पीर गायब की कदीम मस्जिद में रमज़ानुल मुबारक की दसवीं शब को कुरआन पाक का खत्म , फातिहा खानी और ज़िक्र की महफ़िल हुई सम्पन्न,,,,
कलियर /रुड़की
अनवर राणा
दरगाह शाह सयैद मरदान अली उर्फ “पीर गायब” की कदीम मस्जिद में रमज़ानुल मुबारक की दसवीं शब को कुरआन पाक का खत्म , फातिहा खानी और ज़िक्र की महफ़िल सम्पन्न हुई।
मस्जिद के इमाम सूफ़ी ज़ाकिर अली ने ख़िताब फ़रमाते हुए कहा कि कुरान शरीफ़ पूरी दुनिया के लिए अमन,सलामती और फ़ज़ल की वो ख़ुदा की किताब है जिसमे इंसानियत की हिफाज़त,भाई चारे,बेसहारा लोगों की मदद,पड़ोसियों के हुक़ूक़ का पैग़ाम मिलता है।
ख़ानक़ाह शाह नन्हे मियाँ के गद्दी नशीन शाह अंजार ख़ालिक़ मियाँ साबरी ने इस मौके पर कहा कि आज दुनिया में जो जंग,स्थिरता और संघर्ष केके हालात है उनसे निजात का रास्ता कुरान की तालीमात पर सच्चे दिल से अमल करने से ही मिल सकता है।उन्होंने कहा कि हमारे लिए ये दुख का विषय है कि हम इस्लाम और कुरान को तो मानते हैं ,मगर इस्लाम और कुरान की बातों को नही मानते।
इस मौके पर अंतरराष्ट्रीय शायर अफ़ज़ल मंगलोरी ने नात और मनकबत का कलाम पेश कर रमज़ान में ज़कात के सही इस्तेमाल पर ज़ोर दिया।
ख़त्म शरीफ की महफ़िल में राव इनाम साबरी,कारी मो अली कादरी,पीरजी आरिफ़ साबरी,हाफ़िज़ वसीम,मेहताब साबरी, मुफ़्ती इकराम साबरी, फ़रहत सिद्दीकी, पप्पू मलिक, इमरान साबरी, क़ाज़ी नवाज़, तहसीन साबरी, आसिफ़ साबरी, पीरजी सलीम आदि ने भाग लिया।
अंत में दस दिन तक कुरान सुनाने वाले चन्दौसी निवासी हाफिज शब्बू मियाँ साबरी को इंतजामिया कमेटी की ओर से नज़राना और अंगवस्त्र पेश कर सम्मानित किया गया।
हाफिज सूफी ज़ाकिर साबरी ने मुल्क और पूरी मानव जाति के लिए दुआ के साथ देर रात महफ़िल का समापन किया।

