कर्बला की जंग इंसानियत को बचाने के साथ साथ सत्य और असत्य के बीच लड़ाई थी,जिसको कयामत तक रखा जायेगा याद,,,

कर्बला की जंग इंसानियत को बचाने के साथ साथ सत्य और असत्य के बीच लड़ाई थी,जिसको कयामत तक रखा जायेगा याद,,,

कर्बला की जंग इंसानियत को बचाने के साथ साथ सत्य और असत्य के बीच लड़ाई थी,जिसको कयामत तक रखा जायेगा याद,,,

कर्बला के शहीदों व शहादत हज़रत अब्बास पर मजलिस व संगोष्ठी सम्पन्न

*29 जुलाई शनिवार को निकलेगा दून में मोहर्रम का बड़ा जुलूस व ताज़िया*

देहरादून

ब्यूरो।

मोहर्रम के अवसर पर देहरादून में शिया व सुन्नी मुसलमानों द्वारा पैग़म्बर ए इस्लाम हज़रत मोहम्मद साहब के नवासे औऱ उनके परिवार की कर्बला में हुई शहादत व कुर्बानी को याद कर उनको श्रद्धांजलि पेश की गई ।
ग़ांधी रोड इनामुल्ला बिल्डिंग के निकट इमाम बारगाह में अंजुमन मोईनुल मोमिनीन देहरादून की ओर से आठ मोहर्रम को देर रात अलमदार ए कर्बला हज़रत अब्बास की शहादत पर मजलिस ,अज़ादारी और मातम किया गया और आलम व ताबूत बरामद किए गए।
अंजुम के सदर सय्यद कल्बे हैदर जैदी ने हज़रीन ए मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि कर्बला की जंग इंसानियत को बचाने के साथ साथ सत्य और असत्य के बीच लड़ाई थी जिसके परिणामस्वरूप हज़रत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की मनोवैज्ञानिक विजय और अद्वितीय बलिदान को कयामत तक याद किया जायेगा ।
मजलिस में सरपरस्त अफ़सर हसन नक़वी,सचिव अंजुमन सिकन्दर नक़वी,अज़ादारी सचिव शहंशाह आलम नक़वी,कोषाध्यक्ष जिल्ले हसन,मजलिस सचिव अफ़ज़ल मेहदी, आदि ने मातम के साथ नोहा ख़्वानी और मसायब बयान किये ।
दूसरी ओर सुन्नी समुदाय की ओर से अंजुमन सकलैनी की ओर से मौलाना अशरफ़ क़ादरी ने आयोजित संगोष्ठी में बोलते हुए कहा कि हज़रत इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद किया गया ।
इस अवसर पर शायर अफ़ज़ल मंगलोरी ,असलम खतौलवी, आदि ने इमाम हुसैन की शान में मनकबत पेश की।संगोष्ठी में सयैद नफिसुल हसन,मंज़ूर बेग, मुदस्सिर साबरी, मज़ाहिर साबरी ,शादाब खान,हसनैन खान,आदि ने भाग लिया।

*29 जुलाई शनिवार को निकलेगा दून में मोहर्रम का बड़ा जुलूस व ताज़िया*

शिया समुदाय की अंजुमन मोईनुल मोमिनीन के सचिव सिकन्दर नक़वी ने बताया कि 10 मोहर्रम 29 जुलाई को देहरादून की बड़ी इमाम बारगाह करनपुर 7 ई सी रोड से अलम और ताज़िये का जुलूस निकाला जायेगा जो तिब्बती मार्केट, लैंसडाउन चौक, से होते हुए इनामुल्ला बिल्डिंग गांधी पर आ कर सम्पन्न होगा।
उन्होंने बताया कि मुहर्रम के इस जुलूस में नोहा ख़्वानी और सोज़खानी के लिए कई अंजुमनों के नुमाईंदे शिरकत करेंगे।

उत्तराखंड