ऑडियो वायरल प्रकरण में फ़जीहत, पाडली गुज्जर नगरपंचायत का चुनाव भी चर्चाओं में..
प्रकरण का लिया गया संज्ञान, अधिकारियों ने अधीनस्थ को दिए जांच के आदेश, होगी कार्रवाई..?
रुड़की:
अनवर राणा।
दरगाह पिरान कलियर से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों और वायरल ऑडियो मामले में लगातार हलचल बढ़ रही है। निकाय चुनाव की सरगर्मी के बीच लंगर ठेकेदार, सुपरवाइजर, और दरगाह प्रबंधक के कथित लेन-देन की बातचीत ने प्रशासन और जनता का ध्यान आकर्षित किया है।
रुड़की की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने मामले का संज्ञान लेते हुए दरगाह प्रबंधक रजिया और ऑडियो में शामिल सुपरवाइजर को नोटिस जारी किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दरगाह से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं पर पूरी जांच होगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
दरगाह प्रबंधक रजिया का नाम बार-बार भ्रष्टाचार के आरोपों में आने से उनके पति की राजनीतिक भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह चर्चा तेज है कि पाडली गुर्जर सीट से भाजपा उम्मीदवार चांदनी को मैदान में उतारने के पीछे दरगाह प्रबंधक रजिया के पति और वरिष्ठ भाजपा नेता बहरोज आलम की रणनीति है। इस संदर्भ में राजनीतिक विरोधियों ने भी चुनावी लाभ के लिए दरगाह के संसाधनों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।
स्थानीय दुकानदार और सामाजिक संगठन एक बार फिर दरगाह प्रबंधन में पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं और ठेकेदारों के साथ हुए लेन-देन की निष्पक्ष जांच के लिए सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे है।
दरगाह से जुड़ी कई शिकायतें पहले से ही हाईकोर्ट में लंबित हैं। इस नए ऑडियो प्रकरण से कोर्ट की निगरानी में चल रहे मामलों में नया मोड़ आ सकता है। इस पूरे प्रकरण में प्रशासनिक सख्ती से जनता को न्याय की उम्मीद है। अगर मामले में दोष सिद्ध होते हैं, तो यह स्थानीय प्रशासन और दरगाह प्रबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
यह प्रकरण न केवल भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का उदाहरण सिद्ध हो सकता है, बल्कि यह सवाल भी उठाता है कि धार्मिक संस्थानों का उपयोग किस प्रकार राजनीतिक और आर्थिक लाभ के लिए किया जाता है। प्रशासन की कार्रवाई और जांच रिपोर्ट से तय होगा कि इस प्रकरण का अंत कैसे होगा। जनता और राजनीतिक दलों की नजरें अब पूरी तरह से प्रशासनिक कार्रवाई पर टिकी हैं।