उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के बेहतर व्यवस्था के खोखले दावों के बावजूद दरगाह साबीर पाक पर शीत लहर में भी श्रद्धालुओं व नमाजियों के वजूहू के लिये गर्म पानी की व्यवस्था तक नहीं,,,
जांच में दरगाह की आय का करोड़ो डकारने वाला सफीक अहमद जांच होने के बाद भी बना बैठा अकाउंटेंट,जिला प्रशासन बना
मूकदर्शक,,,
रुड़की/कलियर
अनवर राणा।
उत्तराखण्ड प्रदेश की वक्फ सम्पत्तियों में सबसे ज्यादा प्रतिवर्ष करोड़ों में आय देने वाली दरगाह साबीर पाक की प्रबंध व्यवस्था सन 2011 से माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा जनहित याचिका के आदेश पर जिला अधिकारी हरिद्वार के हाथों में निहित होने कारण उनकी देखरेख में ही यहां की व्यवस्था ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की की मार्फ़त की जा रही है। दरगाह की आय का लगभग एक अरब रुपया जो जायरीनों द्वारा दानपत्रों में डाला जाता है ओर वार्षिक ठेकों से प्राप्त होता है रुड़की कलियर के बैंकों में पड़ा है। लेकिन यहां पर आने वाले देश विदेश के जायरीनों के लिये शरद मौसम के चलते नमाज अदा करने के लिये वजूहू बनाने के वास्ते गर्म पानी की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है जिससे श्रद्धालुओ ओर नमाजियों को काफी परेशानियों का सामना इबादत करने में हो रहा है। प्रतिवर्ष होने वाले उर्स (मेले) की तैयारियों के नाम पर दरगाह के करोड़ों रुपये का गोलमाल किया जाता है जिसमें उर्स 2022 उर्स की तैयारियों के नाम पर अपनी चहेती फर्मो को करोड़ों के निर्माण कार्यो के नाम पर कमीशनखोरी के रुप में यहां पर तत्कालीन प्रबंधक/अकाउंटेंट ने मोटी कमाई किये जाने की जानकारी विधायक फुरकान द्वारा विधानसभा में प्रश्न पूछने की एवज में आरडब्लूडी के अधिकारियों की जांच व उर्स निगरानी समिति वक्फ बोर्ड की जांच में खुले तौर पर सामने आई थी,फिर भी दरगाह की आय का करोड़ों रुपए डकारने वाला अकाउंटेंट सफीक अहंमद आज तक दरगाह कार्यालय में चहेते अधिकारियों के आशीर्वाद से आय को बन्दरबांट कर डटा हुआ है।अब देखना यह होगा कि प्रदेश की जीरो टोलरेंश भाजपा सरकार इस भृष्ट अकाउंटेंट सफीक पर कोई कार्यवाही जिला अधिकारी हरिद्वार स्तर से करा पाती है या नहीं यह आने वाला समय ही तय करेगा।