आस्था के नाम पर साबरी सिलसिले की खिलाफत के बारे में हुई किरकिरी के उपरांत प्रीत सिंधु उर्फ फ़िज़ा साबरी राजनीति के अखाड़े में ,,,,।
बाहरी कथित ढोंगी सुफिज्म का चोला पहनने वालो पर कब शिकंजा कसेगा खुफिया विभाग,,,,
रुड़की/कलियर
अनवर राणा
पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक देश दुनिया विख्यात होने के साथ ही यहां पर कुकुरमुत्तों की तरह बने फर्जी ढोंगी सूफियों की वजह से बदनाम हो रहा है।क्योंकि हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सभी धर्मों के लोग दरगाह साबिर पाक में आस्था रखते है ओर यहां के नाम पर दिल खोलकर दान देते है।यही कारण है कि हर कोई दरगाह साबिर के नाम पर आस्थावान सभी सम्प्रदाय के लोगो से दान का पैसा तो यहां की खिदमत व लंगर के नाम पर मांगते लेकिन उस धन को अपनी जेबो में भरकर लोगो की आस्थाओं से खिलवाड़ कर अपनी अपनी दुकानें चमकाने के कार्य आजकल बादस्तूर जारी है।ऐसा ही एक कथित सूफी मुस्तकीम के द्वारा पंजाब चंडीघड़ की एक महिला फ़िज़ा साबरी को औरत होने के बावजूद खिलाफत देने के मामले में सभी सुफियज्म के मरकज की धज्जियां उड़ाता है।हालांकि बाद में उस कथित सूफी के द्वारा एक वीडियो जारी कर कोई खिलाफत देने से मना भी किया गया था।अब पंजाब निवासी महिला जो अपने आपको पंजाब कोंग्रेस की उपाध्यक्ष बताती है फ़िज़ा साबरी ने उत्तराखण्ड की कोंग्रेस को मजबूत करने की मुहिम में भी हिस्सा लेने के लिये पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मुलाकात तक कर डाली। अब देखना यह है कि ऐसे कथित सुफिज्म के मरकज पर इन फर्जी ढोंगी समाजसेवी व सूफी बनने वाले बाहरी लोगों पर प्रशासन व खुफिया विभाग लगाम लगा पाता है या नही या फिर इस तरफ के लोग आस्थावान लोगो को यही ठगते रहेंगे।