हर साख पे उल्लू बैठा है ,अंजामे गुलिस्ता क्या होगा,,,,फुरकान ने बताया  प्रबंधक की नियुक्ति में ऑडिट की जांच व भुगतान सम्बन्धी मामला झूट के अलावा कुछ नही, बल्कि वख्फ बोर्ड कार्यालय में तैनात इंस्पेक्टर की साजिस व निजी स्वार्थ पूर्ति के लिये रचा गया षड्यंत्र बताया,,,,। अपने कार्यकाल के दौरान मैंने दरगाह से इंस्पेक्टर मोहमद अली को नही करने दी अवैध उगाही,इसीलिये रखता है मुझसे जलन,,,,फुरकान

फुरकान ने बताया  प्रबंधक की नियुक्ति में ऑडिट की जांच व भुगतान सम्बन्धी मामला झूट के अलावा कुछ नही, बल्कि वख्फ बोर्ड कार्यालय में तैनात इंस्पेक्टर की साजिस व निजी स्वार्थ पूर्ति के लिये रचा गया षड्यंत्र बताया,,,,।

अपने कार्यकाल के दौरान मैंने दरगाह से इंस्पेक्टर मोहमद अली को नही करने दी अवैध उगाही,इसीलिये रखता है मुझसे जलन,,,,फुरकान
रुड़की।
अनवर राणा।
वार्षिक उर्स की तैयारियों ,ठेको,लंगर के राशन में  चोरी रोक्न्ने व प्रबंध व्यवस्था के लिये जिला अधिकारी महोदय हरिद्वार द्वारा प्रबंधक/अकाउंटेंट की नियुक्ति प्रशासनिक कर्मचारियों में से की जाती रही है।जिसको लेकर 2015 के बाद से जनपद के अन्य विभागों में कार्यरत कार्मिको जैसे आर ई एस, जल संस्थान,नगर पंचायत,शिक्षा विभाग से अपनी पहुंच के माध्यम व वख्फ बोर्ड में तैनात भृष्ट  वक्फ इंस्पेक्टर मोहमंद अली मिलीभगत से प्रबंधक नियुक्ति पाकर दरगाह की आय को नुकसान पहुंचा चुके है।हाइकोर्ट नैनीताल द्वारा एक अंतरिम आदेश दिनांक 28/10/13को चैयरमेन वख्फ व सी ई ओ वक़्फ़ बोर्ड को दरगाह के अभिलेखों का ऑडिट कराने के निर्देश दिये गये थे।न्यायालय के निर्देश के अनुपालन में नीलम समिति द्वारा देहरादून निवासी चाटर्ड अकाउंटेंट की कोटेशन सबसे कम 19000 रुपये साल की पाई गई जिनको दरगाह के ऑडिट का कार्य दिया गया।चाटर्ड अकाउंटेंट के द्वारा जो भी रेकॉर्ड मंगा गया वो तत्कालीन प्रबंधक द्वारा उपलब्ध किया जाता रहा।ऑडिट रिपोर्ट पूरी होने पर एक कॉपी वख्फ बोर्ड कार्ययली व वख्फ चेयरमैन व सी ई ओ द्वारा एक कॉपी उच्च न्यायालय में ऑडिट रिपोर्ट भेजी गयी थी ओर दरगाह कार्यालय में भी एक कॉपी रेकॉर्ड में रखी गयी चार्टर अकाउंटेंट को बिल के अनुसार ऑडिट का भुगतान तत्कालीन सी ई ओ द्वारा किया गया जबकि दरगाह प्रबंधक को कभी भुगतान का अधिकार नही तो था ओर न ही आज भी है। अब बख्फ बोर्ड कार्ययली का यह कहना कि चाटर्ड अकाउंटेंट को 1.25 लाख भुगतान होना चाहिये था ओर किया गया 1.38 लाख यानी 13000 अधिक भुगतान किया गया है।भुगतान सी ई ओ वख्फ व कोषाधिकारी रुड़की तथा ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के द्वारा किया जाता है ओर भुगतान की फाइल अकाउंटेंट के द्वारा बनाई जाकर अग्रसारित सिर्फ प्रबंधक के द्वारा की जाती है प्रबंधक को भुगतान करने का अधिकार नही है,वख्फ बोर्ड कार्यालय को लांछन लगाने का बहाना चाहिये था,क्योंकि कलियर दरगाह कार्यालय व हर भृष्ट गतिविधि में शामिल वख्फ निरीक्षक जिला कर्मी व अनुभवी ,पूर्णकालिक दरगाह प्रबंधक की नियुक्ति भी इसीलिये नही चाहता क्योंकि उसका एनरोलमेंट खत्म न हो जाये ओर उसकी अधिकारियों के नाम पर हो रही अवैध कमाई बन्द न हो जाये ।यह कहना पूर्व दरगाह प्रबंधक फुरकान अली व वर्तमान में प्रबंधक की नियुक्ति पैनल में अनुभव के आधार पर जिला अधिकारी हरिद्वार द्वारा सी ई ओ वख्फ बोर्ड को भेजा गया फुरकान का नाम साजिस व अवैध वसूली ,भ्र्ष्टाचार पूर्ण नीति के द्वारा वख्फ इंस्पेक्टर मो0 अली के द्वारा झूठा व मनघड़ंत ऑडिट की जांच का बहाना बनाकर ईमानदार आई ए एस अधिकारी सचिव/मुख्यकार्यपालक अधिकारी अहमद इकबाल को भृमित कर सहायक अध्यापक हारून को प्रबंधक बनाया गया है जबकि शिक्षा विभाग के कर्मी को समय भी नही मिल पाता है यह कहना है प्रबंधक की नियुक्ति में ऑडिट सम्बन्धी आपत्ति लगने वाले पूर्व प्रबंधक फुरकान अली का।

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