दरगाह कलियर का मामला: जमीर बेचने वालों ने क्या ख़ूब काम किया, जिसे फरज़ी उरूज पे देखा बस उसे सलाम किया ..

दरगाह कलियर का मामला: जमीर बेचने वालों ने क्या ख़ूब काम किया, जिसे फरज़ी उरूज पे देखा बस उसे सलाम किया ..

दरगाह कार्यालय में दो साल पूर्व फर्जी नियुक्ति की जांच 17/09/2018 फाइल चाट रही धूल

ज़मीर बेचने वालों ने क्या ख़ूब काम किया,
जिसे फरज़ी उरूज पे देखा बस उसे सलाम किया ..

समूचा प्रबन्धनतन्त्र नजर आता है बौना,चन्द दिनों में अकूत सम्पत्ति का बना स्वामी
रुड़की/कलियर
अनवर राणा!

ग्राम महमूदपुर के एक साधारण परिवार (मजदूरी) का काम करने वाला एक अदनाह सेटिंग बाज व्यक्ति चन्द दिनों में पिरान कलियर दरगाह प्रबंधतंत्र का बेताज बादशा कैसे बन गया ये आजतक रहस्यमय बना हुआ है। जिसके बारे में सब कुछ जंकर्क भी अधिकारी अनजान बने हुवे हैं। इसकी बहुत कम लोग हक़ीक़त से वाकिफ़ होंगे जबकि दरगाह क्षेत्र के बुजुर्ग व्यक्ति व दरगाह कर्मी इस व्यक्ति की कारगुजारी से बाखूबी वाकिफ है। बदलते दौर में किस्मत कैसे रुख बदलती है इसकी बानगी तत्कालीन कोंग्रेस सरकार में सत्ता के चलते एक विधायक की जिद पर कलियर में स्थित दरगाह कार्यालय में फर्जी दस्तावेज बनाकर उपनल का टायपिस्ट बना कर्मी को देखकर साफ लगाया जा सकता है।
पिरान कलियर में स्थित करोड़ो की आय वाली दरगाह का उपनल से आया टायपिस्ट बनने के साथ साथ ये व्यक्ति निज़ाम-ए-दरगाह पर भी अपनी ख़ासी दखल रखता है।
देश में ही नही विदेशो में भी प्रसिद्ध दरगाह हजरत अलाउद्दीन अली अहमद पिरान कलियर कार्यालय में तैनात टायपिस्ट एक साधारण नागरिक देखते ही देखते इतना विराट व्यक्तित्व प्राप्त कर गया कि उसके सामने समूचा प्रबंधनतंत्र नसमस्तक होकर रह गया।वैसे इस कर्मी की जांच जब मुख्यमंत्री उत्तराखंड द्वारा कराई गई तो यह व्यक्ति उपनल विभाग के शासन आदेशो के विपरीत नोकरी लगना पाया गया ,जिसकी जांच भी एक नायाब मजिस्ट्रेट तहसीलदार द्वारा ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की के आदेश पर की थी।जिसमे इस गलत आचरण व उपनल शासन आदेश के तहत हटाने की संस्तुति भी हो चुकी थी। वैसे तो यह व्यक्ति दरगाह के कार्यालय में सिर्फ टाइप करने के लिये आया था । लेकिन उसके अधिकार क्षेत्र को देखा जाए तो दरगाह प्रबंधक भी उसके सामने बौना नजर आने लगा है। सूत्रों की माने तो इस व्यक्ति के स्थानीय राजनीति में अहम मुकाम रखने वाले रसूकदार नेताओ से बेहद नजदीकी ताल्लुकात है।
तीन वर्ष पूर्व नोकरी पाने वाले इस व्यक्ति पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की नितिका खण्डेलवाल की कृपया से ही यह व्यक्ति अपात्र व भृष्ट होने के बावजूद कोई कार्यवाही नही हो पायी है।जबकि अनेक दरगाह को नुकसान देने सम्बन्धी इस व्यक्ति पर नगर पंचायत सभासद सहित अनेक लोग दरगाह हित मे इल्जाम लगाया जा चुका।यही फर्जी नियुक्ति उसके लिए टर्निग प्वाइंट साबित हो रही है।अब देखना यह है कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की कब इस मगरमच्छ पर कार्यवाही करेंगी इस पूरे घटनाक्रम से सम्बंधित चर्चाएं क्षेत्र में व्याप्त हो रही है आखिर क्यों नही हो पा रही इस कर्मी के खिलाफ कार्यवाही।16 अक्टूबर 2019 को जिला अधिकारी कार्यालय से जारी पत्र के माध्यम से उक्त टायपिस्ट की मूल पत्रावली व जांच रिपोर्ट एक हफ़्तह में मामले में अग्रेतर कार्यवाही के लिये जिला अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने सम्बन्धी पत्र ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व दरगाह प्रबंधक को दिए गए हैं।अब देखना यह है कि उक्त नियुक्ति सम्बन्धी फाइल डॉगह कार्यालय व जुवाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा कार्यवाही हेतु जिला अधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत की जाती है या नही

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