दरगाह अकाउंटेंट सफीक अहमद के वित्तीय हानि व भ्र्ष्टाचार पर कार्यवाही कब,,,?

दरगाह अकाउंटेंट सफीक अहमद के वित्तीय हानि व भ्र्ष्टाचार पर कार्यवाही कब,,,?

दरगाह अकाउंटेंट सफीक अहमद के वित्तीय हानि व भ्र्ष्टाचार पर कार्यवाही कब,,,?

 

भाजपा सरकार व वक्फ बोर्ड की करप्शन पर जीरो टोलरेंश की नीति दरगाह कार्यालय के भृष्टाचारियो को बेनकाब करने क्यों हो रही फेल,,,

रुड़की/कलियर

अनवर राणा।

पिरान कलियर दरगाह साबीर पाक की देखरेख का जिम्मा जिला अधिकारी हरिद्वार के हाथों में निहित होने के बावजूद भी इस कार्यालय में तैनात अकाउंटेंट सफीक अहमद 2017 से आज तक इसी पद कार्यरत चला आ रहा है,जबकि उक्त व्यक्ति सरकार की नॉकरी से भी लगभग तीन वर्ष पूर्व रिटायरमेंट ले चुका है। ऐसा नहीं कि उनके पद पर रहते हुवे कार्यालय दरगाह पिरान कलियर में कोई भ्र्ष्टाचार व वित्तीय हानि नहीं हुई हो,बल्कि 2022 में गठित वक्फ बोर्ड की उर्स निगरानी समिति के सामने दरगाह की आय को नुकसान पहुंचाने ओर अपनी जेबो को भरने के उनके खिलाफ अनेक मामले आज तक बेनकाब हो चुके है।समय समय पर इस भृष्टाचारी अकाउंटेंट पर दरगाह प्रबंधक  का अतिरिक्त चार्ज भी रहा। जिसके चलते लंगर,वार्षिक ठेकों व अन्य उर्स व्यवस्था से सम्बंधित कार्यो में करोड़ो की हेराफेरी के मामले जांच में उजागर हो चुके है। जिसको लेकर नवगठित वक्फ बोर्ड की 2022 में हुई पहली मीटिंग में ही कलियर दरगाह की आय को नुकसान पहुंचाने वाले अकाउंटेंट व दो अन्य टीम के सदस्यों के खिलाफ बहुमत से प्रस्ताव पारित कर वक्फ बोर्ड मेम्बरों ने इन्हें पद से हटाने की सिफारिश की थी।लेकिन आज तक भी इन वक्फ की आय को बन्दरबांट कर बच्चों पालने वाले भृष्टाचारियो पर वक्फ बोर्ड मेहरबान होकर कोई कार्यवाही करने में असहाय व असमर्थ ही लग रहा है।अब सवाल यह है कि भाजपा की सरकार की करप्शन पर जीरो टोलरेंश की नीति को वक्फ बोर्ड में कौन पलीता लगाकर भाजपा की धामी सरकार को बदनाम करने में लगा हुआ है,,,?

दरगाह अकाउंटेंट सफीक अहमद के वित्तीय हानि व भ्र्ष्टाचार पर कार्यवाही कब,,,?

भाजपा सरकार व वक्फ बोर्ड की करप्शन पर जीरो टोलरेंश की नीति दरगाह कार्यालय के भृष्टाचारियो को बेनकाब करने फेल,,,
रुड़की/कलियर
अनवर राणा।
पिरान कलियर दरगाह साबीर पाक की देखरेख का जिम्मा जिला अधिकारी हरिद्वार के हाथों में निहित होने के बावजूद भी इस कार्यालय में तैनात अकाउंटेंट सफीक अहमद 2017 से आज तक इसी पद कार्यरत चला आ रहा है,जबकि उक्त व्यक्ति सरकार की नॉकरी से भी लगभग तीन वर्ष पूर्व रिटायरमेंट ले चुका है। ऐसा नहीं कि उनके पद पर रहते हुवे कार्यालय दरगाह पिरान कलियर में कोई भ्र्ष्टाचार व वित्तीय हानि नहीं हुई हो,बल्कि 2022 में गठित वक्फ बोर्ड की उर्स निगरानी समिति के सामने दरगाह की आय को नुकसान पहुंचाने ओर अपनी जेबो को भरने के उनके खिलाफ अनेक मामले आज तक बेनकाब हो चुके है।समय समय पर इस भृष्टाचारी अकाउंटेंट पर दरगाह प्रबंधक का अतिरिक्त चार्ज भी रहा। जिसके चलते लंगर,वार्षिक ठेकों व अन्य उर्स व्यवस्था से सम्बंधित कार्यो में करोड़ो की हेराफेरी के मामले जांच में उजागर हो चुके है। जिसको लेकर नवगठित वक्फ बोर्ड की 2022 में हुई पहली मीटिंग में ही कलियर दरगाह की आय को नुकसान पहुंचाने वाले अकाउंटेंट व दो अन्य टीम के सदस्यों के खिलाफ बहुमत से प्रस्ताव पारित कर वक्फ बोर्ड मेम्बरों ने इन्हें पद से हटाने की सिफारिश की थी।लेकिन आज तक भी इन वक्फ की आय को बन्दरबांट कर बच्चों पालने वाले भृष्टाचारियो पर वक्फ बोर्ड मेहरबान होकर कोई कार्यवाही करने में असहाय व असमर्थ ही लग रहा है।अब सवाल यह है कि भाजपा की सरकार की करप्शन पर जीरो टोलरेंश की नीति को वक्फ बोर्ड में कौन पलीता लगाकर भाजपा की धामी सरकार को बदनाम करने में लगा हुआ है,,,?

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