आखिर क्यों भाजपा सरकार की करप्शन पर जीरो टॉलरेंश की नीति को कलियर दरगाह कार्यालय में लगाया जा रहा पलीता,,,,?
करोड़ों की खाद्यय सामग्री , दान व आय की लूट से सम्बंधित पूर्व लंगर इंचार्जों के खिलाफ कब करायेंगी प्रबंधक एफआईआर दर्ज ,,,?
कलियर।
अनवर राणा।
पिरान कलियर वक्फ दरगाह साबिर पाक की बागडोर 87/2011 जनहित याचिका नैनीताल हाइकोर्ट में फाइनल आदेश के तहत जिला अधिकारी हरिद्वार को प्रशासक के रूप में नियुक्त कर देखरेख का अधिकार दिया गया है।लेकिन यहां पर 2013 में अंतरिम आदेश ही के तहत मुख्य कार्यपालक अधिकारी वक्फ बोर्ड व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुड़की द्वारा व्यवस्थाएं अमल में लायी जा रही हैं।दरगाह कार्यालय में तैनात सैकड़ों कर्मी व जायरीनों की सुविधा के लिये प्रबंधक नियुक्त भी इन्ही अधिकारियों के द्वारा नियुक्त होते चले आ रहे है।दरगाह की आय व्यय के ब्यौरे के लिये यहाँ पर प्रशासन की तरह से एक लेखाकार की नियुक्ति की गई है ओर उसके हाथ बंटाने को व्यवस्थाओ को संभालने के लिये छह कर्मियों को सुपरवाइजर के रूप में अलग अलग व्यवस्थाएं सम्भालने की जिम्मेदारी प्रबंधक द्वारा दी जाती है।यहां पर 2017 से जिस लेखाकार को नियुक्त किया हुआ है उसी ने ज्यादा समय दोनों (लेखाकार/प्रबंधक) जिम्मेदारियों का निर्वहन भी किया।लगभग दो वर्ष पूर्व प्रबंधक को रंगेहाथ सुपरवाइजर से घुस लेते समय बिजिलेंश टीम ने गिरफ्तार कर लिया था,तभी से फिर दोनों दायित्त्व का निर्वहन लेखाकार/प्रबंधक सफीक अहमद पर ही रहा है।अब वर्ष 2023 मै दरगाह पर फिर प्रबंधक की नियुक्ति की गई है। नवनियुक्त प्रबंधक रजिया खान भी शिक्षा विभाग से दरगाह कार्यालय की बागडोर अतिरिक्त चार्ज के बतौर सम्भाल रही है,जबकि पहली बार रिटायरमेंट होने के बावजूद दरगाह के दान के 30000 रुपये प्रति माह के मानदेय पर लिखकर सफीक अहमद लेखाकार के पद पर नियुक्ति पाने में सफल रहा है।कुल मिलाकर मुद्दे की बात यह है कि नवनियुक्त प्रबंधक रजिया खान ने अपने दो माह में दरगाह की आय का ब्यौरा सार्वजनिक कर करोड़ो की आय प्राप्त कर पिछले सालों की आय की बन्दरबांट की पोल खोलकर रख दी है।हद तो तब हो गयी जब लंगर में दो माह में दान के रूप में इतनी सामग्री आयी दर्शाई गई है जितना दो माह का खर्च भी नहीं होता।प्रबंधक के इस रिपोर्ट कार्ड से लंगर व दान में हुई करोड़ों की लूट का पर्दाफाश हो गया है तो फिर लंगर इंचार्जों व तत्कालीन लेखाकार/प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कब होगी।इस बात को लेकर जनता में तरह तरह की चर्चा व्याप्त कि जब दो माह में खर्च से अधिक लंगर में खाद्य सामग्री आ चुकी तो फिर पिछले तीन चार साल की लंगर की दान में आई खाद्यय सामग्री कौन डकार गया यह बड़ा सवाल है,,,? उत्तराखंड सरकार की करप्शन पर जीरो टॉलरेंश की सरकार की नीति को पलीता लगाने का जीता जागता प्रमाण अगर कहीं देखने को मिलता है तो कलियर वक्फ कार्यालय पर किसी नीति न नियम के लागू न होने से मिलता है।क्योंकि पूर्व में भी शासन व प्रशासन द्वारा वित्तीय अनियमितता की जांच में लेखाकार व सुपरवाइजर पर आईएएस ज्वाइंट मजिस्ट्रेट द्वारा गठित टीम की जांच में आरोप सिद्ध हो चुके है जो जांच रिपोर्ट भी वक्फ बोर्ड कार्यालय उत्तराखंड देहरादून में धूल फांक रही है।इससे यह सिद्ध होता है कि भाजपा की धामी सरकार की करप्शन पर जीरो टॉलरेंश की नीति का वक्फ बोर्ड कार्यालय व दरगाह कार्यालय में खुल्लमखुल्ला मखोल उड़ाया जा रहा है।