरूम बनाया गया है, वहां पर कुछ दिन पहले तक एक मंदिर हुआ करता था। बगल में बने गंगा घाट पर जाकर देखा तो मंदिर की मूर्तियां रखी हुई पाई गई। पता चला कि मंदिर से मूर्तियां उठाकर गंगा घाट पर रख दी गई और अवैध रूप से टॉयलेट और बाथरूम का निर्माण कर दिया गया। चौकी प्रभारी ने अवैध निर्माण करने वालों को फटकार लगाने के साथ ही हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण को इसकी सूचना दी। लेकिन अवैध निर्माण के ढांचे से पता चल रहा है कि यह कोई एक या दो दिन में नहीं हुआ है। ऐसे में सवाल यह है कि रात दिन अवैध कॉलोनी और अवैध वाहन पर कार्रवाई करने का दावा करने वाले अपराधीकरण की टीम को मंदिर हटाकर अवैध निर्माण करने की आखिर भनक क्यों नहीं लगी। देखने वाली बात यह भी होगी कि अवैध निर्माण का फाटक से होने के बाद प्राधिकरण के आला अधिकारी अब क्या एक्शन लेते हैं और इसके लिए जिम्मेदार कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई होगी। फिलहाल यह पूरा मामला चर्चाओं और आश्चर्य का विषय बना हुआ है। आमजन के मन में भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। हर की पैड़ी चौकी प्रभारी संजीव चौहान ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी प्राधिकरण को भेज दी गई है।
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आखिर क्यों आहत नहीं हो रही भावनाएं
हरिद्वार: मंदिर या कोई धार्मिक स्थल हटाकर उसे कमर्शियल इस्तेमाल करने के लिए अवैध निर्माण करने का यह पहला मामला नहीं है। सवाल भी सिर्फ प्राधिकरण या अन्य सरकारी विभाग की कार्यशैली पर नहीं है। धर्मनगरी की ऐसी कई संस्थाओं और संगठनों पर भी सवाल है, जो छोटे-छोटे मुद्दे को तूल देने में कोई कसर नहीं छोड़ते, लेकिन ऐसे मामलों में ना तो उनकी भावना आहत होती है और ना ही कार्रवाई के लिए मुंह से आवाज निकलती है।
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पिछले हफ्ते पहाड़ के नीचे मिली थी सुरंग
हरकी पैड़ी क्षेत्र में कमर्शल गतिविधियों के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। एक सप्ताह पहले ही खोखे के अंदर दुकान बनाने के लिए गुप्त रूप से खोदी गई सुरंग का पटाक्षेप भी पुलिस के हस्तक्षेप पर हुआ था। वन विभाग और टाइगर रिजर्व पार्क को भी इसकी भनक नहीं लग पाई थी। प्राचीन धर्मशाला और समेत कई तीर्थ स्थलों को तोड़कर कमर्शियल भवन बनाने की गिनती की जाए तो हरकी पैड़ी क्षेत्र में ही आंकड़ा सैकड़ों को पार कर जाएगा।हरिद्वार: धर्मनगरी में अपने फायदे के लिए अवैध निर्माण करने में तीर्थ की मर्यादा को भी तार-तार करने से गुरेज नहीं किया जा रहा है। ताजा मामला धर्मानगरी का हृदय कहे जाने वाले हर की पड़ी क्षेत्र में सामने आया है। एक मंदिर से मूर्तियां निकाल कर गंगा किनारे रख दी गई और उसकी जगह पर टॉयलेट और बाथरूम का अवैध निर्माण कर दिया गया। इस बात का खुलासा मोबाइल पुलिस चौकी के तहत भ्रमण पर निकले हरकी पैड़ी चौकी प्रभारी संजीव चौहान को मिली एक सूचना के आधार पर हुआ। पुलिस मौके पर पहुंची तो अंदर का नजारा देखकर दंग रह गई। आसपास के लोगों से जानकारी लेने पर मालूम हुआ कि जिस जगह पर टॉयलेट और बाथरूम बनाया गया है, वहां पर कुछ दिन पहले तक एक मंदिर हुआ करता था। बगल में बने गंगा घाट पर जाकर देखा तो मंदिर की मूर्तियां रखी हुई पाई गई। पता चला कि मंदिर से मूर्तियां उठाकर गंगा घाट पर रख दी गई और अवैध रूप से टॉयलेट और बाथरूम का निर्माण कर दिया गया। चौकी प्रभारी ने अवैध निर्माण करने वालों को फटकार लगाने के साथ ही हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण को इसकी सूचना दी। लेकिन अवैध निर्माण के ढांचे से पता चल रहा है कि यह कोई एक या दो दिन में नहीं हुआ है। ऐसे में सवाल यह है कि रात दिन अवैध कॉलोनी और अवैध वाहन पर कार्रवाई करने का दावा करने वाले अपराधीकरण की टीम को मंदिर हटाकर अवैध निर्माण करने की आखिर भनक क्यों नहीं लगी। देखने वाली बात यह भी होगी कि अवैध निर्माण का फाटक से होने के बाद प्राधिकरण के आला अधिकारी अब क्या एक्शन लेते हैं और इसके लिए जिम्मेदार कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई होगी। फिलहाल यह पूरा मामला चर्चाओं और आश्चर्य का विषय बना हुआ है। आमजन के मन में भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। हर की पैड़ी चौकी प्रभारी संजीव चौहान ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी प्राधिकरण को भेज दी गई है।
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आखिर क्यों आहत नहीं हो रही भावनाएं
हरिद्वार: मंदिर या कोई धार्मिक स्थल हटाकर उसे कमर्शियल इस्तेमाल करने के लिए अवैध निर्माण करने का यह पहला मामला नहीं है। सवाल भी सिर्फ प्राधिकरण या अन्य सरकारी विभाग की कार्यशैली पर नहीं है। धर्मनगरी की ऐसी कई संस्थाओं और संगठनों पर भी सवाल है, जो छोटे-छोटे मुद्दे को तूल देने में कोई कसर नहीं छोड़ते, लेकिन ऐसे मामलों में ना तो उनकी भावना आहत होती है और ना ही कार्रवाई के लिए मुंह से आवाज निकलती है।
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पिछले हफ्ते पहाड़ के नीचे मिली थी सुरंग
हरकी पैड़ी क्षेत्र में कमर्शल गतिविधियों के लिए नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। एक सप्ताह पहले ही खोखे के अंदर दुकान बनाने के लिए गुप्त रूप से खोदी गई सुरंग का पटाक्षेप भी पुलिस के हस्तक्षेप पर हुआ था। वन विभाग और टाइगर रिजर्व पार्क को भी इसकी भनक नहीं लग पाई थी। प्राचीन धर्मशाला और समेत कई तीर्थ स्थलों को तोड़कर कमर्शियल भवन बनाने की गिनती की जाए तो हरकी पैड़ी क्षेत्र में ही आंकड़ा सैकड़ों को पार कर जाएगा।