उमेश की भाजपा नेतृत्व से घनिष्ठ मित्रता व बसपा नेतृत्व द्वारा पसमांदा समाज की अनदेखी से सोनिया शर्मा को  सांसद बनाने का सपना पड़ न जाये भारी,,,

उमेश की भाजपा नेतृत्व से घनिष्ठ मित्रता व बसपा नेतृत्व द्वारा पसमांदा समाज की अनदेखी से सोनिया शर्मा को सांसद बनाने का सपना पड़ न जाये भारी,,,

उमेश की भाजपा नेतृत्व से घनिष्ठ मित्रता व बसपा नेतृत्व द्वारा पसमांदा समाज की अनदेखी से सोनिया शर्मा को  सांसद बनाने का सपना पड़ न जाये भारी,,,

रुड़की।

अनवर राणा।
खानपुर से निर्दलीय विधायक पत्रकार उमेश कुमार द्वारा फेसबुक व सोशियल मीडिया पर विरोधियों तथा कोंग्रेस व भाजपा के नेताओ को भ्र्ष्टाचार में लिप्त होने के इस बार के लोकसभा चुनाव में अपनी धर्म पत्नी को बसपा के टिकट पर लड़ाकर हरिद्वार से मोक्ष प्राप्त करने की चेतावनी विरोधी कोंग्रेस व भाजपा को दी जा रही है।खानपुर से चार बार के विधायक कुंवर प्रणव सिंह को चुनाव में शिकस्त देकर आजकल उनके द्वारा विरोधियों के खिलाफ आरोप प्रतिरोप से जनता भी अजीज आ चुकी है।इसी बीच राज्य आंदोलन कारी महिला भावना पांडेय के द्वारा मीडिया के सामने दिये एक इंटरव्यू में उमेश कुमार को रेपिष्ट व ब्लेकमेलर जैसे शब्दों से नवाज कर हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी गयी है।वहीं बसपा से सवर्ण जाति की सोनिया शर्मा पत्नी उमेश कुमार पत्रकार विधायक खानपुर को अगर उम्मीदवार बनाया गया तो बसपा के केडर वोट बैंक दलित,पिछड़े व अति पिछड़े समाज मे भी सोनिया शर्मा के खिलाफ विरोध के स्वर सुनाई देने लगे हैं। हरिद्वार जनपद के पसमांदा समाज के स्थानीय नेताओं को इग्नोर कर जिस तरह से प्रदेश नेतृत्व ने स्वर्ण समाज की सोनिया शर्मा को लोकसभा प्रभारी बनाकर आगामी 2024 में उम्मीदवार बनाने की योजना बना डाली है उसमें सबसे बड़ी बाधा सोनिया के पति उमेश कुमार की भाजपा से घनिष्ठ सम्बंध व मित्रता कहीं बड़ी बाधा न बन जाये ऐसा जनता में शोर हो रहा है,जिसकी चर्चा जोरों पर क्षेत्र में सुनाई दे रही है। क्योंकि पिछले कई लोकसभा चुनाव में बसपा पार्टी की नीति के हिसाब से यहां पसमांदा पिछड़े,अति पिछड़े व दलित बिरादरी के स्थानीय नेताओं ओर कार्यकर्ताओ ने बसपा को मजबूत ही तिलक तराजू ओर तलवार के नारे को बुलंद कर बसपा को मजबूत किया है।अब ऐसे में जहां उमेश कुमार के बच्चों व प्रदेश के मुख्य मंत्री पुष्कर सिंह धामी के बच्चों का जन्म दिन भी एक साथ मुख्यमंत्री के घर पर मनाने जैसी तस्वीर जनता के सामने चुनाव से पहले जनता में चर्चा का विषय बनी हों तो ऐसे में पार्टी नेतृत्व की स्वर्ण कार्ड खेल कर जीत की मुहिम को बट्टा लगने से कैसे बचाया जा सकेगा यह तो आने वाला समय ही तय करेगा।

उत्तराखंड