ईवीएम पटकने के आरोपी को कोतवाली से जमानत,,,

ईवीएम पटकने के आरोपी को कोतवाली से जमानत,,,

ईवीएम पटकने के आरोपी को कोतवाली से जमानत,,,
उत्तराखंड:
लोकसभा चुनाव की जनसभा और प्रचार प्रसार के दौरान हर जगह विकास का मुद्दा छाया रहा। सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने जहां चहुमुंखी विकास करने के दावे करते हुए मतदाताओं से वोट मांगे। वहीं विपक्षी दलों ने चुनाव में जीत हासिल करने के बाद विकास करने का दावा करते हुए वोट की अपील की। लेकिन विकास की इस लड़ाई में मतदाताओं का रुख क्या रहा, इसकी बानगी उत्तराखंड में 25 जगह पर सामने आई। जहां पर मतदाताओं ने केवल और केवल सड़क के मुद्दे पर वोट का बहिष्कार कर दिया। निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट पर गौर करें तो उत्तराखंड में हरिद्वार के अलावा बाकी चार लोकसभा क्षेत्र में कुल 25 जगह पर लोगों ने घोषित रूप से मतदान का बहिष्कार किया कई जगहों पर चंद लोगों ने वोट डाले, लेकिन कुछ गांवों में तो ग्रामीणों ने पूर्ण रूप से बहिष्कार कर विकास के दावों पर सवालिया निशान लगा दिया।
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2019 के मुकाबले इस बार इतना बढ़ा आंकड़ा
लोकसभा चुनाव पूरे उत्तराखंड में शांतिपूर्ण संपन्न हुआ है। लेकिन, इस चुनाव में चुनाव बहिष्कार और वोट प्रतिशत में लगातार आई गिरावट चर्चा का विषण बनी हुई है। लोगों ने विकास के लिए चुनाव बहिष्कार किया। लेकिन, सवाल यह है कि जब सरकारें विकास का दावा करती हैं, तो लोगों को विकास योजनाओं को पूरा कराने के लिए वोट का बहिष्कार क्यों करना पड़ा ? चुनाव आयोग के तमाम दावों और प्रयासों के बावजूद वोट प्रतिशत नहीं बढ़ पाया। बढ़ना तो दूर, 2019 के मुकाबले इस बार मतदान प्रतिशत और गिर गया। मतदान बहिष्कार के मामले भी 2019 के मुकाबले बढ़े हैं। 2019 में जहां 10 स्थानों पर चुनाव का बहिष्कार हुआ था, वहीं इस बार के चुनाव में 25 स्थानों पर लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया। सवाल इसलिए भी गंभीर है कि आमतौर पर सड़क, बिजली, पानी जैसे मुद्दे निकाय और पंचायत जैसे चुनावों में भी हावी रहते हैं। लोकसभा जैसे बड़े चुनाव में भी यदि मतदाताओं को सड़क को लेकर बहिष्कार का सहारा लेना पड़े तो इसे क्या समझा जाए।
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ईवीएम पटकने के आरोपी को कोतवाली से जमानत
हरिद्वार: ज्वालापुर में मतदान के दौरान ईवीएम पटकने वाले बुजुर्ग को कोतवाली से ही जमानत पर रिहा कर दिया गया।
घटना शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के मतदान के दिन ज्वालापुर इंटर कालेज में बने मतदान केंद्र के बूथ संख्या 126 में घटित हुई थी। मतदान करने पहुंचे बुजुर्ग मतदाता रणधीर सिंह भारत 69 वर्ष निवासी मोहल्ला कड़च्छ निकट बकरा मार्किंट ने ईवीएम मशीन उठाकर पटक दी। बुजुर्ग ने आवाज उठाई थी कि चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से कराया जाए। इससे बूथ में अफरा तफरी मच गई थी। देर शाम मतदान खत्म होने के बाद पीठासीन अधिकारी ने बुजुर्ग मतदाता के खिलाफ ईवीएम को क्षतिग्रस्त करने के प्रयास के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी रमेश तनवार ने बताया कि जिन धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है, उनमें सात साल से कम की सजा होने के चलते बुजुर्ग को कोतवाली से ही जमानत पर रिहा कर दिया गया है।

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