अधिकारियों की जांच में सफीक अहमद के द्वारा उर्स 2022 में  किये भ्र्ष्टाचार की पोल खुलने के उपरांत भी जमा पड़ा एकाउंट के पद पर,कार्यवाही क्यों नहीं,,,?

अधिकारियों की जांच में सफीक अहमद के द्वारा उर्स 2022 में किये भ्र्ष्टाचार की पोल खुलने के उपरांत भी जमा पड़ा एकाउंट के पद पर,कार्यवाही क्यों नहीं,,,?

निवर्तमान भृष्ट दरगाह प्रबंधक/अकाउंटेंट सफीक अहमद के द्वारा उर्स 2022 की तैयारियों के नाम पर किये करोड़ों के भ्र्ष्टाचार के तार जे एम कार्यालय में तैनात संग्रह कर्मी से जुड़े होने की चर्चाएं व्याप्त,,,

अधिकारियों की जांच में सफीक अहमद के द्वारा उर्स 2022 में  किये भ्र्ष्टाचार की पोल खुलने के उपरांत भी जमा पड़ा एकाउंट के पद पर,कार्यवाही क्यों नहीं,,,?

रुड़की/कलियर
अनवर राणा।
उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड के अधीन कलियर दरगाह कार्यालय में 2017 से तैनाती पाये निवर्तमान प्रबंधक/लेखाकार के समय के कार्यो की अगर सरकार या शासन प्रशासन गहनता से जांच करता है तो करोड़ो की वित्तीय अनियमितता के मामले आज तक प्रकाश में आ सकते है।ऐसा एक मामला नहीं बल्कि अन्य वित्तीय अनियमितताओं के चलते पिछले 2022 के उर्स सम्पन्न कराने के लिये तैयारियों की खातिर चहेते ठकेदारो को रेवड़ी की तरह दरगाह के ठेकों को बिना टेंडर के ही कराने में भारी वित्तीय अनियमितता बरती गयी है। जिसमें जांच के लिये कुछ कार्यो की जांच कराने के लिये आय की भारीभरकम रकम को बंदरबांट करने का मामला विधान सभा मे सत्र के दौरान उठाकर विधायक हाजी फुरकान ने दरगाह की आय की बंदरबांट का आरोप अधिकारियों व दरगाह कर्मियों पर लगाया था,जिसके उपरांत लोकनिर्माण एजेंसी के कार्यो की मात्र 5 ठेकों में भारी अंतर पाया गया है।मजेदार बात यह है कि जांच में करोड़ो की धांधली स्पष्ट होने के बावजूद तत्कालीन प्रबंधक/अकाउंटेंट सफीक अहमद के खिलाफ कोई कार्यवाही होने की बजाय उनको अभी तक कार्यालय में भ्र्ष्टाचार करने की छूट उच्च अधिकारियों के द्वारा दी हुई है आखिर क्या उनकी कोई ऊंची पहुंच के चलते प्रदेश वक्फ बोर्ड या कोई अधिकारी कार्यवाही क्यों करने को तैयार नहीं इस बात को लेकर क्षेत्र में चर्चा व्याप्त हो रही है कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय में वर्षो से जमे संग्रह अमीन की मार्फ़त उक्त भृष्ट निवर्तमान प्रबंधक अधिकारियों से सांठगांठ कर ही दरगाह की करोड़ो की आय की बंदरबांट करने में सफल हुआ है।सूत्रों से पता चला है कि उक्त संग्रह अमीन का वर्षो से एक जगह जमा होने पर कुछ समय के लिये मुलपद संग्रह अमीन हरिद्वार में ट्रांसफर भी हो चुका था,लेकिन अपनी पहुँचके चलते निवर्तमान जिला अधिकारी के ट्रांसफर होने से एक या दो दिन पूर्व ही दोबारा रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय में एज ए पीए के पद पर फिर से कार्यभार देख रहा है।अब सवाल यह उठता है कि क्या नियम कानून उक्त संग्रह अमीन पर लागू नहीं होते है जो एक ही सीट पर वर्षो से जमा हुआ है ओर अपने मूल पद पर जाने का नाम ही नहीं ले रहा है।इसका फायदा उठाकर ही दरगाह के कर्मियों के साथ इसकी सेटिंग व इसकी सीट पर अक्सर देखा जा सकता है।
वहीं निवर्तमान भृष्ट प्रबंधक/अकाउंटेंट के द्वारा उर्स 2022 में पाकिस्तानी मेहमानों को ठहराने के लिये साबरी गेस्ट हाउस के पुनर्निर्माण/मरम्मत कार्य पर ही पीडब्लूडी के अधिकारियों के साथ मिलकर लाखों के कमीशन के चक्कर में प्रबंधक/लेखाकार के कारनामो की पोल मरम्मत में लगे 40 लाख से अधिक दान के बजट से तैयार हुवे दरगाह के साबरी गेस्ट हाउस में इस बार की पहली बरसात से ही अंदर कमरों तक पानी बहता हुआ पोल खोलने के लिये काफी है।ऐसे ही अन्य बहुत कार्य इन महोदय द्वारा दरगाह के दान के पैसे की बंदरबांट कर कराये गये है,जिसमे कई वर्षों से एक ही सीट पर जमा व्यक्ति जिसका मूल पद भी संग्रह अमीन पर उसके पिता की मृत्यु के उपरांत सृजित किया गया था ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय में बैठकर डयूटी निभाते हुवे अधिकारियों को मैनेज करने की भी चर्चाये तो बहुत पहले से ही होती रही है लेकिन उस व्यक्ति के तार भी दरगाह की आय को बंदरबांट करने वाले कर्मियों के साथ सम्बन्ध जगजाहिर है। जब महोदय ब्लॉक में एकाउंट का कार्य सरकारी तौर पर करते थे तब अवैतनिक ही दरगाह का कार्य भी प्रबंधक/लेखाकार देखते थे।लेकिन सेटिंग इतनी जबरदस्त की अब 60 साल की सरकारी नॉकरी पूरी करने के बावजूद भी लगभग दो साल से दान के पैसे से 30 हजार की तनख्वाह अपने चहेते वक्फ बोर्ड सीईओ से बंधवा कर यहीं कुंडली मारकर वक्फ की आय को बंदरबांट करने में लगा हुआ है।आज के हालात देखकर लगता है कि कुछ हजारों में ही पुताई व सीट ऊपर डालकर ठेकेदारों को भुगतान किया गया है।जिसका नतीजा है कि एक दिन की हल्की बारिश ने ही 40 लाख से अधिक की मरम्मत की पोल साबरी गेस्ट हाउस के दृश्य से खुल गयी है।अब सवाल यह है कि वक्फ बोर्ड या जिला प्रशासन ऐसे भृष्ट व्यक्ति के भरोसे कब तक दरगाह के करोड़ो रूपये के वार्षिक आय व्यय का जिम्मा उठवाता रहेगा क्या वक्फ बोर्ड व प्रशासन ऐसे भृष्ट व्यक्ति की जांच बैठाकर किसी योग्य व सरकारी रिटायरमेंट व्यक्ति को इस पद पर नहीं बैठाया जा सकता ऐसी भी क्या मजबूरी है कि भृष्ट के हाथों ही लुटाई होती रहेगी।

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