गुरुकुल महाविद्यालय की भूमि बाबा रामदेव की पतंजलि ट्रस्ट को देने पर चौहान बिरादरी में अंदरूनी तौर पर मचा घमासान

गुरुकुल महाविद्यालय की भूमि बाबा रामदेव की पतंजलि ट्रस्ट को देने पर चौहान बिरादरी में अंदरूनी तौर पर मचा घमासान

गुरुकुल महाविद्यालय की भूमि बाबा रामदेव की पतंजलि ट्रस्ट को देने पर चौहान बिरादरी में अंदरूनी तौर पर मचा घमासान

हरिद्वार:

गुरुकुल महाविद्यालय की भूमि बाबा रामदेव की पतंजलि ट्रस्ट को देने पर चौहान बिरादरी में अंदरूनी तौर पर घमासान मचा हुआ है। खास तौर पर बिरादरी के युवाओं ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए समाज के नेताओं को निशाने पर ले लिया है। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया गर्म है और बेबाक नौजवान खुलकर अपने बिरादरी के वरिष्ठ नेताओं पर भ्रष्टाचार और बाबा रामदेव की चमचागिरी के आरोप लगा रहे हैं। इतना ही नहीं इस बहाने से हरिद्वार में कोई धर्मशाला बिकने का मुद्दा भी उछल कर बाहर आया है। इसको लेकर भी आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।

गौरतलब है कि, गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर को लेकर कुछ समय पहले तक दो गुटों में विवाद चल आ रहा था। एक गुट का नेतृत्व पूर्व कैबिनेट मंत्री और नगर विधायक मदन कौशिक कर रहे थे। जबकि दूसरे गुट के अगुवा पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद बने हुए थे। दोनों गुटों में कई बार महाविद्यालय पर कब्जे और वर्चस्व को लेकर आमने-सामने का झगड़ा हुआ। दोनों तरफ से मुकदमेंबाजी हुई और कई महीनो तक यह विवाद पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द बना रहा। फिर अचानक समय का चक्र ऐसा घुमा कि एक प्रस्ताव के तहत महाविद्यालय की जमीन बाबा रामदेव के पतंजलि ट्रस्ट को शिक्षण संस्थान के लिए दे दी गई। हैरानी की बात है कि इसके बाद से दोनों गुटों और उनके झगड़े का कोई अता-पता नहीं चल पाया।

—————–

प्रबंध समिति के 16 सदस्यों में से 6 चौहान

शनिवार को स्वामी दर्शनानंद गुरुकुल महाविद्यालय के नाम से 250 करोड़ की लागत से बने शिक्षण संस्थान का उद्घाटन केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में होना है। गुरुवार को बाबा रामदेव ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। निमंत्रण कार्ड में प्रबंध समिति के नाम भी प्रकाशित किए गए हैं। जिनमें कुल 16 नाम में से 6 लोग चौहान बिरादरी से हैं। बाबा रामदेव खुद कई दिन से बहादराबाद में आसपास के क्षेत्र में चौहान बाहुल्य गांव में घूम-घूम कर निमंत्रण पत्र बांट रहे हैं। जिससे साफ पता चल रहा है कि महाविद्यालय में चौहान बिरादरी की कितनी अहम भूमिका है। इसके साथ ही चौहान बिरादरी में यह मुद्दा अंदरूनी तौर पर उथल-पुथल मचाए हुए हैं। सोशल मीडिया पर बिरादरी के नौजवान अपने वरिष्ठ नेताओं के फैसले पर सवाल उठाते हुए गुरुकुल महाविद्यालय की भूमि पतंजलि को देने का विरोध कर रहे हैं। भाजपा व अन्य संगठनों से जुड़े कई चौहान नौजवान संपत्ति को पतंजलि को स्थानांतरण करने के अहम भूमिका निभाने वाले बिरादरी के नेताओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे है। बिरादरी के युवाओं को गुरुकुल महाविधालय जमीन पतंजलि को देने पर रोष फैल रहा है। ओर सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहे है। आरोप तो ये भी लगाए जा रहे हैं कि इनमें से ही कुछ नेताओं ने हरिद्वार में बिरादरी की धर्मशाला भी बेच डाली थी। कुल मिलाकर यह मामला चौहान बिरादरी में अंदरूनी तौर पर आरोप प्रत्यारोप और नाराजगी का सबब बना हुआ है। देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में इस विवाद का ऊंट किस करवट बैठता है।हरिद्वार: गुरुकुल महाविद्यालय की भूमि बाबा रामदेव की पतंजलि ट्रस्ट को देने पर चौहान बिरादरी में अंदरूनी तौर पर घमासान मचा हुआ है। खास तौर पर बिरादरी के युवाओं ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए समाज के नेताओं को निशाने पर ले लिया है। इस मुद्दे पर सोशल मीडिया गर्म है और बेबाक नौजवान खुलकर अपने बिरादरी के वरिष्ठ नेताओं पर भ्रष्टाचार और बाबा रामदेव की चमचागिरी के आरोप लगा रहे हैं। इतना ही नहीं इस बहाने से हरिद्वार में कोई धर्मशाला बिकने का मुद्दा भी उछल कर बाहर आया है। इसको लेकर भी आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
गौरतलब है कि, गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर को लेकर कुछ समय पहले तक दो गुटों में विवाद चल आ रहा था। एक गुट का नेतृत्व पूर्व कैबिनेट मंत्री और नगर विधायक मदन कौशिक कर रहे थे। जबकि दूसरे गुट के अगुवा पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद बने हुए थे। दोनों गुटों में कई बार महाविद्यालय पर कब्जे और वर्चस्व को लेकर आमने-सामने का झगड़ा हुआ। दोनों तरफ से मुकदमेंबाजी हुई और कई महीनो तक यह विवाद पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द बना रहा। फिर अचानक समय का चक्र ऐसा घुमा कि एक प्रस्ताव के तहत महाविद्यालय की जमीन बाबा रामदेव के पतंजलि ट्रस्ट को शिक्षण संस्थान के लिए दे दी गई। हैरानी की बात है कि इसके बाद से दोनों गुटों और उनके झगड़े का कोई अता-पता नहीं चल पाया।
—————–
प्रबंध समिति के 16 सदस्यों में से 6 चौहान
शनिवार को स्वामी दर्शनानंद गुरुकुल महाविद्यालय के नाम से 250 करोड़ की लागत से बने शिक्षण संस्थान का उद्घाटन केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में होना है। गुरुवार को बाबा रामदेव ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। निमंत्रण कार्ड में प्रबंध समिति के नाम भी प्रकाशित किए गए हैं। जिनमें कुल 16 नाम में से 6 लोग चौहान बिरादरी से हैं। बाबा रामदेव खुद कई दिन से बहादराबाद में आसपास के क्षेत्र में चौहान बाहुल्य गांव में घूम-घूम कर निमंत्रण पत्र बांट रहे हैं। जिससे साफ पता चल रहा है कि महाविद्यालय में चौहान बिरादरी की कितनी अहम भूमिका है। इसके साथ ही चौहान बिरादरी में यह मुद्दा अंदरूनी तौर पर उथल-पुथल मचाए हुए हैं। सोशल मीडिया पर बिरादरी के नौजवान अपने वरिष्ठ नेताओं के फैसले पर सवाल उठाते हुए गुरुकुल महाविद्यालय की भूमि पतंजलि को देने का विरोध कर रहे हैं। भाजपा व अन्य संगठनों से जुड़े कई चौहान नौजवान संपत्ति को पतंजलि को स्थानांतरण करने के अहम भूमिका निभाने वाले बिरादरी के नेताओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे है। बिरादरी के युवाओं को गुरुकुल महाविधालय जमीन पतंजलि को देने पर रोष फैल रहा है। ओर सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहे है। आरोप तो ये भी लगाए जा रहे हैं कि इनमें से ही कुछ नेताओं ने हरिद्वार में बिरादरी की धर्मशाला भी बेच डाली थी। कुल मिलाकर यह मामला चौहान बिरादरी में अंदरूनी तौर पर आरोप प्रत्यारोप और नाराजगी का सबब बना हुआ है। देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में इस विवाद का ऊंट किस करवट बैठता है।

उत्तराखंड