कप्तान प्रमेंद्र डोबाल के निर्देशन में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी काे लिया सुलझा,,,

कप्तान प्रमेंद्र डोबाल के निर्देशन में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी काे लिया सुलझा,,,

कप्तान प्रमेंद्र डोबाल के निर्देशन में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी काे लिया सुलझा,,,

रुड़की:

चार दिन पहले मंगलौर के बहादरपुर जट गांव में हुए मर्डर का भी पुलिस ने खुलासा कर दिखाया। हत्यारोपी गांव का ही एक युवक निकला। पूछताछ में पता चला कि कबूतरबाजी के झगड़े में कुल्हाड़ी से काटकर हत्या की गई थी। पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल के निर्देशन में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी काे सुलझा लिया। वहीं, होटल में बेहतरीन खाने का लुत्फ उठाने के लिए लुटेरे बने तीन नाबालिग भी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। एसएसपी ने रविवार को मंगलौर कोतवाली में प्रेस कान्फ्रेंस कर हत्या व लूट की घटनाओं का पर्दाफाश करते हुए कोतवाली प्रभारी अमर चंद शर्मा को शाबाशी दी। वहीं, स्थानीय ग्रामीणों ने भी खुलासे पर पुलिस को बधाई दी।

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नाले में खून से लथपथ मिला था शव

30 जनवरी को ग्राम मोहम्मदपुर जट में अकेले रहने वाले रमेश का बिस्तर खून से सना मिला था। रमेश गायब था। बाद में उसका लहुलुहान शव बुरी स्थिति में घटनास्थल से कुछ दूरी पर गंदे नाले से बरामद हुआ था। घटना की संवेदनशीलता व नृशंसता को देखते हुए एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने तुरंत एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, एसपी क्राइम/ट्रैफिक पंकज गैरोला, एएसपी/सीओ जितेंद्र मेहरा, सीओ रुड़की (तत्समय मंगलौर) पल्लवी त्यागी, एसएचओ मंगलौर अमरचंद शर्मा के साथ घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे। फॉरेंसिक टीम ने भी वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए थे। सुखपाल पुत्र रूपराम निवासी मोहम्मदपुर जट कोतवाली मंगलौर की लिखित शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। मैनुअल तरीके से हजारों हजार मिली जानकारियों को आपस में जोड़ते हुए पता चला कि संदिग्ध अंकित पुत्र वीरेंद्र कुमार लगातार अपने ठिकाने बदलता है और जंगलों में निवास करता है, उसका रमेश के साथ पिछले कुछ समय से विवाद था। मुखबिर की सूचना पर नारसन क्षेत्र में पैदल जा रहे अंकित को दबोचकर पूछताछ की गई तो सारा मामला खुल कर सामने आ गया।

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इसलिए उतारा मौत के घाट

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि अंकित की दोस्ती कबूतर पालन और पेंटर का काम करने वाले रमेश से थी। अंकित ने समय-समय पर रमेश के कुछ कबूतर मार दिए। अंकित के सामने आने पर रमेश बार-बार अंकित को मां की गाली देता था। मरे हुए कबूतर को गाढ़ देने पर हुए रमेश ने बार-बार अंकित को मां की गाली दी थी। जिससे नाराज होकर अंकित ने रमेश की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी और लाश को वहां से कुछ दूरी पर ले जाकर गंदे नाले में फेंक दिया था। एसएसपी ने बताया कि हत्यारे को पकड़ना इतना सरल नहीं था। क्योंकि उसने कभी भी फोन का इस्तेमाल नहीं किया गया। लोगों के ज्यादा टच् में नहीं था। शुरुआती दौर में गांव में दूसरी बिरादरी पर शक था। यह प्रकरण कभी भी शांति व्यवस्था के दृष्टिकोण से संवेदनशील हो जाता। साथ ही शव को गंगनहर में फेंकने का हत्यारे का प्लान अगर कामयाब हो जाता तो पुलिस की दुश्वारियां बढ़ सकती थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, सीओ रुड़की पल्लवी त्यागी समेत पुलिस टीम मौजूद रहे।

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राहगीरों को डंडा मारकर लूटते थे मोबाइल नकदी

पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि बीते 30 जनवरी को मिथुन पुत्र जोगिंदर निवासी नगला सलारु और मोहित पुत्र अशोक कुमार निवासी कुमराडी ने एक फरवरी को उनके उनके साथ हुई लूटपाट के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया था। अगली लूट होने से पहले ही संभावित स्थल पर पुलिस ने पहुंचकर लुटेरों को रंगे हाथ दबोचने के लिए जाल बिछाया। कुछ देर बाद ही हाथ में डंडा लिए 03 युवक मौके पर पहुंचे तो पुलिस टीम ने घेराबंदी कर तीनों को दबोच लिया। लंबे चौड़े दिख रहे तीनों से पूछताछ में पता चला कि तीनों आरोपी नाबालिक हैं और पैसा कमाने के शौक के चलते ये तीनों मिलकर अकेले राहगीर के सर पर डंडा मार कर पैसे लूट लेते हैं। फिर लूट का पैसा तीनों मिलकर होटल में अच्छा-अच्छा खाना खाने और अपने शौक पूरा करने के लिए करते थे। उनके कब्जे से लूटा गया मोबाइल, लूट की घटना में प्रयुक्त डंडा और लूटी गई नगदी में से बचे हुए 1500/- भी बरामद किए। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि ऑनलाइन की इस दुनिया में नाबालिगों का दिन-रात अनर्गल वीडियो देखना व गलत राह पकड़ना बड़ा आसान होता है। इसलिए जरूरी है कि हर माता-पिता यह ध्यान अवश्य रखें कि उनके बच्चे क्या कर रहे हैं और किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

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पुलिस टीम

1- प्रभारी निरीक्षक कोतवाली मंगलौर अमरचंद शर्मा

2- वरिष्ठ उपनिरीक्षक धर्मेंद्र राठी

3- उपनिरीक्षक देवेंद्र तोमर

4- उपनिरीक्षक नवीन चौहान

5- हेड कांस्टेबल सेंसर पाल

6- कांस्टेबल पंकज

7- कांस्टेबल राजेश देवरानी

8- कांस्टेबल विनोद बर्थवाल

9 -कांस्टेबल अरविंद

————रुड़की: चार दिन पहले मंगलौर के बहादरपुर जट गांव में हुए मर्डर का भी पुलिस ने खुलासा कर दिखाया। हत्यारोपी गांव का ही एक युवक निकला। पूछताछ में पता चला कि कबूतरबाजी के झगड़े में कुल्हाड़ी से काटकर हत्या की गई थी। पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल के निर्देशन में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी काे सुलझा लिया। वहीं, होटल में बेहतरीन खाने का लुत्फ उठाने के लिए लुटेरे बने तीन नाबालिग भी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। एसएसपी ने रविवार को मंगलौर कोतवाली में प्रेस कान्फ्रेंस कर हत्या व लूट की घटनाओं का पर्दाफाश करते हुए कोतवाली प्रभारी अमर चंद शर्मा को शाबाशी दी। वहीं, स्थानीय ग्रामीणों ने भी खुलासे पर पुलिस को बधाई दी।
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नाले में खून से लथपथ मिला था शव
30 जनवरी को ग्राम मोहम्मदपुर जट में अकेले रहने वाले रमेश का बिस्तर खून से सना मिला था। रमेश गायब था। बाद में उसका लहुलुहान शव बुरी स्थिति में घटनास्थल से कुछ दूरी पर गंदे नाले से बरामद हुआ था। घटना की संवेदनशीलता व नृशंसता को देखते हुए एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने तुरंत एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, एसपी क्राइम/ट्रैफिक पंकज गैरोला, एएसपी/सीओ जितेंद्र मेहरा, सीओ रुड़की (तत्समय मंगलौर) पल्लवी त्यागी, एसएचओ मंगलौर अमरचंद शर्मा के साथ घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे। फॉरेंसिक टीम ने भी वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए थे। सुखपाल पुत्र रूपराम निवासी मोहम्मदपुर जट कोतवाली मंगलौर की लिखित शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। मैनुअल तरीके से हजारों हजार मिली जानकारियों को आपस में जोड़ते हुए पता चला कि संदिग्ध अंकित पुत्र वीरेंद्र कुमार लगातार अपने ठिकाने बदलता है और जंगलों में निवास करता है, उसका रमेश के साथ पिछले कुछ समय से विवाद था। मुखबिर की सूचना पर नारसन क्षेत्र में पैदल जा रहे अंकित को दबोचकर पूछताछ की गई तो सारा मामला खुल कर सामने आ गया।
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इसलिए उतारा मौत के घाट
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि अंकित की दोस्ती कबूतर पालन और पेंटर का काम करने वाले रमेश से थी। अंकित ने समय-समय पर रमेश के कुछ कबूतर मार दिए। अंकित के सामने आने पर रमेश बार-बार अंकित को मां की गाली देता था। मरे हुए कबूतर को गाढ़ देने पर हुए रमेश ने बार-बार अंकित को मां की गाली दी थी। जिससे नाराज होकर अंकित ने रमेश की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी और लाश को वहां से कुछ दूरी पर ले जाकर गंदे नाले में फेंक दिया था। एसएसपी ने बताया कि हत्यारे को पकड़ना इतना सरल नहीं था। क्योंकि उसने कभी भी फोन का इस्तेमाल नहीं किया गया। लोगों के ज्यादा टच् में नहीं था। शुरुआती दौर में गांव में दूसरी बिरादरी पर शक था। यह प्रकरण कभी भी शांति व्यवस्था के दृष्टिकोण से संवेदनशील हो जाता। साथ ही शव को गंगनहर में फेंकने का हत्यारे का प्लान अगर कामयाब हो जाता तो पुलिस की दुश्वारियां बढ़ सकती थी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह, सीओ रुड़की पल्लवी त्यागी समेत पुलिस टीम मौजूद रहे।
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राहगीरों को डंडा मारकर लूटते थे मोबाइल नकदी
पुलिस कप्तान प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि बीते 30 जनवरी को मिथुन पुत्र जोगिंदर निवासी नगला सलारु और मोहित पुत्र अशोक कुमार निवासी कुमराडी ने एक फरवरी को उनके उनके साथ हुई लूटपाट के संबंध में मुकदमा दर्ज कराया था। अगली लूट होने से पहले ही संभावित स्थल पर पुलिस ने पहुंचकर लुटेरों को रंगे हाथ दबोचने के लिए जाल बिछाया। कुछ देर बाद ही हाथ में डंडा लिए 03 युवक मौके पर पहुंचे तो पुलिस टीम ने घेराबंदी कर तीनों को दबोच लिया। लंबे चौड़े दिख रहे तीनों से पूछताछ में पता चला कि तीनों आरोपी नाबालिक हैं और पैसा कमाने के शौक के चलते ये तीनों मिलकर अकेले राहगीर के सर पर डंडा मार कर पैसे लूट लेते हैं। फिर लूट का पैसा तीनों मिलकर होटल में अच्छा-अच्छा खाना खाने और अपने शौक पूरा करने के लिए करते थे। उनके कब्जे से लूटा गया मोबाइल, लूट की घटना में प्रयुक्त डंडा और लूटी गई नगदी में से बचे हुए 1500/- भी बरामद किए। एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि ऑनलाइन की इस दुनिया में नाबालिगों का दिन-रात अनर्गल वीडियो देखना व गलत राह पकड़ना बड़ा आसान होता है। इसलिए जरूरी है कि हर माता-पिता यह ध्यान अवश्य रखें कि उनके बच्चे क्या कर रहे हैं और किस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
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पुलिस टीम
1- प्रभारी निरीक्षक कोतवाली मंगलौर अमरचंद शर्मा
2- वरिष्ठ उपनिरीक्षक धर्मेंद्र राठी
3- उपनिरीक्षक देवेंद्र तोमर
4- उपनिरीक्षक नवीन चौहान
5- हेड कांस्टेबल सेंसर पाल
6- कांस्टेबल पंकज
7- कांस्टेबल राजेश देवरानी
8- कांस्टेबल विनोद बर्थवाल
9 -कांस्टेबल अरविंद
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उत्तराखंड