हिंदू प्रेमी से शादी करने की जिद करना 19 साल की एक मुस्लिम युवती की जान पर पड़ा भारी ,,,

हिंदू प्रेमी से शादी करने की जिद करना 19 साल की एक मुस्लिम युवती की जान पर पड़ा भारी ,,,

हिंदू प्रेमी से शादी करने की जिद करना 19 साल की एक मुस्लिम युवती की जान पर पड़ा भारी ,,,

रुड़की:

हिंदू प्रेमी से शादी करने की जिद करना 19 साल की एक मुस्लिम युवती की जान पर भारी पड़ा। उसके दो भाईयों ने गमछे से गला दबाकर बहन की हत्या कर दी और शव को ठिकाने लगाने के लिए मुरादनगर गंगनहर में फेंक दिया। वारदात मुरादनगर थाना क्षेत्र में रेलवे पुल के पास हुई। लेकिन लड़की रुड़की के गांव जलालपुर की निवासी थी। शव की तलाश में एनडीआरएफ ने रविवार को पूरे दिन सर्च आपरेशन चलाया। लेकिन शव नहीं मिला। आरोपियों की निशानदेही पर गला घोंटने में इस्तेमाल किया गया गमछा, युवती के सैंडल, कपड़े, आधार कार्ड आदि सामान बरामद हुआ है। पुलिस की तरफ से मुकदमा दर्ज कर दोनों चचेरे भाइयों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उन्होंने अपना जुर्म भी कुबूल कर लिया और बताया कि वे दूसरे समुदाय के युवक से प्रेम-विवाह के खिलाफ थे।

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पिता और भाइयों से होती थी कहासुनी

हत्या के बाद गंगनहर में फेंके गए शव की पहचान पुलिस ने रुड़की के थाना सिविल लाइन क्षेत्र स्थित गांव जलालपुर की शीबा (19) पुत्री नवाब के रूप में की है। पुलिस ने बताया कि गांव के ही एक हिंदू युवक से उसके प्रेम-प्रसंग थे, जिससे परिवार के लोग नाखुश थे। इसको लेकर भाई सुफियान व पिता नवाब से रोजाना कहासुनी होती थी। इसको लेकर गांव में पंचायतें भी हुई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। परेशान आकर तीन महीने पहले उन्होंने शीबा को दिल्ली के शाहदरा में ताऊ के बेटे महताब के घर भेज दिया। उन्हें उम्मीद थी कि वहां रहकर आतिश से दूर रहेगी तो कुछ समय बाद किसी दूसरे युवक से शादी करा देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

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इसलिए रची हत्या की साजिश

निगरानी के बावजूद दोनों चोरी-छिपे फोन पर बातें करते रहे। समय-समय पर प्रेमी दिल्ली आकर उससे मिलता भी रहा। कुछ दिन पहले सुफियान को इस बारे में पता चला तो ताऊ के बेटे के साथ शीबा की हत्या की साजिश तैयार की। जिसके तहत वह ऑटो से शीबा को घुमाने के बहाने मुरादनगर गंगनहर लेकर आए। यहां आरोपियों ने रेलवे पुल के निकट जंगल में ऑटो रोककर शीबा को पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद एक भाई ने उसके हाथ पकड़े और दूसरे भाई ने गमछे से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। बाद में शव बोरी में भरकर गंग नहर में फेंक दिया।

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सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए आरोपी

आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि महताब दिल्ली में ही ऑटो चालक है। वह अपने साथी का ऑटो लेकर मुरादनगर आया था। सुफियान ने शीबा को गंगनहर पर घुमाने का झांसा दिया। तीनों सुबह 11 बजे दिल्ली से चले थे। रास्ते में उन्होंने खाना खाया। शीबा को वारदात का एहसास तक नहीं होने दिया। मुरादनगर पहुंचने पर चितौड़ा पुल की तरफ उन्होंने ऑटो मोड़ दिया। रेलवे पुल से करीब एक किलोमीटर पहले ही ऑटो रोक दिया। इसके बाद तीनों पैदल गंगनहर किनारे पहुंचे और हत्या कर दी। लौटते समय थोड़ी ही दूरी पर मुरादनगर थाने की चीता बाइक पर दो पुलिसकर्मी आ रहे थे। उन्हें देखकर दोनों हड़बडा गए। उन्हें लगा कि पुलिस ने उन्हें हत्या करते हुए देख लिया है। आरोपियों के भागने पर पुलिस को शक हो गया और पुलिसकर्मियों ने पीछा कर उसे दबोच लिया। वह बुरी तरह बौखलाया हुआ था। शक के आधार पर दोनों को थाने लाकर पूछताछ की तो मामले से पर्दा हटा। पुलिस ने मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। जिसमें तीनों गंगनहर की तरफ जाते दिख रहे हैं। पुलिस ने रुड़की से शीबा के परिजनों को बुला लिया। लेकिन उन्होंने कार्रवाई से मना कर दिया। तब पुलिस ने अपनी तरफ से मुकदमा दर्ज किया।

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तो कभी सामने न आता राज

वारदात के बाद आरोपी अंडरग्राउंड होने की फिराक में थे। यदि पुलिस उन्हें रास्ते में चेकिंग के दौरान रोककर पूछताछ नहीं करती तो शायद शीबा को कभी न्याय नहीं मिल पाता। उसकी हत्या परिवार ने प्री-प्लान तरीके से की। पुलिस मान रही है कि सभी को पता था कि सुफियान और महताब हत्या करने जा रहे हैं। ऐसे में कोई भी शीबा की गुमशुदगी दर्ज नहीं कराता। ना ही उसके सिलसिले में बात होती। तब हत्या का मामला गंगनहर में ही हमेशा के लिए दफन हो जाता।

——————–रुड़की: हिंदू प्रेमी से शादी करने की जिद करना 19 साल की एक मुस्लिम युवती की जान पर भारी पड़ा। उसके दो भाईयों ने गमछे से गला दबाकर बहन की हत्या कर दी और शव को ठिकाने लगाने के लिए मुरादनगर गंगनहर में फेंक दिया। वारदात मुरादनगर थाना क्षेत्र में रेलवे पुल के पास हुई। लेकिन लड़की रुड़की के गांव जलालपुर की निवासी थी। शव की तलाश में एनडीआरएफ ने रविवार को पूरे दिन सर्च आपरेशन चलाया। लेकिन शव नहीं मिला। आरोपियों की निशानदेही पर गला घोंटने में इस्तेमाल किया गया गमछा, युवती के सैंडल, कपड़े, आधार कार्ड आदि सामान बरामद हुआ है। पुलिस की तरफ से मुकदमा दर्ज कर दोनों चचेरे भाइयों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उन्होंने अपना जुर्म भी कुबूल कर लिया और बताया कि वे दूसरे समुदाय के युवक से प्रेम-विवाह के खिलाफ थे।
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पिता और भाइयों से होती थी कहासुनी
हत्या के बाद गंगनहर में फेंके गए शव की पहचान पुलिस ने रुड़की के थाना सिविल लाइन क्षेत्र स्थित गांव जलालपुर की शीबा (19) पुत्री नवाब के रूप में की है। पुलिस ने बताया कि गांव के ही एक हिंदू युवक से उसके प्रेम-प्रसंग थे, जिससे परिवार के लोग नाखुश थे। इसको लेकर भाई सुफियान व पिता नवाब से रोजाना कहासुनी होती थी। इसको लेकर गांव में पंचायतें भी हुई, लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। परेशान आकर तीन महीने पहले उन्होंने शीबा को दिल्ली के शाहदरा में ताऊ के बेटे महताब के घर भेज दिया। उन्हें उम्मीद थी कि वहां रहकर आतिश से दूर रहेगी तो कुछ समय बाद किसी दूसरे युवक से शादी करा देंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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इसलिए रची हत्या की साजिश
निगरानी के बावजूद दोनों चोरी-छिपे फोन पर बातें करते रहे। समय-समय पर प्रेमी दिल्ली आकर उससे मिलता भी रहा। कुछ दिन पहले सुफियान को इस बारे में पता चला तो ताऊ के बेटे के साथ शीबा की हत्या की साजिश तैयार की। जिसके तहत वह ऑटो से शीबा को घुमाने के बहाने मुरादनगर गंगनहर लेकर आए। यहां आरोपियों ने रेलवे पुल के निकट जंगल में ऑटो रोककर शीबा को पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद एक भाई ने उसके हाथ पकड़े और दूसरे भाई ने गमछे से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। बाद में शव बोरी में भरकर गंग नहर में फेंक दिया।
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सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए आरोपी
आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि महताब दिल्ली में ही ऑटो चालक है। वह अपने साथी का ऑटो लेकर मुरादनगर आया था। सुफियान ने शीबा को गंगनहर पर घुमाने का झांसा दिया। तीनों सुबह 11 बजे दिल्ली से चले थे। रास्ते में उन्होंने खाना खाया। शीबा को वारदात का एहसास तक नहीं होने दिया। मुरादनगर पहुंचने पर चितौड़ा पुल की तरफ उन्होंने ऑटो मोड़ दिया। रेलवे पुल से करीब एक किलोमीटर पहले ही ऑटो रोक दिया। इसके बाद तीनों पैदल गंगनहर किनारे पहुंचे और हत्या कर दी। लौटते समय थोड़ी ही दूरी पर मुरादनगर थाने की चीता बाइक पर दो पुलिसकर्मी आ रहे थे। उन्हें देखकर दोनों हड़बडा गए। उन्हें लगा कि पुलिस ने उन्हें हत्या करते हुए देख लिया है। आरोपियों के भागने पर पुलिस को शक हो गया और पुलिसकर्मियों ने पीछा कर उसे दबोच लिया। वह बुरी तरह बौखलाया हुआ था। शक के आधार पर दोनों को थाने लाकर पूछताछ की तो मामले से पर्दा हटा। पुलिस ने मार्ग पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। जिसमें तीनों गंगनहर की तरफ जाते दिख रहे हैं। पुलिस ने रुड़की से शीबा के परिजनों को बुला लिया। लेकिन उन्होंने कार्रवाई से मना कर दिया। तब पुलिस ने अपनी तरफ से मुकदमा दर्ज किया।
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तो कभी सामने न आता राज
वारदात के बाद आरोपी अंडरग्राउंड होने की फिराक में थे। यदि पुलिस उन्हें रास्ते में चेकिंग के दौरान रोककर पूछताछ नहीं करती तो शायद शीबा को कभी न्याय नहीं मिल पाता। उसकी हत्या परिवार ने प्री-प्लान तरीके से की। पुलिस मान रही है कि सभी को पता था कि सुफियान और महताब हत्या करने जा रहे हैं। ऐसे में कोई भी शीबा की गुमशुदगी दर्ज नहीं कराता। ना ही उसके सिलसिले में बात होती। तब हत्या का मामला गंगनहर में ही हमेशा के लिए दफन हो जाता।
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उत्तराखंड