भाजपा के प्रणव सिंह चैम्पियन तथा बसपा के चो0 रविंद्र पनियाला में होगी कड़ी टक्कर,,,।

भाजपा के प्रणव सिंह चैम्पियन तथा बसपा के चो0 रविंद्र पनियाला में होगी कड़ी टक्कर,,,।

चार दिन बाज के ना उड़ने से ,
आसमान कबूतरों का नही हो जाता,,,।

चन्द बाहरी प्यादों ओर किराये के गला फाड़ भोंपू प्रचारकों के सहारे जनता को भृमित कर नहीं बन सकता कोई विधायक,,,।

भाजपा के प्रणव सिंह चैम्पियन तथा बसपा के चो0 रविंद्र पनियाला में होगी कड़ी टक्कर,,,।

रुड़की/खानपुर
अनवर राणा

अगर स्थानीय जनप्रतिनिधि व जनता के दुख दर्द में पांच वर्ष काम आने वाले सादगी अख्तियार करने वाले जनप्रतिनिधि सरल स्वभाव व सादगी से चुनाव लड़ रहे हो तो वही एक बाहरी हवाबाज व्यक्ति अपनी घटिया सोच ,ब्लैकमेलिंग छवि व गन्दी राजनीति को आगे बढ़ाने के लिये उत्तराखण्ड प्रदेश की गुर्जर बाहुल्य सीट खानपुर पर चन्द बाहरी प्यादों ओर किराये के गला फाड़ भोंपू प्रचारकों के सहारे जनता को भृमित कर खानपुर क्षेत्र को बदनाम व नेतृत्व वहिंन कहने वाला हवाबाज व्यक्ति हवाई दौरों से क्षेत्र को नाप कर अब जमीन पर उतर कर ओछी राजनीति व जनता को गुमराह कर कहता घूम रहा है कि मुझे विधायक नही सेवक बनना है।यही नही इस हवाबाज का दावा यह भी है कि में किसी पार्टी के दर पर टिकट लेने नही जाऊंगा ओर दावा तो राज्य सरकारों द्वारा किये जाने वाले कार्यो को भी अपने दम पर करने का झूठा दावा कर जनता को गुमराह कर वोट की चोट पर विधायक देखने का सपना देख रहा है, तो यही कहावत चरितार्थ होगी कि
*चार दिन बाज के न उड़ने से , आसमान कबूतरों का नही हो जाता,,* जबकि क्षेत्र की जनता कह रही है कि अभी तो विधान सभा के मोहननगर ,मिलापनगर ढंढेरा के अलावा बाकी गांव के रास्ते भी इस हवाबाज ने नही देखे है।क्षेत्र की जनता का रुझान ऐसे हवाबाज व्यक्ति के खिलाफ होना स्वाभाविक है जो बिना सिर पैर की बात कर विधायक बनने का दिन में ही सपना देखकर जनता को गुमराह करने का काम करता फिर रहा हो।जबकि क्षेत्र की जनता खादर,दल्लावाला अबदीपुर आदि गांव से लेकर लँढोरा ,शिकारपुर,मोहनपुरा मिलापनगर व मोहमदपुर तक भाजपा के प्रणव सिंह चैम्पियन तथा बसपा के चो0 रविंद्र पनियाला को ही आमने सामने की टक्कर में मानकर अपना वोट देने का मन बनाने में दिखाई दे रही है।कोंग्रेस पार्टी अभी तक अपना उम्मीदवार भी खानपुर क्षेत्र में उतारने की हिम्मत नही जुटा पायी है,वैसे भी खानपुर क्षेत्र में कोंग्रेस की पकड़ कम ही होती नजर आने लगी है।अब देखना यह होगा आने वाली 10 मार्च को किसकी किस्मत खुल पाएगी ओर क्षेत्र का कोंन विधायक बनेगा।

उत्तराखंड