ऑपरेशन मिसिंग मोबाइल फोन के तहत हरिद्वार पुलिस ने अलग-अलग राज्यों से 76 लाख रुपये के 415 मोबाइल फोन बरामद कर लोगों को दी नई सौगात,,,
हरिद्वार:
ऑपरेशन मिसिंग मोबाइल फोन के तहत हरिद्वार पुलिस ने अलग-अलग राज्यों से 76 लाख रुपये के 415 मोबाइल फोन बरामद कर लोगों को नई सौगात दी। गुरुवार को जिला पुलिस मुख्यालय पर पुलिस कप्तान प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने खुद पीड़ितों को उनके मोबाइल सौंपे। मिलने की उम्मीद छोड़ने के बावजूद मोबाइल वापस मिलने पर लोगों के चेहरे खुशी से खिल उठे और उन्होंने हरिद्वार पुलिस की सराहना करते हुए एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल को शुक्रिया कहा। वहीं, एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने पिछले 19 माह में तीन करोड़ के 1672 मोबाइल फोन ढूंढने पर साइबर सेल और खासतौर पर हैड कांस्टेबल विवेक यादव की पीठ थपथपाई।
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मोबाइल खोने के मामले रोजाना सामने आते हैं। कई बार मोबाइल फोन में जरूरी नंबर, यादगार फोटो-वीडियो होते हैं। जिस कारण मोबाइल खोने का सबसे ज्यादा दुख होता है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि आप्रेशन मिसिंग मोबाइल के तहत साइबर सेल दिन रात आमजन के खोए हुए मोबाइल को ढूंढने के लिए काम करता है। टीम ने उत्तराखंड ही नहीं बल्कि गैर राज्यों तक से मोबाइल फोन ढूंढ निकाले। मोबाइल फोन वापस मिलने की आस छोड़ चुके लोगों को पुलिस ने जब उनका मोबाइल फोन मिलने की खुशखबरी सुनाई तो वह खुशी से झूम उठे। जिला पुलिस मुख्यालय पर एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने एक समारोह में आमजन को उनके उनके मोबाइल फोन वापस लौटाए। हर कोई एसएसपी से मोबाइल फोन मिलने की खुशी का इजहार करता दिखा। इस अवसर पर एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने कहा कि हरिद्वार पुलिस आमजन की खुशियों को बरकरार रखने में ऐसे ही अपनी भूमिका अदा करती रहेगी। इस दौरान एसपी अपराध पंकज गैरोला, एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह, एसपी देहात एसके सिंह मौजूद रहे।
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विवेक यादव ने किया कमाल
हरिद्वार: इतने सारे मोबाइल फोन खोज निकालने में साइबर सेल के हैड कांस्टेबल विवेक यादव का अहम रोल रहा। एसएसपी ने विवेक यादव को विशेष रूप से शाबाशी भी दी। पूर्व में एसओजी हरिद्वार में तैनात रहने के दौरान भी विवेक यादव ने कई बड़े खुलासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। खासतौर पर दिल्ली से हुए एक बहुचर्चित अपहरणकांड के आरोपी को यहां धर दबोचने के दौरान विवेक यादव पर धारदार हथियार से हमला होने पर वह घायल भी हो गए थे। राष्ट्रीय स्तर की इस घटना के बाद उन्हें राष्ट्रपति पदक से नवाजा गया था। दिल्ली पुलिस ने भी कांस्टेबल की बहादुरी का सराहा था। इसके अलावा मोबाइल फोन बरामद करने में साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक दिग्पाल कोहली, शक्ति सिंह गुसांई, योगेश कैंथोला, अरुण कुमार, नीरज रावत मौजूद रहे।