15 हजार के इनामी को सहारनपुर के कुतुबशेर थाने की एक पुलिस टीम ने आरोपी खालिद को ढूंढ निकाला,,,

15 हजार के इनामी को सहारनपुर के कुतुबशेर थाने की एक पुलिस टीम ने आरोपी खालिद को ढूंढ निकाला,,,

15 हजार के इनामी को सहारनपुर के कुतुबशेर थाने की एक पुलिस टीम ने आरोपी खालिद को ढूंढ निकाला,,,
देहरादून:
सहारनपुर से अपहरण के मामले में भगौड़ा घोषित चल रहे 15 हजार के इनामी को उत्तराखंड बोर्ड ने विकासनगर की जामा मस्जिद का मुतवल्ली बनाया हुआ था। जबकि पड़ोसी जिले सहारनपुर की पुलिस शिद्दत से उसकी तलाश में जुटी थी। वारंटियों और इनामी आरोपियों की धरपकड़ के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत सहारनपुर के कुतुबशेर थाने की एक पुलिस टीम ने आरोपी खालिद को ढूंढ निकाला और गिरफ्तार कर लिया। इनामी खालिद कई साल तक कैसे आखिरकार यूपी पुलिस की आंखों में धूल झोंकता रहा। इसके पीछे की कहानी पता करने पर वक्फ बोर्ड की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हाेते हैं। सूत्र बताते हैं कि आरोपी खालिद वक्फ बोर्ड चेयरमैन शादाब शम्स का करीबी थी। दोनों के तमाम फोटो भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बने हुए हैं। जिस पर लोग सवाल भी उठा रहे हैं।
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सहारनपुर के निर्देश पर इन दिनों पुलिस ने वांछित/वारंटी/पुरस्कार घोषित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए अभियान छेड़ा हुआ है। कुतुबशेर इंस्पेक्टर सुनील नागर के नेतृत्व में एक टीम ने मुखबिर की सूचना पर 15 हजार के इनामी खालिद पुत्र सलीम निवासी रहमानी चौक, थाना कुतुबशेर सहारनपुर को गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी सहारनपुर रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि 15 हजार का इनामी खालिद साल 2011 के अपहरण के मुकदमे में फरार चल रहा था। उसे गिरफ्तार कोर्ट में पेश किया गया है। पुलिस टीम में इंस्पेक्टर सुनील नागर, उपनिरीक्षक असगर अली, हैड कांस्टेबल सचिन कुमार व कांस्टेबल आशीष कुमार शामिल रहे।
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शिकायत के बावजूद मुतवल्ली बना रहा खालिद
साल भर पहले बाहरी व्यक्ति को मुतवल्ली बनाने पर मस्जिद के नमाजियों ने इसका विरोध करते हुए वक्फ बोर्ड में शिकायत भी की थी। जिसमें मुतवल्ली के आचरण पर शक जताते हुए आरोप भी लगाए गए थे। लेकिन इस पर कार्रवाई होना तो दूर, यह शिकायत ही फाइलों में दबा दी गई। विकासनगर में चर्चा ए आम है कि वक्फ बोर्ड चेयरमैन शादाब शम्स ने ही खालिद को मुतवल्ली बनवाया था। इसलिए शिकायत के बावजूद वक्फ बोर्ड ने कोई कार्रवाई नहीं की। आरोपी की गिरफ्तारी से यह साफ हो गया है कि स्थानीय नमाजियों की शंका और आरोप पूरी तरह सही थे। ऐसे में सवाल यह है कि संदिग्ध बाहरी व्यक्ति को मुतवल्ली बनाकर स्थानीय लोगों पर थोपने के पीछे आखिर क्या मकसद था। भगौड़े और इनामी को मुतवल्ली बनाने पर किसी की जिम्मेदारी तय होगी और उस पर क्या कार्रवाई की जाएगी।

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