राज्य सूचना आयुक्त के आदेश से भ्र्ष्टाचार का अड्डा बना दरगाह कार्यालय सूचना के अधिकार के लिये हुआ बाध्य,
कलियर दरगाह कार्यालय सूचना के अधिकार में न होने से वित्तीय आय को पहुँचाई जा रही थी हानि,,,दानिश साबरी
रुड़की/कलियर
अनवर राणा।
उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड के अधीन दरगाह साबीर पाक के कार्यालय की देखरेख हाइकोर्ट के आदेश पर जिला प्रशासन के हाथों में चल रही है।यहां पर जिला अधिकारी द्वारा ही देखरेख के लिये सरकारी विभाग में कार्यरत एक प्रबंधक की नियुक्ति की जाती है।दरगाह पर लाखों लोगों के आवागमन व दान देने से दरगाह की करोड़ों रुपये की आय प्रतिवर्ष होती है।सन 2005 में सूचना का अधिकार लागू होने के उपरांत यहां पर लोक सूचना अधिकारी बनाया जाता रहा है जो सिलसिला 2015 तक बदस्तूर चलता रहा।लेकिन 2016 से आज तक दरगाह कार्यालय में प्रबंधक व उसके अधीनस्थ लोगों ने खुलकर दान के पैसे का दुरुपयोग इसलिये भी किया कि कोई सूचना तो मांग ही नहीं सकता है।अब नगर पंचायत कलियर के सभासद दानिश साबरी ने नीचे से ऊपर तक लम्बी लड़ाई लड़कर राज्य सूचना आयोग देहरादून में द्वित्तीय अपील दाखिल कर कार्यालय दरगाह पिरान कलियर को सूचना के दायरे में लाने का प्रयास किया है।अपील में अंतरिम आदेश कर आयोग ने वक्फ सीईओ को दरगाह कार्यालय में लोकसेवक नियुक्त करने के आदेश पारित किये है।जिससे लोगों में खुशी की लहर इसलिये है कि यहां पर किया जा रहा भ्र्ष्टाचार उजागर करने में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 वरदान साबित होगा।इस सम्बंध में अपीलार्थी दानिश साबरी व राज्य हज समिति के सदस्य अकरम भाई ने पत्रकार वार्ता कर उपरोक्त समस्त जानकारी दी है।