निर्दलीय प्रतियाशी नाजिम त्यागी,अकरम साबरी ,राशिद कुरेसी के वजूद को कमतर आंकना भी दलीय प्रतियाशियो को पड़ना जाये भारी,,,

निर्दलीय प्रतियाशी नाजिम त्यागी,अकरम साबरी ,राशिद कुरेसी के वजूद को कमतर आंकना भी दलीय प्रतियाशियो को पड़ना जाये भारी,,,

निर्दलीय प्रतियाशी नाजिम त्यागी,अकरम साबरी ,राशिद कुरेसी के वजूद को कमतर आंकना भी दलीय प्रतियाशियो को पड़ना जाये भारी,,,

महमूदपुर में निर्दलीय प्रतियाशी प्रतिनिधि सफक्कत प्रधान की बेड़पुर के एक दिन बाद हुई विशाल जनसभा,,,
कलियर:
अनवर राणा।
नगर पंचायत चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए हो रहे मुकाबले का समीकरण तेजी से बदल रहा है। हर उम्मीदवार अपनी चुनावी जमीन को मजबूत करने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है। इसी कड़ी में निर्दलीय के रूप में अपनी चाची को चुनाव मैदान में उतार कर पूर्व चेयरमैन प्रतिनिधि सफक्कत प्रधान दलीय प्रतियाशियो को कड़ी चुनोती दे रहे है। विशाल जनसभाओं और जनसंपर्क अभियानों के माध्यम से उन्होंने नगरपंचायत के महमूदपुर, कलियर, मुकर्रबपुर और बेड़पुर इलाकों में जोरदार शक्ति प्रदर्शन किया,ओर अपने चुनाव प्रचार को बड़े स्तर पर धार देने काम किया है।
नगर पंचायत कलियर क्षेत्र में एक के बाद एक हर जनसभा में पूर्व चेयरमैन प्रतिनिधि सफक्कत प्रधान के समर्थन में लोग खुलकर अपने विचार प्रकट कर रहे हैं। कई प्रभावशाली स्थानीय लोग भी उनके साथ जुड़ चुके हैं, जो उनके चुनाव प्रचार को और धार दे रहे हैं। कलियर , महमूदपुर से लेकर बेड़पुर तक, हर इलाके में उन्होंने व्यक्तिगत जनसंपर्क कर लोगों से सीधा सम्पर्क स्थापित किया। महिलाओं, बुजुर्गों और व्यापारियों के साथ गहरी बातचीत कर उन्होंने हर वर्ग के हितों की रक्षा का वादा किया।
पूर्व चेयरमैन प्रतिनिधि सफक्कत अली का कहना है कि प्रधान जनता के बीच काम करने में विश्वास रखते हैं। हमारा लक्ष्य हर व्यक्ति तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना और नगर का समग्र विकास करना है।” उन्होंने यह भी कहा कि “हम जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देंगे और पारदर्शिता के साथ विकास के नए आयाम स्थापित करेंगे जो हमने पूर्व में भी करके दिखाये हैं।
जनसभाओं में बढ़ती भीड़ और क्षेत्रीय जिम्मेदारों का जुड़ना इस बात का संकेत है कि सफक्कत प्रधान की राह अब पहले से कहीं अधिक मजबूत हो चुकी है। नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिये कोंग्रेस ,बसपा के अलावा अन्य निर्दलीय प्रतियाशी नाजिम त्यागी,अकरम साबरी ,राशिद कुरेसी के वजूद को कमतर आंकना भी दलीय प्रतियाशियो को पड़ना जाये भारी,क्योंकि निर्दलीय प्रतियाशियो ने भी अपने अपने स्तर से चुनाव प्रचार की कमान थाम रखी है। इसलिये जीत हार का पता तो आने वाली 25 जनवरी को ही तय होगा लेकिन कुछ अभी से ही कहना जल्दबाजी हो सकती है।

उत्तराखंड