चुप मीडिया व वक्फ माफियाओ की जुगलबंदी# आखिर प्रबंधक व ठेकेदारों से सेटिंग कर किस अधिकारी का पुराना गनर है , जो नियम विरुद्ध ठेकेदारों को  लाभ दिलाना चाहता है । क्षेत्र में चर्चा जोरो पर ,,,,।

चुप मीडिया व वक्फ माफियाओ की जुगलबंदी# आखिर प्रबंधक व ठेकेदारों से सेटिंग कर किस अधिकारी का पुराना गनर है , जो नियम विरुद्ध ठेकेदारों को  लाभ दिलाना चाहता है । क्षेत्र में चर्चा जोरो पर ,,,,।

*कलियर की मीडिया चुप क्यों ,ठेका अवधि समाप्त होने पर दुकानों पर जमे ठेकेदार,दरगाह को करोड़ो का नुकसान,,,।*

वर्ष 2019-20 के ठेकों की नीलामी सह निविदा शर्त नम्बर 09 व वित्तीय निविदा संख्या 12 का ठेकेदारों द्वारा खुलमखुल्ला दुरुपयोग कर दरगाह की आय को पहुंचाया जा रहा करोड़ो का नुकसान,,,।

आखिर प्रबंधक व ठेकेदारों से सेटिंग कर किस अधिकारी का पुराना गनर है , जो नियम विरुद्ध ठेकेदारों को  लाभ दिलाना चाहता है । क्षेत्र में चर्चा जोरो पर ,,,,।

रुड़की।
*अनवर राणा।*
दरगाह साबिर पाक के वित्तीय वर्ष 2019-20 के वार्षिक ठेको की नीलामी निविदा एवम सह नीलामी के माध्यम से ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की की अध्यक्षता में बनी कमेटी द्वारा नीलामी की पूरी प्रकिर्या दरगाह प्रशासन द्वारा की जाती है।जिसकी नीलामी निविदा में ठेको से सम्बन्धित शर्तो को भी विज्ञापन के रूप में विभिन प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में प्रकाशित दरगाह के खर्च पर किया जाता है,ओर इच्छुक ठेकेदार निविदा की शर्तो के आधार पर ही प्रतिवर्ष दरगाह के वार्षिक प्रशाद व हलवा व सोहन हलवा आदि का ठेका प्राप्त कर दरगाह कार्यालय को नियम शर्तो के अनुसार पैसा जमा कराता है।लेकिन देश भर में इस बार अचानक आयी दैवीय आपदा कोविड 19 के चलते 139 दिन दरगाह बन्द किया जाने व यात्री न आने की वजह से ठेकेदारों द्वारा ठेको की बकाया रकम 35 प्रतिशत व कुचने उससे भी अधिक रकम का करोड़ो रुपया दरगाह कार्यालय में जमा नही कराया है।जबकि नीलामी सह निविदा की शर्तो में 09 नम्बर व वित्तीय निविदा में 12 नम्बर स्पष्ट उल्लिखित है कि किसी भी दैवीय आपदा एवम अन्य किसी प्रकार से उतपन्न लाभ हानि एवम क्षति के लिये वख्फ दरगाह साबिर पाक प्रशासन उत्तरदायित्व नही होगा। लेकिन ठेकेदारों का एक ग्रुप अपने सम्बन्ध स्टाफ के कर्मचारियों से स्थापित कर व प्रबंधक से सेटिंग कर अधिकारियों को गुमराह कर ठेको पर भी काबिज रहना चाहते है ओर बकाया भी जमा नही कराना चाहते है,पूर्व में भी इनमे से कई ठेकेदार अपने चचेरे भाइयो व रिस्तेदारो के नाम दरगाह के ठेको की कई करोड़ रकम डकार चुके हैं,जिनके नाम बकायादारो के नोटिस बोर्ड पर भी कार्यालय में अंकित हैं। जिससे करोड़ो का नुकसान दरगाह की आय का होगा ,अब देखना यह होगा की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की व मुख्य कार्यपालक अधिकारी उत्तराखंड ठेकेदारों की सेटिंग तोड़कर अपने द्वारा बनाई गयी नीलामी शर्तो के अनुसार दिये गये ठेको की रकम वसूल कर पाते है या नही।

उत्तराखंड