भेल सेक्टर एक में मटन शॉप के आवंटन में  कर दिया खेल,एक जागरुक व्यक्ति ने अधिकारियों पर मिलीभगत कर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विजिलेंस जांच की मांग उठाई,,,

भेल सेक्टर एक में मटन शॉप के आवंटन में कर दिया खेल,एक जागरुक व्यक्ति ने अधिकारियों पर मिलीभगत कर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विजिलेंस जांच की मांग उठाई,,,

भेल सेक्टर एक में मटन शॉप के आवंटन में कर दिया खेल,एक जागरुक व्यक्ति ने अधिकारियों पर मिलीभगत कर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विजिलेंस जांच की मांग उठाई,,,
हरिद्वार:
भेल सेक्टर एक में मटन शॉप के आवंटन में खेल कर दिया गया। एक जागरुक व्यक्ति ने अधिकारियों पर मिलीभगत कर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए विजिलेंस जांच की मांग उठाई है। दूसरी तरफ, भेल के सिक्योरिटी गार्ड मार्किट में आने वाले वाहनों में ताक झांक करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जो किसी दिन बड़े बवाल की वजह बन सकते है। बड़ा सवाल यह है कि सिक्योरिटी गार्ड को चौपहिया वाहन में ताकाझांकी करने का अधिकार किसने दिया है। ईडी सहित आला अधिकारी संपदा विभाग की कार्यशैली को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। जिस पर कई सवाल उठ रहे हैं। मटन शॉप के आवंटन को लेकर की गई शिकायत में आरोप है कि सांठगांठ करते हुए पिछले साल के मुकाबले आधे से भी कम कीमत पर दुकान आवंटित कर दी गई। जिससे भेल को भी राजस्व का नुकसान हुआ। साथ ही एक ही मार्किट में मीट की तीसरी दुकान आवंटित कर मांस कारोबार को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया गया है। प्रकरण में कुछ अधिकारियों की भूमिका संदेह के दायरे में है।
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भेल नगर प्रशासन ने पिछले साल सेक्टर एक में मीट की दुकान के लिए ई टेंडरिंग के माध्यम से आवंटन प्रक्रिया शुरू की थी। जिसमें अधिकतम बोली 43 हजार रुपये आई। लेकिन अधिकतम बोलीदाता ने किसी कारणवश आवंटन नहीं लिया। जिस कारण उसकी 18 हजार रुपये की जमानत राशि भी जब्त हो गई। इस बार फिर से निविदा प्रक्रिया शुरू हुई। इस मामले में ज्वालापुर अहबाबनगर निवासी शफीक अहमद ने लिखित शिकायत देकर बताया कि नियमानुसार इस बार निविदा 43 हजार रुपये से शुरू होनी चाहिए थी। आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से बोली की शुरूआत 6100 रुपये से शुरू करते हुए महज 21 हजार रुपये में दुकान आवंटित करा दी गई। जिससे भेल को 22 हजार से अधिक राजस्व का नुकसान हुआ है। आरोप लगाया कि पहले से मीट की दो दुकान खुलने के कारण मार्किट के कारण हिंदूवादी संगठन नाराजगी जताते आ रहे हैं। अन्य दुकानदारों को भी इससे परेशानी होती है। आरोप लगाया कि इसके बावजूद मांस के कारोबार को बढ़ावा देते हुए एक ही मार्किट में तीसरी दुकान आंटित कर दी गई है। टेंडरिंग प्रक्रिया पर संदेह जताते हुए भेल के कार्यपालक निदेशक और विजिलेंस से जांच की मांग की है।
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हरिद्वार: भेल संपदा विभाग समय समय पर अजीबोगरीब हरकत करता रहता है। कभी वे कार की चेकिंग में जुट जाते है तो कभी दोपहिया वाहन को लेकर टोकाटाकी शुरू कर देते है। यही नहीं कभी खोखा मार्किंट को लेकर नए फरमान जारी कर देता है। पूरी तरह से तानाशाह बने भेल संपदा विभाग की कार्यशैली को लेकर हर कोई परेशान है। अब नया कारनामा भेल सेक्टर एक में एक दुकान के आंवटन को लेकर सामने आया है, जिसे लेकर शिकायत का दौर भी शुरू हो गया है। चर्चा है कि एक अफसर की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है।
दुकान के अलावा भेल के बैरियरो पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड जहां व्यवसायिक वाहनों को एंट्री नहीं दे रहे है, वहीं वे भेल में शाम के वक्त घूमने वाले शहरवासियों के चौपहियाा वाहन में ताक झांक कर रहे है। जिस चौपहिया वाहन में महिलाएं सवार है, उनको भी नहीं छोड़ा जा रहा है। आमजन जब उनसे ताकझांक करने के अधिकारी के संबंध में पूछताछ करने लगते है, तब वे खिसक जाते है। पर अधिकांश आमजन जागरूक न होने के कारण प्रताडित किएजा रहे है। ऐसे में किसी दिन पब्लिक इन सिक्योरिटी गार्डों को दौड़ा भी सकती है। किसी संदिग्ध के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार केवल सिविल पुलिस को है, न कि भेल के प्राईवेट सिक्योरिटी गार्ड को है।

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