दस साल में खरीदी चल अचल सम्पति की जांच हो, तो खुल जायेगी ठेले पर रेडीमेड कपड़े बेचकर गुजरा करने वाले सफाई कर्मी व कथित सूफी की पोल,,,
दरगाह की दुकान की आय हड़पकर व लंगर में हेराफेरी कर दस साल में कैसे झाड़ू लगाने वाला दरगाह कर्मी बना करोड़ों की चल अचल संपत्ति का मालिक,,,
कलियर।
अनवर राणा।
दरगाह साबिर पाक की व्यवस्थाओं को दरुस्त रखने के लिये उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने कार्यालय में लगभग 70 कर्मियों को तैनात कर अलग अलग जिम्मेदारी दी रखी है।यहां पर प्रबंधकों द्वारा कार्य की व्यस्तता दिखाकर अलग अलग समय में कुछ सड़क छाप अस्थायी कर्मियों को अधिकारियों के अनुमोदन पर रखवा था।ऐसा ही मामला वर्ष 2014 में कुछ कर्मियों के साथ ज्वालापुर निवासी सिलवार कुर्ते में घूमता सिकन्दर नाम का व्यक्ति भी सफाई कार्य के लिये तीन महीने के लिये रखा गया था,उसके बाद उनकी सेवाकाल का परीक्षण होना था ,लेकिन सेवाकाल में उनके ऊपर इमाम साहब की प्रशाद की दुकान से दरगाह को होने वाली आय को हड़प करने तथा लंगर की सप्लाई में देखरेख के दौरान दान में आये खाद्यय सामग्री में घपला जैसे आरोप लगते रहे है जो शासन द्वारा कराई गई जांच में आरोप सिद्ध भी होती हुई रिपोर्ट कार्यवाही के लिये सीईओ वक्फ उत्तराखण्ड की टेबल पर पहुंच चुकी है।फिर भी तीन माह बाद कोई परीक्षण इनके सेवाकाल का नहीं किया गया ओर देखते ही देखते इस सफाई कर्मी ने करोड़ों की दरगाह को हानि पहुंचाकर अपनी व अपने परिवार की चल अचल सम्पति दिनरात बढ़ाने का कार्य कियाहै।जानकारों का कहना है कि ज्वालापुर शहर से लेकर कलियर अलग अलग कॉलोनियों में इस भृष्टाचारी कि सम्पति है अगर विभाग द्वारा जांच कराई जाती है तो इस सफाई कर्मी के काले कारनामे सभी के सामने आ जायेंगे।दरगाह में सफाई कर्मी की नॉकरी से पूर्व यह सफाई कर्मी मौहल्ले में ठेले पर रेडीमेड बच्चों के कपड़े वितरित किया करता था ,जो आज करोड़ों की चल अचल सम्पत्ति का मालिक कैसे बना यह बड़ा सवाल है,,,?