बिर्टिश शासन काल मे निर्मित पुरानी गंगनहर व बाववनदरा पुल की हालत बद से बदतर।

बिर्टिश शासन काल मे निर्मित पुरानी गंगनहर व बाववनदरा पुल की हालत बद से बदतर।

सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के अधीन पुरानी नहर व बावन डरा का लिंक पुल अधिकारियों की अनदेखीके कारण पानी न छोड़ने से गन्दे नाले में तब्दील

रुड़की/पिरान कलियर।
अनवर राणा !

बिर्टिश शासन काल मे लगभग डेढ़ सौ वर्ष पूर्व अंग्रेजो द्वारा बनाई गई उत्तरीखण्ड गंगनहर उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों की अनदेखी से घास कबाड़ व गन्दे नाले में तब्दील हो चुकी है।धनोरी स्थित बावनदरा को जोड़ने वाला लिंक पुल भी पुरानी गनगन्हर बन्द होने के उपरांत से ही बन्द पड़ा हुआ है।जिस कारण पुल को खोलने व बन्द करने वाली मशीनों पर भी जंग लग चुका है।गौरतलब बात यह है कि उत्तर प्रदेश सरकार इस नहर के रखरखाव को देखने के लिये सेकड़ो अधिकारियों ओर कर्मचारियों को मोटा वेतन भी दे रही है।यही नही इस पुरानी गंगनहर की साफसफाई के लिये हर साल उत्तर प्रदेश सरकार मोटा बजट भी आवंटित करती है लेकिन अधिकारियों के द्वारा कागजी कार्यवाही कर पूरा बजट ठिकाने लगाया जा रहा है और पुरानी गंगनहर घास फूंस ,पेड़ पौधे जमने से गन्दा नाला बनकर रह गयी है।जबकि बिर्टिश शासन काल मे बनाये गए बवंदरा को देखने के लिये धार्मिक स्थल कलियर पर पहुंचने वाले लाखों जायरीन पर्यटक स्थल के रूप में यहां पहुंचते ही।पर्यटको का कहना है कि यदि इस जगह का सौन्दर्यकरण किया जाए तो पर्यटको से लाखों की आमदनी भी हो सकती है।परंतु सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश के अधिकारी बजट न होने का रोना रोते है।यही वजह है कि इस क्षेत्र में बने पुलों के क्षतिगरसत होने के बावजूद इनकी मरमत भी नही कराई जा रही है ओर उत्तराखण्ड सरकार यू पी में होने का ढोंग रचकर इन पुलो की मरमत नही करा रही है।स्थानीय विधायक हाजी फुरकान अहमद इन पुलों की मरमत करने का मुद्दा कई बार विधान सभा मे भी उठा चुके है ।लेकिन उत्तर प्रदेश व उत्तराखण्ड सरकार मुस्लिम तीर्थ स्थल होने की वजह से कोई ध्यान इस ओर नही दे रही है।अधिकारियों द्वारा इन अधिकारियों के द्वारा पुल क्षति ग्रस्त बताकर बड़े बड़े पत्थर के कॉलम बीच मे लगाकर राहगीरों का आना जाना भी फोर व्हीलर के लिये बन्द कर दिया गया है।जबकि हजारों जायरीन इन पुलों के रास्ते से रोजाना दरगाह साबिर पाक के मजार पर कलियर पहुंचते हैं।

उत्तर प्रदेश