रमजान की 27 वीं रात को पूर्व परम्पराओं के अनुसार दरगाह मस्जिद में हुआ शबीना,,,
रूडकी ।
अनवर राणा
दरगाह साबिर पाक में सौ वर्षों से अधिक से चली आ रही परम्परा के अंतर्गत रमज़ान की 27 वी रात को “कुरान शबीना” का आयोजन किया गया । शबीना का तात्पर्य एक ही रात में पूरा कुरान शरीफ ,देश भर से आये हुए हाफिजों द्वारा नमाज़ मे पढ़ कर पूरा किया जाना होता है।
गत रात्री दरगाह साबिर पाक की मस्जिद में रमज़ान की 27 वी रात को सबसे पुराने हाफ़िज़ ए कुरान मो आज़म काज़मी की सरपरस्ती में शबीना रात 10:30बजे में शुरू किया गया जो सुबह 3:30 बजे खत्म हुआ ।इस शबीने में मुफ़्ती अब्दुल क़ादिर देवबंद, हाफ़िज़ अब्दुल्ला अंसारी, हाफ़िज़ सैफुल्ला मंगलोर ,हाफ़िज़ ख़ालिद सीकरी,हाफ़िज़ असदुल्लाह,हाफ़िज़ क़मर आदि ने कुरान पाक के अलग अलग (सूरते)भाग सुनाए।
इस शबीने की खास बात ये रही कि लगातार 73 वर्षों से मेहराब सुनाने वाले हाफ़िज़ मो आज़म काज़मी जिनकी आयु इस वक़्त 86 वर्ष है,ने खुद भी कुरान सुनाया।उन्होंने बताया कि उनके वालिद हाफ़िज़ एहसन भी इस शबीने मे आते थे जो कि पूर्व मंत्री रहे सयैद सईद मुर्तजा के पिता सयैद अब्दुल हाई पुरकाजी वालो ने सो वर्ष पूर्व शुरू किया था उनके बाद आज तक ये शबीना जारी है जिसमे सईद मुर्तजा के पुत्रों सईदउज़्ज़मा और मियां नसीम चेयरमैन ने जारी रखा हुआ है।शबीने के बाद सेहरी में उनकी ओर से सभी हाफिजों और दूर दराज से आये हुए जायरीन को खाना और चाय आदि पेश की जाती है।
इस अवसर पर सलमान सईद,नैय्यर काज़मी, कारी गुलाम नबी नूरी,शाह ख़ालिक़ मियां साबरी, शाह यावर साबरी,महमूद कुरेशी,पूर्व मंत्री मक़बूल कुरेशी,शायर अफ़ज़ल मंगलोरी,वक्फ इंस्पेक्टर असद जमा, पत्रकार मनव्वर कुरेशी,अज्जू मियां, सभासद इकराम अली,उमर लतीफी,हाजी अब्दुल सत्तार सहारनपुरी,हाफ़िज़ नुरुल्लाह काज़मी मौजूद रहे।आखिर में दुआ कराई गई।पीरान कलीयर/रूडकी ।दरगाह साबिर पाक में सौ वर्षों से अधिक से चली आ रही परम्परा के अंतर्गत रमज़ान की 27 वी रात को “कुरान शबीना” का आयोजन किया गया । शबीना का तात्पर्य एक ही रात में पूरा कुरान शरीफ ,देश भर से आये हुए हाफिजों द्वारा नमाज़ मे पढ़ कर पूरा किया जाना होता है।
गत रात्री दरगाह साबिर पाक की मस्जिद में रमज़ान की 27 वी रात को सबसे पुराने हाफ़िज़ ए कुरान मो आज़म काज़मी की सरपरस्ती में शबीना रात 10:30बजे में शुरू किया गया जो सुबह 3:30 बजे खत्म हुआ ।इस शबीने में मुफ़्ती अब्दुल क़ादिर देवबंद, हाफ़िज़ अब्दुल्ला अंसारी, हाफ़िज़ सैफुल्ला मंगलोर ,हाफ़िज़ ख़ालिद सीकरी,हाफ़िज़ असदुल्लाह,हाफ़िज़ क़मर आदि ने कुरान पाक के अलग अलग (सूरते)भाग सुनाए।
इस शबीने की खास बात ये रही कि लगातार 73 वर्षों से मेहराब सुनाने वाले हाफ़िज़ मो आज़म काज़मी जिनकी आयु इस वक़्त 86 वर्ष है,ने खुद भी कुरान सुनाया।उन्होंने बताया कि उनके वालिद हाफ़िज़ एहसन भी इस शबीने मे आते थे जो कि पूर्व मंत्री रहे सयैद सईद मुर्तजा के पिता सयैद अब्दुल हाई पुरकाजी वालो ने सो वर्ष पूर्व शुरू किया था उनके बाद आज तक ये शबीना जारी है जिसमे सईद मुर्तजा के पुत्रों सईदउज़्ज़मा और मियां नसीम चेयरमैन ने जारी रखा हुआ है।शबीने के बाद सेहरी में उनकी ओर से सभी हाफिजों और दूर दराज से आये हुए जायरीन को खाना और चाय आदि पेश की जाती है।
इस अवसर पर सलमान सईद,नैय्यर काज़मी, कारी गुलाम नबी नूरी,शाह ख़ालिक़ मियां साबरी, शाह यावर साबरी,महमूद कुरेशी,पूर्व मंत्री मक़बूल कुरेशी,शायर अफ़ज़ल मंगलोरी,वक्फ इंस्पेक्टर असद जमा, पत्रकार मनव्वर कुरेशी,अज्जू मियां, सभासद इकराम अली,उमर लतीफी,हाजी अब्दुल सत्तार सहारनपुरी,हाफ़िज़ नुरुल्लाह काज़मी मौजूद रहे।आखिर में दुआ कराई गई।