दरगाह कलियर के दान के पैसे से बने दो गेस्ट हाउस को वक्फ बोर्ड अध्यक्ष व प्रशासन द्वारा लीज पर देने की फिर हुई चर्चाएं आम,,,
जिला अधिकारी से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक वक्फ की संपत्तियों को लीज पर देने का होगा कड़ा विरोध,,,विधायक मौ0 शहजाद
कलियर।
अनवर राणा।
भाजपा सरकार करप्शन पर जीरो टॉलरेंश की नीति के आधार पर भ्र्ष्टाचार पर रोक लगाने के चाहे लाख दावे करती हो लेकिन उत्तराखण्ड सरकार का एक विभाग जो मुस्लिमो के लिये ही बना है उसमें भ्र्ष्टाचार पर कोई अंकुश लगता नहीं दिखाई दे रहा है।ऐसा भी नही कि इस विभाग में हो रही वित्तीय अनियमितता व भ्र्ष्टाचार के मामले मुख्यमंत्री व शासन के पास नहीं पहुंचते हों बल्कि ऊपर से मजिस्टिरियल जांच तक के आदेश यहां आकर रद्दी के टोकरे में फेंक दिये जाते है ओर भ्र्ष्टाचार व वित्तीय अनियमितता में शामिल इस विभाग के कर्मी अपने आकाओं की मार्फ़त अपनी कुर्सी पर ज्यों का त्यों विराजमान है। हम बात कर रहे है उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की ओर वक्फ की दरगाह साबिर पाक जो प्रदेश में सबसे ज्यादा करोड़ों की आय सालाना देती है।यहां पर जायरीनों के साथ लूट खसोट तथा कर्मियों द्वारा आय को बंदरबांट करने के अनेक मामले अधिकारियों के संज्ञान में आते रहते है।लेकिन अब ताजा मामला यह है कि दरगाह की आय से बने करोड़ो की लागत के दो गेस्ट हाउस जिनमे से एक गेस्ट हाउस पर अक्टूबर 2022 में लगभग 40 लाख के खर्च से सौंदर्य का कार्य दरगाह प्रबंधन ने कराया है ओर उसमे हुई धन की बन्दरबांट की जांच विधान सभा सत्र में उठे सवाल पर हो पूर्व में हो चुकी है ।इन दोनों गेस्ट हाउसों को प्रबंधन द्वारा लीज पर देने की कवायद की चर्चा जोरों पर हो रही है।दरगाह में आस्था रखने वाले लोगों का कहना है कि अगर इन गेस्ट हाउसों को लीज पर दिया गया तो यहां पर लीज लेने वाले व्यक्ति के द्वारा इनका गलत इस्तेमाल किया जाएगा जिससे दरगाह की पवित्रता को जांच आयेगी क्योंकि उक्त दोनों गेस्ट हाउस दरगाह से सटे हुवे है। यदि वक्फ बोर्ड सीईओ व दरगाह प्रशासक ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अगर ऐसा कोई कदम उठाएंगे तो उसका वक्फ सदस्य / विधायक हाजी शहजाद ऐसी किसी भी लीज का विरोध करेंगे अगर मुख्यमंत्री के पास जाना पड़ेगा तो हम जरूर जायेंगे लीज का विरोध हर कदम पर होगा।