देश की बेटी क्रांतिकारी शालू सैनी के जज्बे को सलाम,दो हजार से ज्यादा शवों का कर चुकी है निशुल्क अंतिम संस्कार,,,
रुड़की।
लावारिस की वारिस बनकर शालू सैनी अपने हाथों से देती है मुखाग्नि,सिर्फ इस उद्देश्य से कि हर लावारिस को हो कफन नसीब।साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की राष्ट्रीय अध्यक्ष लावारिसों की वारिस वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर क्रांतिकारी शालू सैनी ने दो हजार लावारिस शवों के निशुल्क अंतिम संस्कार व अस्थि विसर्जन करके मिथक को तोड़ा है,उसी कड़ी में क्रांतिकारी शालू सैनी हर बार की तरह इस बार भी लावारिस की वारिस बनकर सिविल लाइन थाने की सूचना पर लावारिस शव का अंतिम संस्कार किया तो,वहीं क्रांतिकारी शालू सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि वह एक सिंगल मदर है और ठेला लगाकर अपने बच्चों की जिम्मेदारी पूरी करने के साथ-साथ अंतिम संस्कार की सेवा ईश्वर की दी हुई जिम्मेदारी समझकर निस्वार्थ भाव से पूरा करने में जुटी है।शालू सैनी का कहना है कि उनके पास संसाधनों का अभाव जरूर है,किन्तु ईश्वर ही करने वाले हैं,मैं तो सिर्फ माध्यम हूं।उन्हें सिविल लाइन थाने से लावारिस शव की सूचना मिली,जिसके बाद शालू सैनी ने प्रशासनिक औपचारिकता पूर्ण कर प्रशासन की मौजूदगी में स्थानीय नई मंडी में पूरे विधि विधान के साथ शव का अंतिम संस्कार किया।सहयोगी राजू सैनी,राजीव सिंघल,सोनिया लूथरा,मंगलेश कुमार,मुकेश बंसल,कोशल्या आर्य,अमनीश शर्मा,राजेश शर्मा आदि ने आमजन से अपील की,कि लावारिस शव या कोई परिवार अंतिम संस्कार करने में असमर्थ हो तो अंतिम संस्कार के लिए उनको सूचना दे,जिससे कि लावारिस को वारिस मिल सके व विधि-विधान के साथ शव का निशुल्क अंतिम संस्कार किया जा सके।
देश की बेटी क्रांतिकारी शालू सैनी के जज्बे को सलाम,दो हजार से ज्यादा शवों का कर चुकी है निशुल्क अंतिम संस्कार
रुड़की।लावारिस की वारिस बनकर शालू सैनी अपने हाथों से देती है मुखाग्नि,सिर्फ इस उद्देश्य से कि हर लावारिस को हो कफन नसीब।साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की राष्ट्रीय अध्यक्ष लावारिसों की वारिस वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर क्रांतिकारी शालू सैनी ने दो हजार लावारिस शवों के निशुल्क अंतिम संस्कार व अस्थि विसर्जन करके मिथक को तोड़ा है,उसी कड़ी में क्रांतिकारी शालू सैनी हर बार की तरह इस बार भी लावारिस की वारिस बनकर सिविल लाइन थाने की सूचना पर लावारिस शव का अंतिम संस्कार किया तो,वहीं क्रांतिकारी शालू सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि वह एक सिंगल मदर है और ठेला लगाकर अपने बच्चों की जिम्मेदारी पूरी करने के साथ-साथ अंतिम संस्कार की सेवा ईश्वर की दी हुई जिम्मेदारी समझकर निस्वार्थ भाव से पूरा करने में जुटी है।शालू सैनी का कहना है कि उनके पास संसाधनों का अभाव जरूर है,किन्तु ईश्वर ही करने वाले हैं,मैं तो सिर्फ माध्यम हूं।उन्हें सिविल लाइन थाने से लावारिस शव की सूचना मिली,जिसके बाद शालू सैनी ने प्रशासनिक औपचारिकता पूर्ण कर प्रशासन की मौजूदगी में स्थानीय नई मंडी में पूरे विधि विधान के साथ शव का अंतिम संस्कार किया।सहयोगी राजू सैनी,राजीव सिंघल,सोनिया लूथरा,मंगलेश कुमार,मुकेश बंसल,कोशल्या आर्य,अमनीश शर्मा,राजेश शर्मा आदि ने आमजन से अपील की,कि लावारिस शव या कोई परिवार अंतिम संस्कार करने में असमर्थ हो तो अंतिम संस्कार के लिए उनको सूचना दे,जिससे कि लावारिस को वारिस मिल सके व विधि-विधान के साथ शव का निशुल्क अंतिम संस्कार किया जा सके।