जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी के पद स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर कनखल स्थित हरिहर आश्रम में चल रहे दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में वीवीआइपी और वीआईपी हस्तियों का लगा मेला,,,

जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी के पद स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर कनखल स्थित हरिहर आश्रम में चल रहे दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में वीवीआइपी और वीआईपी हस्तियों का लगा मेला,,,

जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी के पद स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर कनखल स्थित हरिहर आश्रम में चल रहे दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में वीवीआइपी और वीआईपी हस्तियों का लगा मेला,,,

हरिद्वार:

जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी के पद स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर कनखल स्थित हरिहर आश्रम में चल रहे दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में वीवीआइपी और वीआईपी हस्तियों का मेला लगा है। लेकिन विभिन्न अखाड़ों के पदाधिकारी को आमंत्रण ही नहीं दिया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत के पहुंचने के दौरान भी कार्यक्रम में मंच पर अखाड़े के संत ही नजर नहीं आए। जानकारी लेने पर सामने आया कि अखाड़े की पदाधिकारियों और अखाड़ा परिषद को विधिवत रूप से निमंत्रण ही नहीं मिला है। जिसको लेकर संतों में नाराजगी की चर्चाएं भी बनी हुई हैं। कार्यक्रम के बीच यह मामला हर तरफ चर्चाओं का विषय बना हुआ है।

जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद महाराज के पीठ पर विराजमान हुए 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव का आयोजन किया गया है। जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, स्वामी रामदेव, स्वामी चिदानंद मुनि, पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी समेत कई नामचीन हस्तियां शामिल हुई थी। सूत्रों से ज्ञात हुआ कि अखाड़े के पदाधिकारी ना कार्यक्रम में नजर आए और ना ही मंच पर कोई पदाधिकारी दिखाई दिया। स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर हैं, लेकिन जूना अखाड़े के ही पदाधिकारी कार्यक्रम में मौजूद नजर नहीं आए।  अन्य अखाड़ों के पदाधिकारी भी नहीं दिखे। जानकारी जुटाने पर मालूम हुआ कि अखाड़ों के पदाधकारियों को कार्यक्रम में आमंत्रित ही नहीं किया गया था। यह मामला बेहद चर्चाओं का विषय बना हुआ है। वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं पंचायती अखाड़ा श्री निरंजन के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी  महाराज से इस बाबत पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्हें कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला। हो सकता है स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज का निजी कार्यक्रम होने के चलते आमंत्रण  नहीं दिया गया हो, लेकिन उन्हें इसको लेकर कोई आपत्ति या शिकायत बिल्कुल भी नहीं है।हरिद्वार: जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी के पद स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर कनखल स्थित हरिहर आश्रम में चल रहे दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में वीवीआइपी और वीआईपी हस्तियों का मेला लगा है। लेकिन विभिन्न अखाड़ों के पदाधिकारी को आमंत्रण ही नहीं दिया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत के पहुंचने के दौरान भी कार्यक्रम में मंच पर अखाड़े के संत ही नजर नहीं आए। जानकारी लेने पर सामने आया कि अखाड़े की पदाधिकारियों और अखाड़ा परिषद को विधिवत रूप से निमंत्रण ही नहीं मिला है। जिसको लेकर संतों में नाराजगी की चर्चाएं भी बनी हुई हैं। कार्यक्रम के बीच यह मामला हर तरफ चर्चाओं का विषय बना हुआ है।
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद महाराज के पीठ पर विराजमान हुए 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव का आयोजन किया गया है। जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, स्वामी रामदेव, स्वामी चिदानंद मुनि, पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी समेत कई नामचीन हस्तियां शामिल हुई थी। सूत्रों से ज्ञात हुआ कि अखाड़े के पदाधिकारी ना कार्यक्रम में नजर आए और ना ही मंच पर कोई पदाधिकारी दिखाई दिया। स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर हैं, लेकिन जूना अखाड़े के ही पदाधिकारी कार्यक्रम में मौजूद नजर नहीं आए। अन्य अखाड़ों के पदाधिकारी भी नहीं दिखे। जानकारी जुटाने पर मालूम हुआ कि अखाड़ों के पदाधकारियों को कार्यक्रम में आमंत्रित ही नहीं किया गया था। यह मामला बेहद चर्चाओं का विषय बना हुआ है। वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं पंचायती अखाड़ा श्री निरंजन के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज से इस बाबत पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्हें कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला। हो सकता है स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज का निजी कार्यक्रम होने के चलते आमंत्रण नहीं दिया गया हो, लेकिन उन्हें इसको लेकर कोई आपत्ति या शिकायत बिल्कुल भी नहीं है।

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