उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने श्यामपुर थाने में दर्ज जानलेवा हमले के मामले में मुकदमा किया रद्द ,,,

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने श्यामपुर थाने में दर्ज जानलेवा हमले के मामले में मुकदमा किया रद्द ,,,

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने श्यामपुर थाने में दर्ज जानलेवा हमले के मामले में मुकदमा किया रद्द ,,,
हरिद्वार:
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने श्यामपुर थाने में दर्ज जानलेवा हमले के मामले में मुकदमा रद्द कर दिया है। अदालत के इस फैसले पर दोनों पक्षों ने संतोष और राहत की भावना व्यक्त की।
मामले की पृष्ठभूमि
पीड़ित दानिश अली, निवासी शेरकोट, बिजनौर ने बताया कि वर्ष 2022-23 में उन्होंने अहमद हसन उर्फ कल्लू, निवासी लालढांग से एक प्लॉट का सौदा किया था। इस सौदे के तहत दानिश ने कल्लू को 30 लाख रुपये नकद दिए। आरोप था कि जमीन की रजिस्ट्री नहीं कराई गई और जब दानिश ने पांच सितंबर 2025 को रकम वापस मांगने का प्रयास किया, तो उस पर जानलेवा हमला किया गया।
आरोपियों पर कार्रवाई
इस मामले में कल्लू और उनके बेटों समेत कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ जानलेवा हमले और संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई थी। पीड़ित ने बताया कि हमला करने वाले आरोपियों ने उसे लाठी-डंडों और हथियारों से घायल करने का प्रयास किया और उसकी कार को भी क्षतिग्रस्त किया।

उच्च न्यायालय में सुनवाई
मंगलवार को सुनवाई के दौरान सभी आरोपी और पीड़ित पक्ष अदालत में उपस्थित रहे। अदालत को बताया गया कि समाज के वरिष्ठ सदस्यों के हस्तक्षेप से विवाद शांतिपूर्ण ढंग से सुलझ गया।

अदालत का आदेश और तर्क
न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित ने सुप्रीम कोर्ट के योगेंद्र यादव बनाम राज्य, झारखंड और जयवीर मलिक बनाम राज्य, दिल्ली के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि जब अपराध व्यक्तिगत प्रकृति का हो और समाज की शांति पर असर न डाले, तो हाईकोर्ट अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग कर FIR रद्द कर सकता है।
दोनों पक्षों की प्रतिक्रिया
पीड़ित और आरोपी पक्ष ने अदालत के फैसले पर संतोष जताते हुए कहा—
“हमें न्यायालय से न्याय मिला है। समाज के सामने हमारी जीत हुई है। इस तरह के फर्जी आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करना गलत था। हमें शुरू से ही न्यायालय पर भरोसा था और वही भरोसा आज जीत में बदल गया।”

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