*ईमानदार छवि के अधिकारियों को भृमित करती दरगाह कार्यालय की रिपोर्ट ,व दो लाइन का दस हटाये गये दरगाह कर्मियों का माफीनामा बना चर्चा का विषय*
पिरान कलियर।अनवर राणा
*दरगाह कर्मी मो0 इस्लाम को तत्कालीन जिला अधिकारी ने सन 2017 में दिल्ली निवासी व्यक्ति की लंगर की एक फर्जी रशीद काटने के बारे में किया था तुरन्त हटाने के आदेश,निवर्तमान जिला अधिकारी हरिद्वार दीपक रावत के लिखित आदेश के बिना ही दरगाह स्टाफ के कर्मियों ने अवैध वसूली कर मो0 इस्लाम का नाम हाजरी रजिस्टर में चढाकर दरगाह कर्मी पुनः बना दिया गया था ।जिसकी जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की को भी देख लेनी चाहिये जिससे दरगाह दफ्तर के करिन्दों की कार्यशैली भी सामने आ जायेगी । ओर अब 2019 में पुनः ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की नितिका खण्डेलवाल ने सी सी टी वी फुटेज में अवैध धन उगाही के चलते दस कर्मचारियो के साथ पुराने लुटेरे मो0 इस्लाम को भी हटाया है।लेकिन चांदी के सिक्के की खनक से कार्यालय स्टाफ ने सांठगांठ कर फिर दरगाह कार्यालय में अधिकारियों को भृमित करती फाइल तैयार कर इस अवैध धन की उगाही में लगातार पकड़े जाने वाले मो0 इस्लाम को भी बहाल करने की प्रकिर्या शुरू कर दी है। जिसको रोकने के लिये वक्फ सी ई ओ आई ए एस अहमद इक़बाल से जांच की मांग किये जाने की तैयारी शुरू हो गयी है।क्योंकि दरगाह के किसी भी कर्मचारी की नियुक्ति पर सी ई ओ वक्फ बोर्ड की संस्तुति होना अनिवार्य है ।पूर्व में भी दरगाह कार्यालय स्टाफ के द्वारा दरगाह की खिदमत के लिये मोटी धन उगाही कर अधिकारियों को भृमित कर तीन नियुक्ति मृतक आश्रित व एक अन्य नियुक्ति करा ली गयी थी जिनको सी ई ओ व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट से भी संस्तुति लेने में कार्यालय स्टाफ कामयाब हो गया था।लेकिन दरगाह अक़ीददत मन्द लोगो द्वारा शिकायत होने पर उस समय (निवर्तमान) सी ई ओ को नियुक्ति रद करनी इसलिये भी पड़ी थी क्योंकि वक्फ बोर्ड द्वारा आज तक नियुक्ति सम्बन्धी कोई गाइड लाइन या नियमावली तैयार नही की गई ओर सड़क छाप व्यक्ति को ही दरगाह की खिदमत में कुछ मानदेय पर रखा जाता चला आ रहा है जो नियम विरुद्ध है।जबकि दरगाह कर्मियों को हाइकोर्ट के आदेश पर मिनिमम वेजिज के हिसाब से ही दरगाह कार्यालय से मानदेय प्राप्त हो रहा है।अब देखना यह है कि दो आई ए एस अधिकारी दरगाह कार्यालय की सांठगांठ व लूट को बंद कर नियमावली बना पाते है या यही लुटेरे लूटते रहेंगे ओर दोबारा दोबारा लगते रहेंगे वो भी माफी नामा की दो लाइन लिखकर यह एक बड़ा सवाल है।जो आई ए एस अधिकारी इस समय दरगाह साबिर पाक की देखरेख कर रहे है समझदार व तेजरार अधिकारी होने के नाते ईमानदार छवि के अधिकारियों में सुमार है।*